अपोलो ट्रैक्टर टायर्स गुणवत्ता और किफायती कीमत का बेहतरीन मेल हैं। ये टायर्स आधुनिक तकनीक से तैयार किए गए हैं, जिससे किसानों को बेहतर परफॉर्मेंस मिलती है। ये अलग-अलग साइज में उपलब्ध हैं, ताकि हर तरह के ट्रैक्टर के लिए सही टायर चुना जा सके। अपोलो ट्रैक्टर टायर की कीमत भारत में लगभग ₹3,600 से ₹48,500 तक है। इस रेंज में छोटे ट्रैक्टर से लेकर बड़े ट्रैक्टरों के लिए टायर मिल जाते हैं। अपोलो के कुछ लोकप्रिय टायर मॉडल हैं – अपोलो कृषक गोल्ड- ड्राइव 13.6x28, अपोलो फार्मिंग 12.4x28, और, अपोलो पावरहॉल 13.6x28।
ट्रैक्टर टायर मॉडल | टायर का आकार | टायर की कीमत |
अपोलो कृषक गोल्ड - ड्राइव 13.6x28 - रियर टायर | 13.6x28 | Rs. 16,400* |
अपोलो कृषक प्रीमियम सीआर 6.00x16 - फ्रंट टायर | 6.00x16 | Rs. 3,540* |
अपोलो कृषक गोल्ड - ड्राइव 12.4x28 - रियर टायर | 12.4x28 | Rs. 14,500* |
अपोलो कृषक प्रीमियम - ड्राइव 16.9x28 - रियर टायर | 16.9x28 | Rs. 22,000* |
अपोलो कृषक प्रीमियम - ड्राइव 14.9x28 - रियर टायर | 14.9x28 | Rs. 18,450* |
अपोलो कृषक गोल्ड - ड्राइव 14.9x28 - रियर टायर | 14.9x28 | Rs. 17,000* |
अपोलो कृषक प्रीमियम - ड्राइव 12.4x28 - रियर टायर | 12.4x28 | Rs. 14,000* |
डेटा अंतिम बार अपडेट किया गया : 26 Aug 2025 कीमत* अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है |
अपोलो ट्रैक्टर टायर की कीमत करीब ₹3,400* से शुरू होकर ₹59,500* तक जाती है।
अपोलो के लोकप्रिय ट्रैक्टर टायरों में अपोलो फार्मकिंग 12.4x28, अपोलो कृषक गोल्ड - ड्राइव 13.6x28, और अपोलो कृषक गोल्ड - स्टीयर 6.50x16 शामिल हैं।
अपोलो फ्रंट ट्रैक्टर टायर 6.00x16, 6.50x16, 6.50x20 सहित कई अन्य साइज में उपलब्ध हैं।
अपोलो रियर ट्रैक्टर टायर 12.4x28, 13.6x28, 14.9x28, 12.4x24 और अन्य साइज में उपलब्ध हैं।
इन टायरों में ज्यादा संख्या में लग्स, पंक्चर रेजिस्टेंस, डुअल टेपरिंग, और लंबी लाइफ जैसे खास फीचर्स हैं।
ट्रैक्टर ज्ञान पर अपोलो के 18 से ज्यादा ट्रैक्टर टायर की जानकारी उपलब्ध है।
अपोलो ट्रैक्टर टायर पर निर्माण तिथि से 7 साल तक की वारंटी दी जाती है।
अपोलो कृषि टायर से जुड़ी पूरी जानकारी आपको ट्रैक्टर ज्ञान पर मिलेगी।
अपोलो ट्रैक्टर टायर के साइड में 4 अंकों का कोड देखें। पहले दो अंक उस हफ्ते को दिखाते हैं जब टायर बना है, और आखिरी दो अंक उस साल को।
अपोलो प्रमुख ट्रैक्टर टायर निर्माता कंपनी हैं। यह फार्म श्रेणी के लिए रेडियल टायर बनाने वाली पहली भारतीय टायर कंपनी है। अपोलो ट्रैक्टर टायर्स का मुख्यालय गुरुग्राम, हरियाणा में है। अपोलो टायर्स लिमिटेड को 1972 में स्थापित किया गया था और इसका पहला संयंत्र 1977 में चालकुडी, केरल (भारत) में पेरम्बरा में स्थापित किया गया था। अपोलो की भारत में पांच विनिर्माण इकाइयां हैं जिनमें से एक नीदरलैंड में और एक हंगरी में है। यह दुनिया के सबसे बड़े टायर निर्माताओं में से एक है। भारत में अपोलो टायर्स के पास 5,000 डीलरशिप का नेटवर्क है, जिनमें से 2,500 से ज्यादा एक्सक्लूसिव आउटलेट हैं। जो आपको सबसे उपयुक्त अपोलो ट्रैक्टर टायर की कीमत प्रदान करेगे। अपोलो टायर्स कंपनी अपने राजस्व का 69% भारत से, 26% यूरोप से और 5% अन्य देशों से उत्पन्न करती है। अपोलो अपने उत्पादों को 2 वैश्विक ब्रांडों के अंतर्गत बाजार में पेश करती है यह ब्रांड हैं अपोलो और वेरेस्टीन।
