09 Mar, 2021
● क्या सब्सिडी लेने वाला किसान मुफ्तखोर है?🤔
किसान की आज क्या हालत है? इस सवाल जवाब देते हुए कुछ आंकड़े हमने पिछले भाग
क्यों पीछे रह गया किसान -1
में आपके सामने पेश किए थे। इस भाग में भी उन्हीं तरह के आंकड़ों के साथ कुछ जरूरी सवालों के जवाब तलाशेंगे। हमनें आपको किसानों आय के बारे में बताया, अब बताएंगे पिछले 45 सालों में किसान की आय कितनी बड़ी है और इस दौरान दूसरे पेशों में क्या परिवर्तन आए?
"शिक्षक की आय 320 गुणा बढ़ी, किसान की आय मात्र 19 गुणा "
कृषि विशेषज्ञ देवेन्द्र शर्मा बताते है "अगर 1970 से 2015 के बीच जब आप विभिन्न पेशों में आय वृद्धि के आंकड़े देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि इस दौरान एक सरकारी स्कूल के टीचर की आय 280 से 320 गुणा बढ़ी, यूनिवर्सिटी प्रोफेसर की आय 150 से 180 गुणा तक बढ़ी, एक आम सरकारी मुलाजिम की आय 120 से 150 गुणा बढ़ी है लेकिन अगर गेहूं व धान के दामों के आधार पर हम किसान की आय देखेंगे तो मात्र 19 गुणा बढ़ी है। अगर किसी और पेशों किसानों के जितनी आय वृद्धि होती तो वो अब तक अपना पेशा छोड़ चुके होते।"
इस यूट्यूब वीडियो में देवेन्द्र जी यह भी बताते हैं कि 1970 में गेहूं के दाम 76 रुपए प्रति क्विंटल थे जो 2015 में बढ़कर 1450 रुपए प्रति क्विंटल हो गए, अगर दूसरे पेशों की तरह किसानों की आय बढ़ती तो 100 गुणा आय वृद्धि के लिए भी गेहूं 7,600 प्रति क्विंटल बनता था।
यह उनका हक है, अगर आज दाम उन्हें 5-6 हज़ार प्रति क्विंटल कम मिल रहें है तो यह चोरी सामाज कर रहा है, किसानों के साथ अन्याय कर रहा है।
आजादी के बाद भी गरीब ही होता गया है किसान!
जब आप अपने बुजुर्गों से पूछेंगे या पता करेंगे की 1970 के दौर से आज तक मंहगाई कितनी बढ़ गई है तो आपको यह पता चल जाएगा कि किसानों आय में वृद्धि और उनके जीवन यापन के लिए जिन वस्तुओं की जरूरत होती उनकी कीमतों में वृद्धि में कितना अंतर तो आपको पता चल जाएगा।
आजाद भारत में भी किसान गरीब होता गया है, आज़ाद भारत, एक लोकतंत्र में किसानों के साथ अन्याय ही हुआ है। यह अन्याय हमारे सामाज ने, हमारी सरकारों की आर्थिक नीतियों ने किया है।
इसके आगे हम जो आंकड़ें पेश कर रहे उनसे शायद उन लोगों का भी नज़रिया बदलें जो मानते है किसान मुफ्तखोर होता है।
भारत के किसान कितने बड़े मुफ्तखोर?
दरअसल उनका यह कहना कि सरकार किसान को सब्सिडी के रूप में व्यर्थ पैसा प्रदान करती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कुछ पश्चिमी देशों में लगभग 47 लाख रुपए हर किसान को डायरेक्ट सब्सिडी मिलती है, जबकि भारत में लगभग 15 हज़ार रुपए मिलती है।
अलग अलग देशों में सब्सिडी के आंकड़े देखे तो जापान में 7 लाख, कनाडा में 11 लाख और अमेरिका में तो 42 लाख रुपए सीधे सब्सिडी के तौर पर हर किसान को सालभर में दिए जाते है। ऐसे में अब यह तय कीजिए भारत के किसान कितने बड़े मुफ्तखोर हैं।
इस विषय में अधिक जानकारी के लिए देखे यह यूट्यूब वीडियो :
किसान के साथ हो रहा उल्टा खेल!
