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भारत के 11 प्रमुख राज्य जो कृषि के क्षेत्र में हैं सबसे आगे!

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By Team Tractor Gyan
25 Jun, 2025
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भारत एक कृषि प्रधान देश है, ये तो हम जानते ही है। क्या आपको पता है कि भारत के किस राज्य में सर्वाधिक कृषि होती है और किस राज्य में कौन सी फसल होती है? अगर नहीं तो यह ब्लॉग आपकी मदद करने के लिए तैयार है। यह भी हमारे लिए जानना ज़रुरी है।

भारत एक कृषि‑प्रधान देश है; लगभग दो‑तिहाई आबादी की रोज़ी‑रोटी खेती से ही चलती है। ताज़ा दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, खाद्यान्न उत्पादन 35.40 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड पर पहुँच गया। यह सफलता सिर्फ़ आँकड़ों तक सीमित नहीं है—टेक्नॉलजी, नीतिगत समर्थन और किसानों की मेहनत ने मिलकर खेती का परचम लहराया है।

हम आपको देश के टॉप 11 राज्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर कृषि सबसे अधिक होती है।

भारत में कृषि का लहराता परचम

भारत के उत्थान में हमेशा से ही कृषि का एक एहम योगदान रहा है और इसकी मदद से भारत का आर्थिक विकास भी बड़ी तेजी से हुआ है। 

हमारे पास कुछ ऐसे आंकडें हैं जिसकी मदद से आपको यह पता चलेगा की वित्तीय वर्ष 2024-2025 में भारत ने किस तरह कृषि की मदद से उच्चाईयों की नयी बुलंदियों को छुआ है। 

  • भारत एक कृषि प्रधान देश है, और 2025 में भी कृषि न केवल हमारी संस्कृति का हिस्सा है बल्कि हमारे आर्थिक ढांचे की रीढ़ बनी हुई है। नवीन तकनीक, सरकारी योजनाओं, और किसानों की कड़ी मेहनत से कृषि क्षेत्र में लगातार उन्नति हो रही है।
  • भारत के GVA में कृषि का हिस्सा: 2024-25 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का योगदान करीब 18.3% है।
  • खाद्यान्न उत्पादन: (2024-2025) के अनुसार, भारत का अनुमानित खाद्यान्न उत्पादन लगभग 330 मिलियन टन है।
  • बागवानी उत्पादन: (2024-2025) में अनुमानित 357 मिलियन टन, जो अब तक का सर्वाधिक है।
  • दूध उत्पादन: भारत अभी भी विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना हुआ है।
  • निर्यात: कृषि निर्यात अप्रैल 2024 तक 4.6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू चुका है।
  • प्रसंस्कृत सब्जी और फलों का निर्यात: 2024-25 में अब तक 5% वृद्धि देखी गई है।

इन सभी आँकड़ों से एक बात तो साफ़ हैं की कृषि का भारत में एक उज्जवल कल हैं और अगले कुछ वर्षों में भारत में कृषि क्षेत्र में बेहतर गति उत्पन्न होने की उम्मीद है।

भारत को सशक्त बनाते 11 कृषि-प्रधान राज्य 

तो चलिए अब हम जानते है उन कृषि राज्यों के बारे में जो भारत के कुल कृषि उत्पादन में सबसे अधिक योगदान देते है।

1- उत्तरप्रदेश

uttar pradesh

वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए, उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक कृषि उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है। यह धान और गेहूँ की सबसे अधिक खेती करने वाला राज्य है। यह देश में गन्ना और खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ-साथ गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है। उत्तर प्रदेश चावल, बाजरा, जौ और अन्य दालों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। उत्तरप्रदेश देश का एक आवश्यक कृषि राज्य है, इसका प्रमुख कारण है कि उत्तर प्रदेश को दक्षिण पश्चिम मानसून, उत्तर पूर्व मानसून और थोड़ा पश्चिमी विक्षोभ से बारिश होती है।

  • वित्त वर्ष 2024‑25 में 2.17 करोड़ टन धान के साथ राज्य देश में अव्वल है। चीनी उद्योग ने राज्य के सकल मूल्य वर्धन में ₹1.09 लाख करोड़ का योगदान दिया ।

