As indicated by its name Super Seeder has one of the most advanced technologies among all the other agriculture implements present in the market. It helps farmers to sow wheat without wasting the paddy crop residue left in the field. Hence, it enables farmers to sow wheat simultaneously while harvesting paddy thus making their work efficient and time-saving. It has far more advantages than the traditional system as it helps to naturally maintain the nutrients of the soil with the help of crop residues as well as it reduces the need of burning crop residues. Price of Super Seeder in India: Rs. 2.00-3.00 Lacs*
Retail Tractor sales increase by 13.96% YoY in February 2023, shows FADA Research
FADA has released its Monthly tractor sales report, which shows growth in the sales of tractor...
फरवरी महीने में ट्रैक्टर की रिटेल बिक्री में 13.96% की वृद्धि - फाडा रिसर्च
FADA द्वारा मासिक ट्रैक्टर बिक्री की रिपोर्ट जारी कर दी गई है इस रिपोर्ट में सामने आया है की 2022 की...
Sonalika clocks highest ever 1,37,344 tractor sales YTD February 2023 with 14.1% Market Share
In a post on Linkedin Joint Managing Director of International Tractors limited (Sonalika &...
धान की कटाई के बाद किसान अवशेषों को खेत में ही जला देते हैं इसे पराली कहते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदुषण और खेतों को काफी नुकसान होता हैं। इस नुकसान से बचने के लिए सुपर सीडर मशीन सहायक हैं। धान की कटाई करने के बाद यह मशीन पराली को मिट्टी में मिला देती हैं जो की खाद का काम करती हैं। पराली के होते हुए भी गेहूं की बिजाई करना सम्भव हैं तो इस तरह धान की कटाई करने के बाद उसके बचे अवशेषों को खेत में जलाने की जरूरत नहीं होती हैं और पराली का सदुपयोग भी हो जाता हैं। धान की कटाई के साथ ही सुपर सीडर से गेहूं, सोयाबीन आदि की बुआई भी हो जाती हैं जिसमें लागत और समय दोनों की बचत होती हैं। सुपर सीडर प्राइस 80,000 से 2.99 लाख* रुपये है।
सुपर सीडर में रोलर, रोटावेटर व फर्टिसीडड्रिल लगा होता है। सपुर सीडर, ट्रैक्टर के साथ 12 से 18 इंच की खड़ी पराली की जुताई करता हैं। रोटावेटर पराली को मिट़टी में दबाने, रोलर समतल करने व फर्टिसीडड्रिल खाद के साथ बोने का काम करती है। यह बुवाई दो से तीन इंच की गहराई में होती है।
यह मशीन प्रेस व्हील्स और रोटरी टिलर के साथ सीड प्लांटर का कॉम्बिनेशन है। सुपर सीडर से गेहूं, घास और सोयाबीन जैसे बीजों को बोया जाता है। सुपर सीडर का उपयोग मक्का, धान, कपास, गन्ना, केला और अन्य फसलों के ठूंठ और जड़ों को हटाने के लिए किया जाता है। सुपर सीडर अवशेषों को जलाने पर रोक लगाने का एक बढ़िया समाधान हैं। यह आज के समय की खेती की जरूरतों को पूरा करता है। बीज की बर्बादी को रोकने और बेहतर अंकुरण के साथ बीज की किस्मों को बदलने के लिए इसमें डायरेक्ट मीटरिंग प्रणाली है। सुपर सीडर बुआई, जुताई, मल्चिंग और खाद के छिड़काव का काम एक साथ करती है।
किसान खेत में धान और फसलों की कटाई करने के बाद उसके बचे हुए कचरे को खेत में ही जला देते हैं इसे पराली कहते हैं। खेत में ही इसे जला देने से प्रदूषण तो फैलता ही हैं और खेत को भी बहुत नुकसान पहुँचता हैं और खेत के लाभदायक सूक्ष्मजीव भी नष्ट हो जाते हैं लेकिन इन बचे अवशेषों में बहुत से महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। पराली को जलाने से खेत की मिट्टी इन पोषक तत्वों को प्राप्त नहीं कर पाती हैं और इससे वंचित रह जाती हैं। पराली जलाने पर कानूनी रोक भी लगाई गई लेकिन इसके बावजूद भी उचित विकल्प ना होने की वजह से पराली जलाना कम नहीं हुआ। पराली को ना जलाया जाए और किसान अपने खेतों की समय से बुवाई कर सके इसके लिए कृषि वैज्ञानिक धान की कटाई करने के बाद गेहूं की बुवाई सुपर सीडर से करने की सलाह दे रहे हैं।
