कहानी महिंद्रा ट्रैक्टर की!
Table Of Content
● 1945 में हुई थी स्थापना
● 1955 के बाद से ट्रैक्टर बनाना शुरू किया
● दुनिया की श्रेष्ठ तीन ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में से एक
● भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से इसका क्या संबंध
महिन्द्रा समूह 6.7 बिलियन अमरिकी डॉलर के सम्पत्ति आधार के साथ भारत के श्रेष्ठ दस औद्योगिक घरानों में से एक है तथा यह दुनिया की श्रेष्ठ तीन ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में से एक है। इन तमाम वर्षों में, महिन्द्रा ग्रुप ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है। लगातार नये स्तर बनाते हुए, आज यह देश की एक प्रमुख कार्यक्षम कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है।
ऐसे हुई शुरुआत!
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा कंपनी की शुरुआत 1945 में हुई थी. इसे के सी महिंद्रा, जे सी महिंद्रा और मलिक गुलाम मोहम्मद ने लुधियाना में शुरू किया था. शुरुआत में ये कंपनी स्टील का कारोबार करती थी.
कैसे बनी हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल!
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा कंपनी की जब शुरुआत हुई थी तो इसका नाम महिंद्रा ऐंड मोहम्मद था.
कंपनी के चेयरमैन केशब महिंद्रा बताते हैं कि के सी महिंद्रा और जे सी महिंद्रा ने मलिक गुलाम मोहम्मद को इसलिए कंपनी में साझीदार बनाया था ताकि वो हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दे सकें. गुलाम मोहम्मद की कंपनी में छोटी ही हिस्सेदारी थी. मगर उनका नाम कंपनी के साथ जुड़ा था.
देश का बंटवारा होने से कंपनी पर क्या असर पड़ा?
केशब महिंद्रा बताते हैं कि बंटवारे से पहले जब पाकिस्तान की मांग ने ज़ोर पकड़ा तब भी गुलाम मोहम्मद और महिंद्रा परिवार की दोस्ती बरकरार रही. साझा कारोबार चलता रहा.
देश का बंटवारा हुआ तो कारोबार का भी हो गया. 1948 में महिंद्रा ऐंड मोहम्मद का नाम बदलकर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा कर दिया गया. क्योंकि अब गुलाम मोहम्मद इस कंपनी के साझीदार नहीं रह गए थे. हालांकि दोनों परिवारों के बीच रिश्ता, बंटवारे के बाद भी बना रहा. लेकिन कारोबारी ताल्लुक़ ख़त्म हो गया.
जब अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ तो दो हिस्सों में बंट चुका था. मलिक गुलाम मोहम्मद, पाकिस्तान चले गए. वो पाकिस्तान के पहले वित्त मंत्री बनाए गए थे.
कैसे बनी भारत की नंबर वन विक्रेता और निर्माता ट्रैक्टर कंपनी!
भारत में ट्रैक्टर उद्योग की आज की बड़ी कंपनियां आयशर, टेफे, एस्कॉर्ट्स और महिन्द्रा 60 के दशक में अाई थी। इस समय तक हरित क्रांति के चलते सरकारें भी कृषि के मशीनीकरण में सहयोग करते हुए विदेशी ट्रैक्टर निर्माताओं को अधिक अवसर प्रदान करने लगी थी।
हरित क्रांति के इस दौर में महिंद्रा कंपनी ने अपनी प्रतिद्वंदी ट्रैक्टर कंपनियों से मुकाबला करते हुए धीरे-धीरे उनसे आगे निकल गई और देखते ही देखते वह भारत की सबसे बड़ी निर्माता और विक्रेता ट्रैक्टर कंपनी बन गई। वहीं विश्व में देखें तो वहां भी वह तीसरे स्थान पर है।
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह भी हो सकता है की महिंद्रा कंपनी ने अपने ट्रैक्टरों को किफायती होने के साथ-साथ अच्छा माइलेज देने वाले ट्रैक्टर के रूप में भी प्रस्तुत किया। और साथ ही बड़े-बड़े ट्रैक्टर बनाने में भी अपना नाम शुमार किया।
ट्रैक्टरज्ञान में आज बस इतना ही। अगले सोमवार फिर मुलाकात होगी किसी और ट्रैक्टर कंपनी के इतिहास के साथ।
कृषि और ट्रैक्टर से जुड़ी हर खबर के लिए याद करते रहे "ट्रैक्टर ज्ञान" को! क्योंकि-
जानकारी सही,मिलेगी यहीं!
Category
Read More Blogs
The year 2021 was seen as a year full of recovery and new possibilities after the last year since the economy was affected a great deal by the pandemic. As we are now through the first month of 2021 , let's see...
● केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दावा ● गांव-गांव में गोबर गैस प्लांट खोलने का प्लान ● CNG ट्रैक्टर के आने से भी बढ़ेगी गोबर की डिमांड ● गोबर से बने वॉल पेंट के उत्पादन में भी वृद्धि ● छत्तीसगढ़ सरकार ने...
नमस्कार किसान भाइयों और बहनों! ट्रैक्टरज्ञान में एक बार फिर से आपका स्वागत है। आज हम आपके बीच एक ऐसे ट्रैक्टर की कहानी लेकर आए हैं जो खरीदा तो 1957 में गया था पर काम आज भी दे रहा है। आप सोच...
Write Your Comment About Biography Of Mahindra Tractor
.webp&w=256&q=75)
Top searching blogs about Tractors and Agriculture
18 Jun 2025
06 Jan 2025
03 Jan 2025
27 Nov 2024
22 Jan 2025
21 Nov 2024
30 Nov 2024
27 May 2025
19 Nov 2024
16 Dec 2024
31 Dec 2024
21 Mar 2025
14 Jun 2025
30 Nov 2024