Please Enter OTP For Tractor Price कृपया ट्रैक्टर की कीमत के लिए ओटीपी दर्ज करें
Enquiry icon
Enquiry Form

परंपरागत कृषि विकास योजना : किसान के खाते में सरकार जमा कराएगी 50 हजार रुपए

परंपरागत कृषि विकास योजना : किसान के खाते में सरकार जमा कराएगी 50 हजार रुपए

    परंपरागत कृषि विकास योजना : किसान के खाते में सरकार जमा कराएगी 50 हजार रुपए

24 Aug, 2022

दुनिया के लिए भले ही यह नई तकनीक हो, लेकिन देश में परंपरागत रूप से जैविक खाद पर आधारित खेती होती आई है। जैविक खाद का इस्तेमाल करना देश में परंपरागत रूप से होता रहा है। भारत में जैविक खेती की परंपरा और महत्व आरम्भ से ही रही हैI पूर्ण रूप से जैविक खादों पर आधारित फसल पैदा करना ही जैविक कृषि कहलाता है। 

पारंपरिक जैविक खाद  से फसलें शुद्ध होती हैं और इसलिए उन्हें अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है क्योंकि पारंपरिक खेती से फसलें ताजी और शुद्ध होंगी और वे हानिकारक उर्वरकों के उपयोग के बिना उगाई जाती हैं। पारंपरिक खेती से निकलने वाले सभी कचरे को अपघटन के बाद खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

परंपरागत कृषि विकास योजना

परंपरागत कृषि विकास योजना की अवधारणा के तहत, भारत में किसानों को पारंपरिक कृषि पद्धतियों से पारंपरिक कृषि पद्धतियों की ओर बढ़ने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए सरकार आर्थिक सहायता दे रही है।भारत सरकार कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से एक नई-परम्परागत कृषि विकास योजना का शुभारम्भ किया गया है।इस योजना का उद्देश्य जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण और विपणन को प्रोत्साहन करना है जो यह सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन  के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन  का एक विस्तारित घटक है ।

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक कृषि में 'क्लस्टर दृष्टिकोण' और 'भागीदारी गारंटी प्रणाली'  प्रमाणन के माध्यम से 'जैविक ग्रामों' के विकास को बढ़ावा दिया जाता है।

‘भागीदारी गारंटी प्रणाली’  और ‘जैविक उत्पादन के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम’  के तहत प्रमाणन को बढ़ावा दे रही हैं।

परंपरागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य दीर्घकालिक जैविक खेती मॉडल विकसित करना है जो पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को जोड़ती है ताकि दीर्घकालिक मिट्टी की उर्वरता निर्माण, संसाधन संरक्षण, और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन सहायता सुनिश्चित की जा सके।

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत कार्य करता है जो किसानों के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार के लिए के जैविक खाद और जैविक उर्वरकों का संयोजन जिससे किसानों की मिट्टी में उर्वरकता में सुधार के लिए मिट्टी प्रशिक्षण आधार सिफारिशों में सुधार के लिए और उर्वरक परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करना है। 

मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रारंभ फरवरी 2015 में देश के सभी क्षेत्रों में लागू किया गया जिससे किसानों की उनकी मिट्टी की पोषक तत्वों की स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके और मिट्टी के स्वास्थ्य में पोषक तत्व की उचित खुराक की सिफारिश हो सके। 

परंपरागत कृषि विकास योजना के उद्देश्य

  • प्रमाणित जैविक खेती के माध्यम से वाणिज्यिक जैविक उत्पादन को बढ़ावा देना। उपज कीटनाशक मुक्त होगा जो उपभोक्ता के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योगदान देगा।

  •  यह किसानों की आय में बढ़ोतरी करेगा और व्यापारियों के लिए संभावित बाजार देगा।  यह उत्पादन आगत के लिए प्राकृतिक संसाधन जुटाने के लिए किसानों को प्रेरित करेगा।

  • परंपरागत कृषि विकास योजना का प्राथमिक उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को आना और जैविक तकनीकों का उपयोग करके खेती की उत्पादन सहायता करना जो प्रति रसायनों पर निर्भर नहीं है। 

  • इस योजना के तहत गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भागीदारी गारंटी प्रणाली प्रमुख तरीका है जो भारतीय मानदंडों के तहत किसान किसी भी प्रकार से जैविक खेती कर सकेंगे। 

  • भागीदारी गारंटी प्रणाली का चयन करते समय यस यस कर लिया जाए कि यह क्षेत्र और फसल के लिए उपयुक्त है कि यह उत्पादन को बढ़ावा देता है और इसमें आवश्यक पोषक तत्व कीट और रोग नियंत्रण विधियां भी शामिल हैं। 

