थ्रेशर की बहुत सारी Varity आज कल मार्केट में देखने को मिल जाती है। उनमे से अपने थ्रेशर का चुनाव करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। यह इस ब्लॉग में आपके लिये बहुत आसान शब्दों में थ्रेशर चुनने की प्रक्रिया बताने की कोशिश की है। आइये जानते है इसके बारे में।
कम कीमत का थ्रेशर हमेशा अच्छा नहीं होता
थ्रेशर का चुनाव उसकी कीमत पर भी निर्भर करता है क्यों की किसान हमेशा कम कीमत वाला थ्रेशर लेना चाहता है। कम कीमत के थ्रेशरो के पुर्जे हल्के दर्जे के लगे होते है। जिससे थ्रेशर ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाते, इसीलिए ISI Mark थ्रेशर मिल रहा है तो पहले प्राथमिकता उसे ही दे।
Thresher की क्षमता कितनी होनी चाहिए:- थ्रेशर खरीदने से पहले यह सोचना बहुत जरुरी है, कि जिससे थ्रेशर चलाना है। उसकी पावर कितनी है। उसको थ्रेशर खरीदते समय थ्रेशर एक्सपर्ट से जरूर जानकारी ले की किस पावर के लिए कौन सा थ्रेशर अच्छा है। तो आइये हम उसे समझने की कोशिश करते है।
अपने थ्रेशर का चुनाव हमेशा अपने ट्रैक्टर, मोटर या इंजन के हिसाब से करना चाहिए।
थ्रेशर का चुनाव इतना छोटा भी न करे की आपके ट्रैक्टर की पावर wastage ho जाए।
थ्रेशर इतना भी बड़ा नहीं होना चाहिए की वो लोड ले के(दब के) चले जिससे आपका थ्रेशर बहुत जल्दी ख़राब हो सकता है। इसलिए क्षमता और उपलब्ध पावर के अनुशार थ्रेशरो का चुनाव करना चाहिए।
Thresher की गुणवत्ता कैसे परखे:- किसान हमेशा मन में यही सोचता है, अच्छे थ्रेशर का कैसे पता करे। इसके लिए सरकार के व्दारा कुछ पैमाने भी दिए गए है, तो आइये हम वो दिशा निर्देश जानते है। भारतीय मानक संस्थान किसी भी यंत्र को बनाने के लिए कुछ निर्देश देती है।
भारतीय मानको के अनुसार अगर थ्रेशर बनाया गया हो तो,उन थ्रेशरो को भारतीय मानक संस्थान व्दारा मान्यता दी जाती है।
जहा तक हो सके ISI चिन्ह वाली मशीन ही खरीदना चाहिए।
ISI Mark वाले Thresher में प्रयोग होने वाले कल पुर्जे स्टैंडर्ड होते है।
ISI Mark वाले Thresher की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी होती है,इसलिए ऐसे थ्रेशेरो की शक्ति भी ज्यादा होती है,जिससे ट्रैक्टर पर लोड भी कम पड़ता है।
मरम्मत और स्पेयर पुर्जो की उपलब्धता का रखे ध्यान :- थ्रेशर खरीदते समय हमें यह ध्यान रखना बहुत जरुरी है। तो आइये हम जानते है वो क्या बाते है।
हमें सबसे पहले ये भी जानकारी लेना है जो थ्रेशर हम खरीद रहे है उसकी मरम्मत और स्पेयर पुर्जो या पार्ट मार्किट में आसानी से मिल जायेगे या नहीं।
अगर थ्रेशर की मरम्म्त लोकल कारीगर (मिस्त्री )से नहीं होती तो आपको भारी नुकशान उठाना पड़ सकता है।
पावर स्त्रोत
थ्रेशर मशीन चलने के लिए पावर स्त्रोत की जरूरत होती है।
साधारणतय वही किसान थ्रेशर ख़रीदते है जिनके पास पहले से ही कोई न कोई पावर स्त्रोत होते है।
किसान के पास उपलब्ध ट्रैक्टर, मोटर या इंजन से मेल खाने वाला ही थ्रेशर ही ख़रीदना चाहिए।
थ्रेशर में सुरक्षा को दे प्राथमिकता:- सुरक्षा उपकरण बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।
थ्रेशरो के उपयोग के साथ साथ दुर्घटनाये भी बहुत बढ़ रही है।
काम करने वाले मजदूर प्रशिक्षित नहीं होते।
मजदूरों को थ्रेशर के बारे में जानकारी ना होने से दुर्घटना हो जाती है।
इसलिए हम वही थ्रेशर खरीदे जो सुरक्षा की द्रष्टि से बहुत ही अच्छा बनाया गया हो।
दुर्घटनाये होने पर जन और धन दोनों की भारी क्षति हो सकती है।
थ्रेशर की लम्बी उम्र के लिए इन बातों का रखे हमेशा ध्यान
हमें थ्रेशर फसल के हिसाब से भी जैसे दलहन,तिलहन या गेहूँ,चना ,बाजरा जिसकी हमें ज्यादा जरूरत हो या ऐसा थ्रेशर जो सब में काम करे वही थ्रेशर खरीना चाहिए। थ्रेशर के उपयोग के बाद थ्रेशर की सफाई करके आयल लगाकर छाँव में रखना चाहिए और थ्रेशर पर पानी ना गिरे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
नोट: थ्रेशर को चलने के लिए कम से कम ट्रैक्टर को 40HP - 55HP का होना बहुत जरुरी है अगर आप ट्रैक्टर के वारे में जानकारी लेना हैं की कौन सा सही रहेगा आप हमारी वेबसाइड Tractorgyan पर आकर देख सकते है जहाँ पर आपको सारे कंपनी के tractor के बारे बताया गया है
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