  • इसके साथ-साथ, इस राज्य ने 88.40 लाख टन चीनी का भी उत्पादन किया जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हैं। 

  • प्रमुख फसलें : गन्ना, धान, गेहूँ, आलू, सब्जी, मशरूम

2- पश्चिम बंगाल

west bengal

पश्चिम बंगाल भारत का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य है। इसका प्रमुख उत्पादक चावल, जूट, तिल, तंबाकू है, साथ ही भारत में फसल उत्पादन में प्रथम राज्य पश्चिम बंगाल चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। इस राज्य में प्रमुख फसल उत्पादन की संख्या सबसे अधिक है और इसका व्यापक कृषि नेटवर्क है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। जूट भी एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है क्योंकि इसे अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है और इसका उत्पादन राज्य की नम जलवायु के साथ किया जाता है। यह राज्य तिल और तंबाकू का भी उत्पादन करता है।

  • वित्तीय वर्ष 2024-2025 में, 1.21 करोड़ टन धान।

  • देश के 82 % जूट किसान यहीं से आते हैं।

  • डेल्टा इलाक़े की उपजाऊ दोमट मिट्टी और अच्छी वर्षा दोहरी फ़सल का मौका देती है।

प्रमुख फसले: जूट, तिल, धान,

3- पंजाब

punjab

पंजाब कृषि उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है। यह चावल, गेहूं, गन्ना, कपास और खाद्यान्न जैसी फसलों का उत्पादन करता है। यह ना केवल गेहूं बल्कि धान का भी तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह खाद्यान्न का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। खरीफ मौसम में चावल, कपास और गन्ना जैसी फसलों का उत्पादन किया जाता है और क्योंकि पंजाब राज्य देश के सबसे अच्छे सिंचित राज्यों में से एक है, यह कई कृषि फसलों के विकास का पक्षधर है। यहाँ कि भूमि समतल है और इस भूमि पर व्यापक खेती की जा सकती है।

  • देश के कुल गेहूं उत्पादन का 15 प्रतिशत सिर्फ पंजाब में ही उगाया जाता है ।

  • इस राज्य में 16 सहकारी क्षेत्र की और 8 निजी क्षेत्र की चीनी मील है।

  • वित्तीय वर्ष 2024-2025 में,1.47 करोड़ टन धान।

  • फलों की खेती के लिए 106 हजार हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया गया था।

प्रमुख फसले: गेहूँ, धान, कपास, गन्ना, मक्का, जौ

4- हरियाणा

haryana

हरियाणा देश का चौथा सबसे बड़ा कृषि राज्य है। इस राज्य में उत्पादित फसलें गेहूं, धान, सूरजमुखी और गन्ना आदि हैं। हालाँकि, यह देश में सूरजमुखी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। पंजाब और हरियाणा को सामूहिक रूप से देश का अन्न भंडार कहा जाता है। अपने पड़ोसी राज्य की तरह, हरियाणा भी अच्छी तरह से सिंचित है और कई खाद्य फसलें पैदा करता है। इस राज्य की लगभग दो-तिहाई आबादी कृषि पर निर्भर है। यह राज्य भारत में गेहूं और चावल की खेती का गढ़ माना जाता है क्योंकि यह राज्य इन दोनों फसलों की खेती में लगभग 45% और 65% का योगदान देता है।

  • इस राज्य की लगभग 80 लाख एकड़ भूमि पर खेती की जाती है।

  • वित्तीय वर्ष 2024-2025 में, धान बोआई -16.44 लाख हेक्टेयर।

  • हरियाणा में हाई‑यिल्ड वैरायटीज़ और पानी‑बचत तकनीकों (डीएसआर) के तेजी से विस्तार ।

प्रमुख फसलें: गेहूँ, धान, बाजरा, सूरजमुखी

5- गुजरात

gujarat

गुजरात भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला राज्य है। इस राज्य ने एक बुद्धिमान विकास पैटर्न अपनाया। उन्होंने कृषि क्षेत्र, ऊर्जा और उद्योग में निवेश किया, जिसके लिए उन्होंने दोहरे अंको की वृद्धि हासिल की। गुजरात की मौसम जलवायु परिवर्तनशील है, वहां फसलों का उत्पादन मुश्किल है। एक रणनीति जो किसान अपना सकते हैं, वह है उच्च उपज के लिए उन्नत प्रबंधन द्वारा फसल के वातावरण में हेरफेर करना।

