24 May, 2021
मॉनसून विभाग ने इस वर्ष सामान्य मॉनसून के आसार जताए है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब इंद्रदेव किसानों पर मेहरबान नजर आ रहे हैं। इससे पहले 2019 और 2021 में भी सामान्य से अधिक वर्षा हुई थी।
किसानों की मेहनत रंग लाए इसके लिए कई घटकों का एक दिशा में बैठना ज़रुरी होता है, इसमें भी खरीफ फसल की बात की जाए तो सबसे महत्त्वूर्ण घटक वर्षा ही होती है। मॉनसून किस तरह रहेगा इसी पर निर्भर करता है कि किसानों को अपनी फसल से बराबर उपज मिलती है या नहीं। इस वर्ष मॉनसून का पूर्वानुमान लेकर मौसम विभाग तैयार है, जिसमें साफ तौर पर किसानों की खुशहाली नजर आ रही है।
मौसम विभाग ने मानसून 2021 का पूर्वानुमान जारी करते हुए सामान्य मानसून के आसार जताए है। जिसके अनुसार जून से सितम्बर तक बारिश सामान्य रहेगी।
देश की लगभग आधी कृषि भूमि, जिसमें कोई सिंचाई कवर नहीं है, चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलें सीधे तौर पर जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर करती है। इनके साथ रबी की फसलों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है।
30 मई तक एक और पूर्वानुमान होगा जारी।
अप्रैल माह में जारी किए पूर्वानुमान के अनुसार वर्षा इस तरह होने के ही आसार है, जिससे किसानों को ज्यादा उपज मिले।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने 6 मई को बताया कि अगला पूर्वानुमान भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) 31 मई तक जारी करेगा।
बता दें बार पूरे मॉनसून सीजन तक चार महीने का अलग-अलग पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। मई महीने का अप्रैल में, जून का मई, जुलाई का जून में, अगस्त का जुलाई में और सितम्बर का पूर्वानुमान जुलाई में जारी करने की योजना है।
राजीवन ने ट्वीट के जरिए यह भी कहा कि "पूरे देश में मौसमी वर्षा (जून से सितंबर) लंबी अवधि के औसत के 96 से 104 प्रतिशत पर सामान्य होने की संभावना है, जो 1961-2010 की अवधि के लिए 88 सेमी है।" यानी कि समान्य रुप से जो वर्षा होती है उसमें मात्र 4 प्रतिशत ऊपर नीचे होगा।
आपको यह भी बता दें कि सबसे पहले मॉनसून केरल से प्रवेश करता है जो इस वर्ष और सामान्यता जून के पहले हफ्ते में आता है और सितंबर तक राजस्थान से विदाई ले लेता है।
रबी सीजन में होगा बंपर उत्पादन।
आपको यह भी बता दें नॉर्मल मॉनसून को देखते हुए सरकार ने भी उपज का लक्ष्य तय कर लिया है। पिछ्ले वर्ष जहां 303 मिलियन टन उपज का टारगेट था, तो इस बार इसमें 4 मिलियन टन की वृद्धि करते हुए 307 में मिलियन टन उपज का टारगेट रखा गया है। 307 मीट्रिक टन के कुल लक्ष्य में 151 मीट्रिक टन खरीफ फसल (जिसमें 121 मीट्रिक टन धान शामिल है) और 156 मीट्रिक टन रबी
फसल शामिल है (जिसमें 110 मीट्रिक टन गेहूं शामिल है)।
जिस तरह पिछ्ले वर्ष किसानों की अच्छी उपज हुइ और सरकारी खरीद का रिकॉर्ड भी बना इस वर्ष भी बंपर रबी उपज के आसार है। इस बार रबी सीजन का टारगेट बीते 5 सालों में सबसे अधिक है, इन पांच सालों में सबसे ज्यादा उपज 153.7 मिलियन टन ही रही है। एक कारण यह भी है कि इस वर्ष ज्यादा हिस्से में बुआई के आसार जताए गए है।
तो यह थी खास खबर मॉनसून 2021 और कृषि पर उसके प्रभावों से जुड़ी। मॉनसून की आने वाली अपडेट भी आपको ट्रैक्टर पर बताई जाएंगी।
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