कंपनी से आने वाली निर्देश पुस्तिका को जरूर पढ़ें क्योंकि उसमें कृषि यंत्र को इस्तेमाल करने का सही तरिका और ट्रैक्टर के देखरेख का सही तरीका बताया जाता है।
इस बात का जरूर ध्यान दें की ईंधन की टंकी और फ़्यूल पाइप के किसी भी हिस्से से कोई लीकेज़ नहीं हो।
यदि इंजन शुरू करते समय आपको खट-खट की आवाज सुनाई देती है, तो इसका मतलब है कि ईंधन के जलने के लिए ज़रूरी हवा इंजन तक नहीं पहुंच रही है। इसके लिए आपको ट्रैक्टर इंजन की सर्विसिंग करनी या करानी चाहिए।
यदि आपका इंजन काला धुआं पैदा करता है, तो इसका मतलब है कि ट्रैक्टर अपनी आवश्यकता से अधिक डीजल का उपयोग कर रहा है।
इंजन शुरू करने के बाद, इसे कम से कम 30 सेकंड तक गर्म होन दे। इसके बाद ही ट्रैक्टर पर लोड डालना चाहिए।
इंजन को बिना किसी कार्य के चालु न रहने दे, इससे प्रति घंटे कम से कम 1 लीटर डीजल की बर्बादी होती है।
हवा से छोटे धूल कणों के इंजन में प्रवेश से अंदरुनी भागों पर अधिक घिसाव होता है। इससे न केवल अत्यधिक तेल की खपत होती है, बल्कि रखरखाव का खर्चा भी बढ़ जाता है। इस लिए समय-समय पर इंजन की सफाई करते रहें।
ट्रैक्टर टायरों में सही हवा का दबाव बनाए रखें, टैक्टर की क्षमता से अधिक भार न ढोएं। टायर में हवा का सही दबाब ना होने से और क्षमता से अधिक भार डालने पर डीजल की अधिक खपत होती है|