इसी योजनाओं को लाने के लिए भारत की वेतन आयोग और उनकी सिफारिश की आवश्यक हैं क्योंकि प्रतिक समिति एक निश्चित लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्थापित की जाती है और यह उम्मीद की जाती है कि जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिससे भारतीय समाज को समग्र रूप से मदद  मिले।  इस योजना के तहत विभिन्न आयोग जैसे -सरकारिया आयोग, राजमन्नार समिति, पूंछी आयोग। 

परंपरागत कृषि विकास योजना की विशेषताएं

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत व्यवसायिक जैविक उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमाणित जैविक खेती का उपयोग किया जाएगा और उपज कीटनाशक आवश्यक मुक्त होंगे जिससे कि उपभोक्ता स्वास्थ्य को लाभ होगा यह किसानों की राजस्व में वृद्धि करेगा और व्यापारियों का नया बाजार प्रदान करेगा। 

इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा क्रमशः 60:40 के विभाजन पर मृत घोषित किया जाएगा इसके अलावा पूर्वोत्तर और एक और हिमालई राज्यों में यह प्रतिशत 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।

इस योजना का लक्ष्य होगा कि रासायनिक और कीटनाशक अवशेषों से मुक्त कृषि वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए पर्यावरण के लिए अनुकूल कम लागत वाली प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। ग्रामीण युवाओं, किसानों, उपभोक्ताओं और व्यापारियों के बीच जैविक खेती को प्रोत्साहित करना। अत्याधुनिक जैविक कृषि प्रौद्योगिकी का प्रसार करना और भारत की सार्वजनिक कृषि अनुसंधान प्रणाली के विशेषज्ञों का उपयोग  करना। प्रत्येक मोहल्ले में कम से कम एक क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित  करना।

रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग करते हैं जिसके तात्कालिक प्रभाव में भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ती है परंतु रासायनिक प्रभाव की जमीन पर बुरा प्रभाव पड़ता है इससे मिट्टी की गुणवत्ता को भारी क्षति होती है इसीलिए सरकार ने किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है और इसमें किसानों को तीन चरणों में कुल ₹50000 का अनुदान प्रदान किया जाएगा। 

परंपरागत कृषि विकास योजना एक संघीय सब्सिडी वाली योजना है जिसका पहली बार बाजार में आने पर 100 प्रतिशत समर्थन मूल्य था। विकास की कमी के कारण लाभ अंततः केंद्र और राज्य के बीच विभाजित हो गया  , इस योजना के तहत, सरकारी रिपॉजिटरी को केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 में विभाजित किया जाता है।

इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश ही ऐसे हैं जो संघीय सरकार से पूर्ण धन प्राप्त करते हैं।

परिणामस्वरूप, योजना के लाभ अनुपात के समानुपाती होते हैं। किसान नागरिकों को 88 सौ रूपए मूल्य वर्धन एवं वितरण के लिए प्रदान किया जायेगा। 3 वर्ष की अवधि के लिए किसान नागरिकों को Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत 50 हजार प्रति हेक्टयेर के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

परम्परागत कृषि विकास योजना के कार्यन्वयन के लिए पिछले 4 सालो की अवधि में 1197 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गयी है। क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए 3 हजार रूपए की राशि प्रति हैक्टेयर के अनुसार प्रदान की जाएगी।

किसान नागरिकों के बैंक खाते में परंपरागत कृषि विकास योजना से मिलने वाली सहायता राशि को उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जायेगा।किसान नागरिकों को परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत के बीजों कीटनाशकों ,जैविक उर्वरक हेतु 31 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है।

50 एकड़ के क्लस्टर को 10 लाख रुपये का वित्तीय सहायता पैकेज दिया जाएगा।प्रत्येक क्लस्टर  खाद प्रबंधन और जुटाने के लिए 14.95 लाख रुपये का भुगतान करेगा।जैविक नाइट्रोजन संचयन और खाद प्रबंधन कार्यों के लिए, प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर प्राप्त होगा।

पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण को अपनाने के लिए प्रत्येक क्लस्टर को कार्यान्वयन एजेंसी से 4.95 लाख रुपये प्राप्त होंगे। राज्य पूरे प्रमाणन शुल्क का भुगतान करेगा।

प्रत्येक किसान को बीज, परिवहन, कटाई आदि जैसे विभिन्न आदानों के लिए तीन साल के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये प्राप्त होंगे।

एक ही फसल की खेती में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पर पैसे बचाएं।लाभदायक बाजारों में कनेक्शन के कारण मूल्य प्रीमियम में वृद्धि होती है।

परंपरागत कृषि विकास योजना में आवेदन के लिए पात्रता एवं मानदंड

  • पहाड़ी इलाकों में 500 हेक्टर और मैदानी इलाकों में हजार हेक्टर और प्रत्येक कलेक्टर में कम से कम 65% किसान छोटी सीमांत किसान होंगे, इस प्रणाली के तहत अधिकतम 1 हेक्टर भूमि वाला किसान सब्सिडी सीमा के लिए पात्र होगा

