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ट्रैक्टर सब्सिडी में हो रहा भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी
सरकार छोटे और जरूरत मंद किसानों के लिए ट्रैक्टरों और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देती हैं । कृषि उपकरणों को बढ़ावा देने वाले सब्सिडी का दुरुपयोग किया जा रहा है । आज हम आपको ब्लॉग के जरिए बताएंगे कहां और कैसे किया
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: 9 करोड़ किसानों के खाते में पहुंचे 18 हजार करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर यानि 25 दिसंबर को पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की अगली किस्त जारी कर दी। पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में बटन दबाकर सीधे किसानों के
किसान आंदोलन में पहुंचा 35 लाख का ट्रैक्टर
किसान की शान, किसान की जान होता है ट्रैक्टर, जिससे वो फसल उपजाता है और वो उसे अपने जान से भी ज्यादा संभाल कर रखता है। ऐसे ही एक ट्रैक्टर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं । जैसे की
UP govt plans to distribute tractors to 69 ‘lucky’ farmers
Amid the ongoing farmer’s protest over Centre’s three contentious agriculture laws, the Uttar Pradesh government is gearing up to distribute tractors to dozens of ‘lucky’ farmers soon in a bid to cultivate goodwill with the farmers’ community in the state, sources dealing
कमाल की मशीन है गन्ना हार्वेस्टर, एक घंटे में होगी 15 टन गन्ने की कटाई।
गन्ना भारत में एक प्रमुख फसल है, जिसके के लिए देश भर में कई किसान साल भर मेहनत करते है। लेकिन किसानों के लिए मेहनत तब और बढ़ जाती है जब कटाई का समय आता है कई बार उन्हें इस काम के
59 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देना बंद करेगी सरकार, इन 17 पर रहेगी जारी।
वैसे तो सीधे तौर पर कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन का कोई प्रभाव किसानों पर नहीं पड़ा, लेकिन अब इस लॉकडाउन में हुए आर्थिक नुकसान के चक्कर में सरकार किसानों को दिए जाने वाले अनुदान में कटौती कर रही है। आपको
60,000 की यह कृषि मशीन इस किसान ने 5,000 में कैसे बना दी?
कृषि का मशीनीकरण हो ऐसा सभी चाहते हैं, किसान भी चाहते है उनके पास ऐसी मशीनों हो जिससे उनका काम जल्दी हो, आसान हो और उनकी उपज भी बढ़े। लेकिन भारत में कृषि के मशीनीकरण में सबसे बढ़ी चुनौती है इन मशीनों
किसानों के लिए यूनियन बैंक का खास ग्रीन कार्ड, फार्म मशीनों की खरीद पर मिलेगा लाभ।
किसानों को अपनी खेती कार्यों को पूरा करने के लिए कई बार लोन की जरूरत होती है, उन्हें कोई नई सिंचाई की, जुताई की मशीन खरीदनी हो या बुआई के समय जरूरी साधन खरीदने हो या अपने घर की जरूरतों को पूरा
ड्रिप सिंचाई और सहजन के पौधों से कैसे एनजीओ बदल रहें है महाराष्ट्र के किसानों की ज़िंदगी?
महाराष्ट्र के कई इलाकों में किसान सूखे से परेशान हैं, वो पानी की कमी के कारण पारंपरिक फसलें नहीं उगा पा रहे हैं। सूखाग्रस्त इलाकों में किसानों की इस तरह की स्तिथि बन गई है कि वो खुद की गुज़र बशर भी
कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर चुकी पायल, अब जैविक खाद से कमा रहीं है 2 लाख रुपए हर माह।
किस तरह कृषि के क्षेत्र में बदलती जरूरतों के अनुरूप कार्य कर कोई शख़्स कामयाब हो सकता है, अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमा सकता है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण है मेरठ की रहने वाली पायल अग्रवाल। पायल एक 27 वर्षीय युवती










