दरअसल पूरे विश्व में ही किसानों की हालत कोई खासा अच्छी नहीं है, इसलिए सभी देशों की जरूरत है कि वो आर्थिक रूप से किसानों की सहायता करें।
यहां आपको यह भी समझना चाहिए कि आखिर हर जगह किसानों के हाल क्यों खराब हैं, क्या किसान कौम ही बेवकूफ, अनपढ़ और मक्कार होती है?
जी बिल्कुल नहीं, दरअसल हमारी जो सामाजिक आर्थिक व्यवस्था है वो ही किसान के साथ अन्याय करती है। यह बात समझने के लिए आपको अर्थव्यस्था की समझ होनी जरूरी नहीं है, मामूली सी बात है जब भी कोई शख़्स किसी भी प्रकार धंधा शुरू करता है तो वो कच्चा समान थोक के भाव खरीदता है उससे कुछ उत्पाद तैयार करता है और उसे खुदरा भाव पर बाज़ार में बेचता है और इसी से उसे मुनाफा होता है, यही उसकी आय है।
100 रुपए में किसान को मिलता है 1 रुपया!
किसान के मामले वो खुदरा समान पर निवेश करता है, फर्टिलाइजर, कृषि मशीनरी, डीजल, बीज और अन्य जरूरतें वो किसी खुदरा दुकान पर जाकर पूरा मोल चुकाकर खरीदता है और जब वो इससे अपनी पूरी मेहनत के साथ फसल तैयार करता है तो उसे बेचता है थोक भाव पर, जिसका उपयोग कर व्यापारी और उत्पादक वर्ग मुनाफा कमाता है।
ऐसी स्तिथि में यह तो स्पष्ट है कि किसानी कोई मुनाफे का धंधा नहीं, पूरे विश्व में यह समस्या है। दुनिया के किसी कोने में अगर किसान काफी के बीज उगाता है तो उसे उसका 1 रुपया मिलता है और वही काफी किसी दूसरे कोने में एक कैफे का मालिक 100 रुपए में खरीद रहा होता है।
तो हम उम्मीद करते है भारत और विश्व में किसानों की क्या हालत और उनके साथ अन्याय हुए, आपको इसका अंदाज़ा हो गया होगा। अगले भाग क्यों पीछे रह गया किसान -3
में हम आपको इस अन्याय को रोकने के संभावित रास्तों की दिशा दिखाएंगे।
तब तक ट्रैक्टर व किसानी संबंधी अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें TractorGyan के साथ।
Read More
![]() |
महिला दिवस( WOMAN'S DAY) के दिन क्या विशेष करने जा रहा है संयुक्त किसान मोर्चा? जानिए किसान आंदोलन में महिलाओं की भूमिका!'21 |
![]() |
MP BUDGET:क्या मामा ने किसानों को खुश कर दिया? बजट से किसानों को कितनी बचत? |
![]() |
क्यों पीछे रह गया रे किसान - 1! |
Read More
Escorts Kubota creates history by selling over 1 lac tractor in FY23
Faridabad, April 1st, 2023: Escorts Kubota Limited Agri Machinery business in March 2023 sold 10,305...
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष'23 में 1 लाख से अधिक ट्रैक्टर बेचकर रचा इतिहास
फरीदाबाद, 1 अप्रैल, 2023: एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड द्वारा मार्च 2023 में 10,305 ट्रैक्टर बेचे गए और...
VST registers growth with 45122 Power Tillers and Tractors sales in FY23
Today, Vst Tillers Tractors Ltd. disclose the VST tractor sales report for March 2023. If we look in...