  • भारत के सभी मूल निवासी किसान नागरिक परंपरागत कृषि विकास योजना में आवेदन करने हेतु पात्र माने जायेंगे।

  • किसान नागरिक की आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।

  • केवल किसान श्रेणी के नागरिक ही योजना हेतु आवेदन करने के पात्र माने जायेंगे।

  • परम्परागत कृषि विकास योजना में आवेदन करने के किसानो के पास सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज होने आवश्यक है-

  • मूल निवास प्रमाण पत्र

  • पहचान पत्र

  • आधार कार्ड

  • मोबाइल नंबर

  • राशन कार्ड

  • जन्म प्रमाण पत्र

  • आवेदक किसान नागरिक की पासपोर्ट साइज फोटो

परंपरागत कृषि  विकास योजना में आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। 

ट्रैक्टर ज्ञान पर आप सभी प्रकार के ट्रैक्टर्स की जनकारी सीधे प्राप्त कर सकते है। महिंद्रा ट्रैक्टर, स्वराज ट्रैक्टर, सोनालिका ट्रैक्टर आदि कईं और ट्रैक्टर्स के ब्रांड्स के बारे में उनकी रेट्स, फीचर्स, आधुनिक तकनीकी के बारे में भी जानकारी हमारी वेबसाइट पर मिलती है। साथ ही साथ कृषि से जुड़ी और नई जानकारी मिलती है। साथ हर राज्य द्वारा या केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी हमारी वेबसाइट पर आसानी से मिल जाती है।

ट्रैक्टर्स के बारे में, उनके फीचर्स, क्षमता आदि का स्पष्ट विवरण और सही रेट की जानकारी पहुंचाना ट्रैक्टर ज्ञान का मुख्य लक्ष्य होता है।

ट्रैक्टर ज्ञान वेबसाइट पर पुराने, नए ट्रैक्टर्स के बिक्री की सीधी जानकारी मिलती है। साथ हमसे सीधे सम्पर्क कर किसान भाई आसानी से ट्रैक्टर के क्रय-विक्रय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

https://images.tractorgyan.com/uploads/26859/63073cc8c282c_air-filter.jpg Different types of Air Filters for your tractors that you need to know
 An air filter is a machine made of porous or fibrous materials that filter the air of solid particles like dust, pollen, mould, and bacteria. Volatil...
https://images.tractorgyan.com/uploads/106555/64f598e412d96-contour-farming-process-and-benefits.jpg Contour Farming: Process & Benefits
Contour farming is a time-tested agricultural practice that focuses on tillage conservation. It involves cultivating crops along the natural contours ...
https://images.tractorgyan.com/uploads/26865/63088dc9ce644_autonxt-automation.jpg AutoNxt Automation is expected to roll out its first e-tractor in 20HP, 35HP and 45HP variants by the year end
Mumbai: AutoNxt Automation is looking to raise Rs 27 crore (USD 3.5 million) in pre-Series A funding round by October-November for the production of e...

Top searching blogs about Tractors and Agriculture

Top 10 Tractor brands in india To 10 Agro Based Indutries in India
Rabi Crops and Zaid Crops seasons in India Commercial Farming
DBT agriculture Traditional and Modern Farming
Top 9 mileage tractor in India Top 5 tractor tyres brands
Top 11 agriculture states in India top 13 powerful tractors in india
Tractor Subsidy in India Top 10 tractors under 5 Lakhs
Top 12 agriculture tools in India 40 Hp-50 Hp Tractors in India

review Write Comment About Blog.

Enter your review about the blog through the form below.



Customer Reviews

Record Not Found

Popular Posts

https://images.tractorgyan.com/uploads/112835/662210278813b-top-10-brush-cutter-models-in-india.jpg

Top 10 Brush Cutter Models In India: Decoding Their Uses and Advantages

The Brush Cutter machine helps in cutting down unwanted shrubs, tall grass, and more as these unwant...

https://images.tractorgyan.com/uploads/112800/6620c7ee051fd-india-likely-to-get-above-normal-rain-in-monsoon-in-2024.jpg

Will the Indian Monsoon in 2024 Be the Monsoon of Hopes?

Indian agriculture thrives on monsoons for their better agriculture productivity and outcomes. There...

https://images.tractorgyan.com/uploads/112789/661f7a86b4174-rainfall-in-monsoon-likely-be-above-normal-in-2024-in-india.jpg

इस मानसून किसानों की मौज: सामान्य से ज्यादा बारिश संभव

रबी फसल की कटाई खत्म हो चुकी है और अब देश के किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है। अगर आप भी उन कि...

Select Language

tractorgyan offeringsTractorGyan Offerings