इस मशीन को चलाने के लिए 55 एचपी या इससे अधिक के एचपी का ट्रैक्टर होना आवश्यक है। सुपर सीडर का वजन 870 से 1000 किलोग्राम होता हैं। यह मशीन 12 इंच से 18 इंच के खड़े धान के अवशेषों को मिट्टी में मिला देती हैं और उसके साथ 2 - 3 इंच की गहराई में गेहूं के बीज को बोया जाता हैं। सुपर सीडर में एक आसान माप प्रणाली हैं जिसे बीज के अनुसार बदल सकते हैं। एक अच्छे प्रदर्शन के लिए मीटरिंग डिवाइस को लोहे और एल्युमीनियम से डिज़ाइन किया गया हैं। इसमें लगे ब्लेड फसल के अवशेषों से आसानी से निपट सकते हैं। इस मशीन के होने से किसानों को रोटरी टिलर की जरूरत नहीं होती हैं। सुपर सीडर का इस्तेमाल रोटरी टिलर के रूप में जुताई के लिए किया जा सकता हैं।
यह एक मल्टी परपज फार्म इम्प्लीमेंट है जिसके बहुत से लाभ भी हैं। तो जानते हैं सुपर सीडर के लाभ क्या हैं।
सुपर सीडर धान के पुआल की खेती करने का भी काम करता है।
यह सोयाबीन, गेहूं या घास के बीजों को लगाने का काम करता है।
धान के अवशेषों के साथ ही यह मल्चिंग भी करता है।
यह धान, गन्ना, केला, मक्का आदि फसलों की जड़ों और ठूंठ को हटा देता है।
सुपर सीडर जमीन में गेहूं बोने के साथ ही बुवाई क्षेत्र में पलवार को फैलाता भी है।
चावल के भूसे को काटकर उसे उठाने में मदद करता है।
बुवाई, कल्टीवेशन, मल्चिंग और उर्वरक को एक साथ फैला सकता है।
इस मशीन को चलाना और संभालना दोनों ही आसान है।
जरूरत होने पर सुपर सीडर से बुआई भी की जा सकती हैं
सुपर सीडर से पराली की हरित खाद बनने से खेत में कार्बन तत्व में वृद्धि होती है।
इन मशीनों में ज्यादा निवेश नहीं करना पड़ता हैं जिससे किसानों के धन की बचत होती है।
सुपर सीडर से बुआई करने पर 5% तक उत्पादन में बढ़ोतरी होती है इस मशीन से बुआई करने पर 50 % बुआई की लागत कम आती है।
यह कम पानी खर्च करके काम करता हैं जिससे मिट्टी और जमीन को अच्छा लाभ होता है।
सुपर सीडर की मदद से अवशेषों को जलाने से रोक सकते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है।
सुपर सीडर अकेले ही एकसाथ 4-5 मशीन का काम कर सकती हैं। धान की जब कटाई हो जाती हैं तो उसके बाद अगली फसल की बिजाई करने के लिए मल्चर का प्रयोग किया जाता हैं फिर साइल टर्निंग प्लो के द्वारा आगे का काम किया जाता हैं। इसके बाद खेत को अच्छे से तैयार करने के लिए लेज़र लैंड लेवलेर और रोटावेटर का उपयोग किया जाता हैं लेकिन सुपर सीडर मशीन इन सभी मशीनों का काम अकेले करते हुए फसलों की बिजाई करती हैं।
नहर सिंचित क्षेत्रों में नमी ज्यादा होती है तो इस वजह से धान की जो लंबी अवधि वाली प्रजातियां होती हैं उनकी कटाई करने के बाद जुताई एवं बुवाई की प्रक्रिया से खेत तैयार करने में काफी समय लगता है इस कारण उत्पादन भी कम ही होता है। लेकिन सुपर सीडर मशीन से धान की फसल की कटाई के बाद खड़ी ठूंठ में बिना जुताई के पंक्तियों से बुआई करने पर लागत कम आती है और डेढ़ गुना उत्पादन भी अधिक प्राप्त होता है। परती खेतों में बुआई करने पर सिंचाई में लगने वाले पानी की बचत होगी और खरपतवार भी नहीं होंगे। बीज को कतार में बोते समय बीज एक अंतराल पर निश्चित गहराई पर गिरता है।
सुपर सीडर मशीन से लाइन में खाद और बीज का उचित प्लेसमेंट करना भी सम्भव है जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। पांच सेंटीमीटर की गहराई पर बुवाई की जाती हैं इस तरह से जड़ का विकास अच्छा होता है। फरवरी महीने में गर्म हवाओं के चलने पर भी सिंचाई करने से फसल नहीं गिरती और लाइन में आसानी से फसल को बोया जा सकता हैं। सुपर सीडर के प्रयोग से लागत में चार हज़ार प्रति हेक्टेयर की कमी हो जाती हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। गेहूं की बुवाई में कम समय लगता हैं और कम खर्च भी आता हैं साथ ही अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।
क्या आप सुपर सीडर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन इस उलझन में है की कौन सा सुपर सीडर खरीदना चाहिए तो चिंता ना करें हम आपको सुपर सीडर की बेस्ट ब्रांड के बारे में बताएंगे। यहाँ कुछ विश्वसनीय ब्रांडों की सूची दी गई है। जो आपकी सुपर सीडर खरीदने में मदद करेगी।