  • गुजरात ने 2024 में लगभग 11,10,000 एकड़ भूमि पर कपास की फसल लगायी ।

  • गुजरात अकेला 27 % राष्ट्रीय कपास पैदा करता है MSP खरीद में 14.02 लाख गांठों का आँकड़ा पार।

  • सूखा‑रोधी खेती एवं ड्रिप इरीगेशन मॉडल ने रकबे को सुरक्षित रखा।

प्रमुख फसले: कपास, मूंगफली, हरे चने, तिल, बाजरा

6- मध्यप्रदेश

madhya pradesh

यह मध्य भारतीय राज्य सबसे बड़े कृषि उत्पादक राज्यों में 6 वें स्थान पर है। यह राज्य अरहर, उड़द, सोयाबीन आदि जैसे कई फसल का उत्पादन करता है। वास्तव में यह देश में इन दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। राज्य गेहूं और मक्का जैसे अनाज का भी उत्पादन करता है और गेहूं और मक्का दोनों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। मध्य प्रदेश में बहुत सारी फसलें पैदा होती हैं, जो प्रमुख रूप से खाद्य फसलें हैं और केवल घरेलू उपयोग के लिए हैं। 

  • साल 2024-2025 में मध्य प्रदेश राज्य में लगभग 1,52,615 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती की गयी थी।

  • केंद्र की नई 100 % दलहन खरीद नीति से राज्य के चना व मसूर उत्पादकों को बड़ा सहारा।

  • सतत 20 %+ कृषि वृद्धि दर ने MP को “डालहन कैपिटल” बनाया।

प्रमुख फसले: सोयाबीन, दालें (चना, मसूर), गेहूँ, मक्का

7- आंध्रप्रदेश

andhra pradesh

कृषि आंध्रप्रदेश की कुल आबादी के लगभग 62 प्रतिशत को रोजगार प्रदान करती है। चावल आंध्र की एक प्रमुख फसल और मुख्य भोजन है, जो कुल खाद्यान्न का लगभग 77 प्रतिशत योगदान देता है। राज्य की अन्य महत्वपूर्ण फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, छोटा बाजरा, रागी, दालें, तंबाकू, अरंडी, कपास और गन्ना हैं। 

  • साल 2024-2025 में, बाजरा MSP में 77 % उछाल से सूखा‑प्रवाह क्षेत्रों में मोटा अनाज फिर चर्चा में।

  • राज्य मिलेट उत्पादकता में अव्वल—उच्च पैदावार व प्रोसेसिंग हब।

प्रमुख फसलें: बाजरा, ज्वार, मक्का, तंबाकू

8- कर्नाटक

karnataka

कर्नाटक में, कृषि उसकी अर्थव्यवस्था का सबसे आवश्यक हिस्सा है। कर्नाटक राज्य की स्थलाकृतिक विशेषताएं जैसे राज्य की मिट्टी, जलवायु और राहत आदि कर्नाटक में कृषि का बहुत समर्थन करते हैं। कर्नाटक में खरीफ की फसलें धान (चावल), मक्का, बाजरा, मूंग दाल (दालें), लाल मिर्च, मूंगफली, कपास, गन्ना, चावल, सोयाबीन और हल्दी हैं। इसे शरद ऋतु की फसल भी कहा जाता है क्योंकि जुलाई के महीने में पहली बारिश की शुरुआत के साथ इनकी खेती की जाती है। इस राज्य की प्रमुख रबी फसलें जौ, गेहूं, तिल, सरसों और मटर हैं। 

  • भाव कप्तान’ योजना के तहत रागी‑किसानों को MSP सीधे खाते में।

  • विविध कृषि‑जलवायु ज़ोन एक ही राज्य में; कॉफी से निर्यात आय भी बढ़ी।

  • इस राज्य की 44 प्रतिशत भूमि पर अनाज, 29 प्रतिशत पर दालें, 10 प्रतिशत पर तिलहन, 7 प्रतिशत पर कपास, 9 प्रतिशत पर गन्ना और एक प्रतिशत भूमि पर तम्बाकू की खेती की जाती है।

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