सबसे पहले, क्टर मैन्युअल ज़रूर पढ़ें। इसमें आपको सर्विसिंग शेड्यूल, ज़रूरी रखरखाव आदि के बारे में जानकारी मिलेगी।
ट्रैक्टर मैन्युअल में बताए गए निर्देशों के अनुसार सर्विसिंग करवाएं। आमतौर पर, हर 250-500 घंटे के बाद ट्रैक्टर सर्विसिंग करवानी चाहिए।
सर्विसिंग से पहले, ट्रैक्टर को धोकर साफ कर लें। इससे मैकेनिक को काम करने में आसानी होगी और इंजन के अंदर धूल मिट्टी जाने से भी बचेगी।
ट्रैक्टर में आपको कोई खराबी या समस्या दिख रही हो तो उसकी सूची बना लें। इसे मैकेनिक को बताएं ताकि वो भी उसे ठीक कर सके।
सर्विसिंग के लिए हमेशा किसी अनुभवी और प्रमाणित मैकेनिक को चुनें।
अगर मुमकिन हो तो, सर्विसिंग के दौरान खुद मौजूद रहें। इससे आप देख पाएंगे कि कौन से काम किए जा रहे हैं और क्या पार्ट्स बदले जा रहे हैं।
मैकेनिक से किसी भी चीज़ के बारे में सवाल पूछने में संकोच न करें। यह समझने की कोशिश करें कि वो क्या काम कर रहा है और क्यों।
सर्विसिंग पूरी होने के बाद, बिल जरूर लें। इसमें किए गए कामों, बदले गए पार्ट्स, और लगी हुई मजदूरी का विवरण होना चाहिए।
अगर आपके ट्रैक्टर पर वारंटी है तो सर्विसिंग के दौरान वारंटी कार्ड ज़रूर दिखाएं।
सर्विसिंग की रसीद संभाल कर रखें। यह भविष्य में वारंटी क्लेम करने के लिए काम आ सकती है।
सर्विसिंग के बाद भी, ट्रैक्टर का नियमित रखरखाव करते रहें। इसमें तेल और फिल्टर समय पर बदलना, टायरों की हवा का दबाव चेक करना, आदि शामिल है।