जगतजीत के सुपर सीडर 50 से 65 एचपी के बीच आने वाले ट्रैक्टरों के साथ काम करते हैं। यह सुपर सीडर किसानों को कुशलतापूर्वक और सटीक रूप से बीज बोने में मदद करते हैं। यह उन्नत तकनीक और सटीक रोपण क्षमता वाले सुपर सीडर होते हैं इनकी मदद से किसान पहले की तुलना में ज्यादा कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से पौधे लगा सकते हैं।
शक्तिमान सुपर सीडर का सुव्यवस्थित और मजबूत डिजाइन, रूप और कार्य के बीच एक आदर्श संतुलन स्थापित करता है। विकास अच्छा हो इसके लिए कहां बोना है यह जानने की इस सुपर सीडर की अलौकिक क्षमता के साथ सटीक रोपण तकनीक इस सीडर को बीज को आदर्श गहराई और दूरी पर लगाने में सक्षम बनाती है। शक्तिमान सुपर सीडर बड़े क्षेत्रों को जल्दी से कवर कर सकता है। शक्तिमान सुपर सीडर एक ऐसा उपकरण है जो सहज दक्षता के साथ कार्यों को पूरा करता है। शक्तिमान सुपर सीडर 7 की एचपी रेंज 55 से 65 एचपी हैं और शक्तिमान सुपर सीडर 8 की एचपी रेंज 65 से 75 एचपी हैं।
फील्डकिंग कृषि उपकरण का निर्माण करने में एक जाना-पहचाना नाम है। अपने अस्तित्व और संचालन के दौरान फील्डकिंग कंपनी ने कृषि में एक मजबूत आधार स्थापित किया है। यह ब्रांड अंततः भारतीय उद्योग में काफी प्रसिद्ध हुई। फील्डकिंग SS12-225 फील्डकिंग का सबसे अच्छा सुपर सीडर है। इस सुपर सीडर की चौड़ाई 89 इंच है जो 66 ब्लेड से लैस है। इस सुपर सीडर को 65 से 70 एचपी और 910 किलोग्राम वजन वाले ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। फील्डकिंग के अन्य सुपर सीडर्स में 48, 54 और 60 ब्लेड होते हैं। उनका वजन क्रमशः 820 किग्रा, 850 किग्रा, 880 किग्रा और 910 किग्रा है।
जॉन डियर के सुपर सीडर्स सटीक रोपण करने में बेस्ट हैं। यह उच्चतम विकास के लिए बीजों को सही गहराई और दूरी पर रखते हैं। जॉन डियर के सुपर सीडर्स को चलाने के लिए 50 एचपी या उससे अधिक के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। यह 50 एचपी का ट्रैक्टर मल्टीस्पीड गियरबॉक्स में आता हैं। ग्रीन सिस्टम सुपर सीडर की विशिष्ट, मॉड्यूलर डिजाइन अनुकूलन और रखरखाव को सरल बनाता है। यह सुपर सीडर तेजी से और प्रभावी ढंग से बड़े क्षेत्रों में पौधे लगाने में सक्षम होते हैं।
लैंडफोर्स सुपर सीडर मशीनें ये 7 फीट और 8 फीट के वर्जन में भी उपलब्ध हैं। 7 फीट वाले वेरिएंट सुपर सीडर की वर्किंग चौड़ाई 81 इंच है। दूसरी ओर 8 फीट वाले वेरिएंट सुपर सीडर 90 इंच चौड़ा है। 7 फीट सुपर सीडर मशीन 50 से 55 एचपी वाले ट्रैक्टरों के साथ काम करती है, 8 फीट वाले सुपर सीडर 65 से 70 एचपी के ट्रैक्टरों के साथ काम करती है।
लघु और छोटे किसानों के लिए यह मशीन खरीदना थोड़ा मुश्किल हैं तो इन किसानों की मदद के रूप में सरकार सब्सिडी की सुविधा प्रदान करती हैं। महंगी कीमत होने के कारण बहुत से किसानों तक इसकी पहुँच नहीं हो पाती हैं। कृषि विभाग सुपर सीडर मशीन पर 80% तक की सब्सिडी देती हैं।
सुपर सीडर मशीन की कीमत ब्रांड और मॉडल के अनुसार अलग - अलग होती हैं। सुपर सीडर प्राइस 80,000 से 2.99 लाख* रुपये है। आप ट्रैक्टरज्ञान पर सुपर सीडर की कीमत की पूरी सूची प्राप्त कर सकते हैं।
ट्रैक्टरज्ञान पर सुपर सीडर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गई हैं। हमारी वेबसाइट सुपर सीडर खरीदने के लिए सबसे सुरक्षित जगह है। सुपर सीडर मशीन कैसी होती है, इसके क्या लाभ है, कैसे काम करती हैं इसके बारे में पूरी तरह से बताया गया हैं। ट्रैक्टरज्ञान पर आप सुपर सीडर की कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य इस लेख के द्वारा आपके लिए सुपर सीडर खरीदने का सबसे अच्छा विकल्प चुनने में मदद करना हैं। ट्रैक्टरज्ञान पर विभिन्न प्रकार के सुपर सीडर आपकी आवश्यकताओं के अनुसार दिए गए हैं। यहाँ पर आप सुपर सीडर कीमत, ट्रैक्टर अपडेट, कृषि उपकरण, सरकारी योजना, सब्सिडी आदि जानकारी से खुद को अपडेट रख सकते हैं।