थ्रेशर मशीन खेती में फसल को काटने, अनाज को अलग करने और उसे साफ करने के लिए उपयोग की जाती है। यह कृषि काम को सरल और तेज़ बनाती है।
भारतीय मानक संस्थान या आईएसआई किसी भी यंत्र को बनाने के लिए कुछ निर्देश देती है। और हम उसका पता आईएसआई के इस निशान द्वारा लगा सकते हैं ।
कम कीमत के थ्रेशरो में पुर्जे हल्के दर्जे के लगे होते है। जिससे थ्रेशर ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाते, इसीलिए आपको थ्रेशर मशीन की कीमत पर निर्भर नहीं रहना चाहिए ।
थ्रेशर खरीदने से पहले यह जानना बहुत जरुरी है कि ट्रैक्टर की पावर कितनी है। क्योंकि थ्रेशर मशीन को ट्रैक्टर से जोड़ा जाता है, इसलिए ट्रैक्टर और थ्रेशर मशीन की पावर का सही तालमेल में होना बहुत ज़रूरी है।
थ्रेशर मशीन विभिन्न थ्रेशिंग मैकेनिज्म के साथ आते हैं, जैसे ड्रम थ्रेशर, स्पाइक-टूथ सिलेंडर थ्रेश, कंबाइन हार्वेस्टर, और आदि।
प्रत्येक उपयोग के बाद, थ्रेशर मशीन को साफ करें ताकि धूल, भूसी और मलबे निकाले जा सकें। गतिशील भागों पर तेल लगाकर घर्षण को कम करें। बेल्ट और चेन की निगरानी करें, और जब आवश्यक हो, उन्हें कसें या बदलें।
सुनिश्चित करें कि जिस थ्रेशर मशीन को खरीदने का आप मन बना रहें है उसमे पर्याप्त सुरक्षा फीचर्स,जैसे सुरक्षात्मक गार्ड, आपातकालीन स्टॉप और सुरक्षा स्विच है।
मशीन को मजबूती से फिट करें ताकि हिलाव न हो। कपड़े को ढीला नहीं पहनें। चश्मा और चेहरे को सुरक्षित रखें, हाथों में दस्ताने पहनें। ढीले कपड़ों से बचें, रोशनी का सही प्रयोग करें।