अपोलो ट्रैक्टर टायर्स लिमिटेड को भारत में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में 1972 में स्थापित किया गया था। स्थापना के बाद से ही यह लगातार टायर बेचने का कार्य कर रहा हैं। इसका कॉर्पोरेट मुख्यालय भारत के गुड़गांव में हैं। कंपनी ने 1975 में इक्विटी शेयरों का शुरुआती सार्वजनिक प्रस्ताव जारी किया और इस कंपनी की पहली निर्माण सुविधा 1977 में पेरम्बरा प्लांट त्रिशूर, केरल, भारत में शुरू की गई थी, इसका दूसरा प्लांट लिम्डा, गुजरात 1991 में शुरू किया गया था। 1995 में कंपनी द्वारा प्रीमियर टायर्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया गया था। कलामसेरी, केरल, भारत में इसका तीसरा संयंत्र बनाया गया था। इसके बाद 2008 में अपोलो ने चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में एक नए संयंत्र की शुरूआत की। अपोलो टायर्स की भारत, हंगरी और नीदरलैंड में विनिर्माण इकाइयां हैं। अपोलो टायर्स ने 2015 में 45.6 मिलियन में जर्मनी के रिफेनकॉम टायर वितरक को खरीदा था। कंपनी ने 2016 में राज्य में नया कारखाने का निर्माण करने के लिए आंध्र प्रदेश की सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, इसके बाद 2017 में हंगरी में अपने संयंत्र का उद्घाटन किया। 2020 के अंत में, कंपनी ने 17,200 कर्मचारियों के साथ 2.27 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार किया था।
इन सामग्री में पुराने टायरों से टिकाऊ कार्बन ब्लैक, रिसाइकिल रबर, रिसाइकिल किया हुआ नायलॉन, जैव-आधारित तेल और प्रोसेस किए गए बीड वायर, उच्च रिसाइकिल सामग्री शामिल हैं। अपोलो टायर के लिए उपयोग किए जाने वाले बेस पॉलीमर बायो-सर्कुलर पर आधारित फीडस्टॉक के साथ Gpsnr प्रमाणित हैं। अपोलो ट्रैक्टर टायर्स ने 75% टिकाऊ सामग्री वाले टायर बनाये हैं जो वर्ष 2030 तक टिकाऊ कच्चे माल के उपयोग को 40% तक बढ़ाने का काम करेंगे। इन कॉन्सेप्ट एग्रीकल्चर टायर्स को बनाने में 75 प्रतिशत तक टिकाऊ सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। टायरों के भागों में ऐसे कंपाउंडिंग तत्व शामिल होते हैं जिनमें 9 विशेषताएं हो।
यह अपोलो ट्रैक्टर टायर तेज गति पर सुपर लग स्थिरता प्रदान करता हैं। अपोलो पॉवरहॉल टायर बाहरी चोटों से बचाता है। अल्टरनेट लग घिसाव को रोकने के लिए समान भार वितरण को योग्य बनाता हैं। यह 18.4-30 14pr आकार में उपलब्ध होता हैं।
इस अपोलो ट्रैक्टर टायर टायर में नायलॉन का एक मजबूत आवरण होता है। यह स्प्रे करने और पंक्तिबद्ध फसल अनुप्रयोगों में काफी मददगार हैं। अपोलो Fx 515 टायर की कीमत आसानी से वहन करने योग्य है। यह जमीन पर कम दबाव बनाता हैं, उच्च भार वहन करने की क्षमता प्रदान करता है और फसल की सुरक्षा करता हैं।
