किसानों के हित में सरकार का कदम: अब पीली मटर आयात पर लगेगा टैक्स
टेबल ऑफ कंटेंट
भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पीली मटर (Yellow Pea) के आयात पर कुल 30% शुल्क लगाने का फैसला किया है। इसमें 10% आयात शुल्क और 20% कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) शामिल है, जो 1 नवम्बर से लागू हो जाएगा।
इस नीति में बदलाव का मुख्य उद्देश्य आगामी खरीफ सीजन के मद्देनजर देश के दलहन उत्पादकों को संरक्षण देना है और सस्ते आयात से घरेलू बाजार में गिरती कीमतों पर रोक लगाना है।
सस्ते आयात से नुकसान झेल रहे थे किसान
कल्पना कीजिए, एक भारतीय किसान, जो अपने खेत में पीली मटर की बुवाई करने की तैयारी कर रहा है। उसकी मेहनत और आशाएँ उसकी फसल से जुड़ी हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से, उसके लिए अपनी मेहनत का सही दाम पाना मुश्किल होता जा रहा था। कारण था बाजार में आ रहा सस्ता विदेशी मटर।
कनाडा और रूस जैसे देशों से बड़ी मात्रा में पीली मटर, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के, भारत पहुँच रही थी। इस सस्ते आयात ने घरेलू बाजार में कीमतों को गिरा दिया, जिससे हमारे देश के किसानों के लिए प्रतिस्पर्धा में टिक पाना लगभग नामुमकिन सा हो गया था। उनकी लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा था, और उनकी मेहनत का फल बेमोल बिक रहा था।अब विदेश से आने वाली मटर लगभग 30% महँगी हो जाएगी। इस कदम से घरेलू बाजार में देशी दलहन की माँग फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
यह फैसला एक स्पष्ट संदेश देता है: देश के अन्नदाता के हित सर्वोपरि हैं। यह बात खासतौर पर इस वक्त और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब खरीफ का सीजन शुरू होने वाला है। यह वह समय है जब किसान अपने खेतों में दालें और अन्य फसलों के बीज बोते हैं, और अपनी आय के सपने सजाते हैं।
ऐसे में, उन्हें बाजार में एक स्थिरता और उचित मूल्य का आश्वासन मिलना, न सिर्फ उनकी आजीविका के लिए, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है। यह कदम उनके विश्वास और आत्मनिर्भरता को मजबूती देने वाला है।
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निष्कर्ष
इस नई नीति के लागू होने से उम्मीद है कि देश में दलहन की खेती को गति मिलेगी, किसान प्रोत्साहित होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी। इससे एक ओर जहां बाज़ार में स्थिरता बनी रहेगी, वहीं सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी। कुल मिलाकर, यह कदम न सिर्फ आयात पर नियंत्रण लाएगा, बल्कि भारतीय किसानों को एक नई ताकत और सुरक्षा भी प्रदान करेगा।
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