अपोलो कृषक गोल्ड ड्राइव टायर उच्च भूमि क्षेत्रों, और ऊबड़-खाबड़ वाले खेत के लिए उपयुक्त है। बेहतर माइलेज प्रदान करता है और रिट्रेडिबिलिटी को बढ़ाता है। Apollo Krishak Gold Drive टायर उपयोग में किफायती होता है। इस टायर को एक मजबूत और जटिल डिजाइन से बनाया गया है।
कृषक प्रीमियम ड्राइव ट्रैक्टर रियर टायर उच्च-प्रदर्शन प्रदान करता हैं। यह अपोलो ट्रैक्टर टायर पंचर प्रतिरोध और हाई रिट्रेडिबिलिटी की सुविधा देता हैं। यह अलग-अलग क्षेत्र की स्थितियों में बेहतर प्रदर्शन के लिए एक बहुउद्देशीय बायस प्लाई टायर हैं।
यह अपोलो ट्रैक्टर टायर भारत का नंबर 1 कृषि रेडियल टायर हैं जो बेहतर पकड़ का प्रदर्शन प्रदान करता हैं। फार्मकिंग उत्कृष्ट ईंधन दक्षता में बेहतर और कम मिट्टी संघनन का उपयोग करता हैं। इसका जीवनकाल 1.5 गुना लंबा होता हैं। प्रीमियम कृषि रेडियल ट्रैक्टर रियर टायर लंबे जीवन के लिए बेहतर ग्रिप के साथ आता हैं।
अपोलो फ्रंट और रियर दोनों प्रकार के टायर्स बनाता हैं। यह दोनों टायर्स ही बजट के अंदर आ जाते हैं। इन्हें भारत के किसान आसानी से खरीद सकते हैं। अगर हम फ्रंट टायर की कीमत की बात करे तो यह रियर टायर से सस्ते होते हैं। आप ट्रैक्टरज्ञान पर अपोलो ट्रैक्टर टायर की मूल्य सूचि प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ आपको उचित अपोलो ट्रैक्टर टायर प्राइस मिलेंगी।
वाहन और जमीन के बीच में टायर “संपर्क बिंदु” का काम करता हैं। इंजन द्वारा जो शक्ति उत्पन्न होती हैं उस शक्ति को टायरों के बिना गति में बदला नहीं जा सकता है। सतह और टायर का संपर्क होने पर जो प्रभाव पड़ता हैं उससे निर्धारित होता है कि इंजन की शक्ति का कितना उपयोग किया जा सकता है।
वाहन को ओवरलोड करने से बचे इससे टायरों पर वजन पड़ता हैं और ऐसे में टायर फट भी जाता है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए अपोलो ट्रैक्टर टायरों की लोड रेटिंग और हॉलेज लोड के लिए जो सरकारी नीतियां तय की गई हैं उनका पालन करें।
यदि कुछ सावधानियां रखी जाएँ तो ट्रैक्टर के टायरों से अधिक माइलेज प्राप्त किया जा सकता हैं। नियमित रूप से अपोलो ट्रैक्टर टायरों के आगे और पीछे के हवा के दबाव की जांच करना चाहिए। आदर्श वायु दाब बना रहेगा तो असमान ट्रेड घिसाव से बचने में मदद मिलती है।
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अपोलो ट्रैक्टर टायर खेती के कार्य को बहुत आसान कर देते हैं। आज आपने ट्रैक्टरज्ञान पर अपोलो टायर के बारे में पूरी तरह से जाना। अगर आप भी अपने ट्रैक्टर के लिए अपोलो टायर खरीदना चाहते हैं तो अभी ट्रैक्टरज्ञान विजिट करें जहाँ हमने लोकप्रिय अपोलो ट्रैक्टर टायर की प्राइस लिस्ट दी हैं। जिससे आपको अपनी पसंद और आवश्यकतानुसार टायर खरीदने में मदद मिलेगी वो भी उचित कीमत पर। आप यहाँ ट्रैक्टर टायरों के अधिकृत डीलर्स भी खोज सकते हैं।