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कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर चुकी पायल, अब जैविक खाद से कमा रहीं है 2 लाख रुपए हर माह।

कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर चुकी पायल, अब जैविक खाद से कमा रहीं है 2 लाख रुपए हर माह।

    कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर चुकी पायल, अब जैविक खाद से कमा रहीं है 2 लाख रुपए हर माह।

21 Nov, 2020

किस तरह कृषि के क्षेत्र में बदलती जरूरतों के अनुरूप कार्य कर कोई शख़्स कामयाब हो सकता है, अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमा सकता है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण है मेरठ की रहने वाली पायल अग्रवाल। पायल एक 27 वर्षीय युवती हैं जिन्होंने पहले कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की और अब वर्मीकंपोस्ट के क्षेत्र में व्यवसाय कर रहीं हैं। दरअसल पायल ग्रीन अर्थ ऑर्गनिक्स नामक संस्था चलाती हैं, जो वर्मीकंपोस्ट विधि द्वारा जैविक खाद तैयार कर उसका व्यवसाय करती है।

                                                           

3 लाख थी लागत, अब 2 लाख है मासिक आय:-

हमनें जब पायल जी से जानना चाहा कि वो किस तरह इस मुकाम पर पहुंच पाई, किस तरह उन्होंने इस व्यवसाय की शुरुआत की तो उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग के बाद जब उन्हें कोई अच्छा मुकाम नहीं हासिल हुआ तो उन्होंने व्यवसाय करने का मन बनाया। उन्होंने बताया किस तरह उन्होंने इंटरनेट - यूट्यूब के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों के बारे में जाना और अंत में वर्मीकंपोस्ट की तरफ उनकी रुचि गई और उन्होंने इस संदर्भ में अधिक जानकारी हासिल की। TractorGyan से बात करते हुए उन्होंने बताया व्यवसाय के शुरआती दौर में उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा।

इस व्यवसाय की पूरी जानकारी जुटा लेने के बाद, पूरी लगन से 2017 में इसकी शुरुआत करने के 6 महीने बाद उन्होंने पहली बार कामयाबी का स्वाद चखा। पायल अग्रवाल जी को इस व्यवसाय में 3 लाख रुपए का निवेश करना पड़ना, लेकिन आज व्यवसाय शुरू करने के महज 3 साल बाद ही वो हर माह 2 लाख रुपए तक कमा रहीं हैं।

 

क्या होता है वर्मीकंपोस्ट?

पायल खुद वर्मीकंपोस्ट के बारे में जानकारी देती है और बताती है - वर्मीकंपोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद है, जिसे केंचुए के माध्यम से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए केंचुओं को गोबर खिलाया जाता है, जिसके बाद उनके मल से खाद बनता है उसे वर्मीकंपोस्ट कहते हैं। वर्मीकंपोस्ट बनने में लगभग ढाई महीने का वक्त लगता है और पायल की एक यूनिट में एक बार में लगभग 200 बैड लग जाते हैं, वो केंचुएँ अलग-अलग जगह से खरीदती हैं और गोबर वह 15 दिन पुराना लेती हैं।

वर्मीकंपोस्ट विधि के बारे अधिक जानकारी आप इस लिंक पर क्लिक कर भी तलाश सकते हैं - https://tractorgyan.com/tractor-industry-news-blogs/351/%20How-to-make-vermicompost

इसके अलावा आप बिल्कुल आसान भाषा में वर्मीकंपोस्ट की विधि समझाते हुए पायल को देख सकते हैं

https://youtu.be/NcBgMsDiq8g

 

जैविक खाद है लाभकारी:-

जब हमने पायल से जाना, किस तरह किसान इसका लाभ ले सकते है तो उन्होंने बताया कि जैविक खाद से ना केवल किसानों को लाभ मिलता है बल्कि यह आज की जरूरत भी है। किसान रसायनों का उपयोग करके मिट्टी को बहुत नुकसान पहुंचा चुके है जिससे एक समय के बाद मिट्टी की उर्वरता कम होती है, लेकिन साथ ही ऐसी मिट्टी में उपजे उत्पादों का सेवन करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बड़ रहा है। जैविक खाद के इस्तेमाल से फसल सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं, यह तक की रासायनिक खाद के इस्तेमाल से कार्बन आदि जैसे न्यूट्रिएंट्स जो नष्ट हो चुके हैं वे फिर लौट आते हैं। इसके इस्तेमाल फसल उगाने के लिए आपको ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती, बहुत कम पानी में अच्छी फसल तैयार हो जाती है।

अगर किसान जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं तो इससे निश्चित तौर पर लागत कम होगी, उत्पादन भी बढ़ेगा और क्योंकि अब जैविक उत्पादों की मांग भी बाज़ार बड़ रही तो उन्हें अपनी उपज के लिए अधिक मूल्य भी मिलेगा।

 

पायल कैसे हुईं इतनी कामयाब:-

ज्यादातर लोग नई पद्धति से खेती करने में या नया कृषि व्यवसाय शुरू करने में झिझकते हैं, वे पायल अग्रवाल को उदाहरण के तौर पर नहीं देखते बल्कि अपवाद समझते हैं। लेकिन अगर वो पायल की तरह निश्चय कर लें, मेहनत करें, जानकार रहें तो वो भी कामयाब हो सकते हैं।

आज पायल बिना किसी बिचौलिए की सहायता के सीधे तौर पर अपने ग्राहकों तक पहुंच रहीं है जिससे उन्हें अधिक लाभ हो रहा है। किसानों के साथ नर्सरी, बाग बगीचे वाले, फल-सब्जियां उगाने वाले, फूल उगाने वाले, सरकारी निविदाएं, इंटरनेट / ईकॉमर्स, आदि सभी को जोड़कर उनके ग्राहकों की सूची और भी लंबी हो जाती है।

आज जहां मिलावटी जैविक खाद बाज़ार में मिल रहा है, पायल शुद्धता का भरोसा देती हैं। आज वह महीने भर में 25 टन और कभी-कभी इससे ज्यादा खाद बनाती हैं, वो वर्मीकंपोस्ट की सही पहचान बताती हैं - वर्मीकंपोस्ट खाद बनने के बाद भुरभुरी हो जाती है और यह काले रंग की हो जाती है। यह गोबर की खाद से बेहतर इसलिए होती है क्योंकि इसमें पानी को सोखे रखने की क्षमता आधिक होती है। केंचुएँ इसमें ऐसे तत्व छोड़ते हैं जो पानी को सोख सकते हैं और फसल में नमी बनाए रखते हैं। उनका कहना है कई लोग मुनाफे के लिए खाद में गोबर ज्यादा मिला देते है।

पायल वर्मीकंपोस्ट के साथ केचुएं भी बेचती हैं, कहती हैं "हमारे यहाँ से जो केंचुआ खरीदता है, हम उसे ट्रेनिंग मुफ्त में देते हैं और उनका सेट-अप करने में मदद करते हैं"।आज पायल के यही मूल्य उनकी सफलता का कारण हैं। अगर आप भी इस व्यवसाय को शुरू करने का मन बना चुके हैं तो यह वीडियो जरूर देख लें जहां पायल इसे बेचना कहां है यह बता रहीं हैं-

https://youtu.be/HidCcVgitW4

 

आज पायल कोई अपवाद नहीं, ना ही उनकी कमाई मामूली या झूठी बात है। आप भी सही जानकारी हासिल कर, उनकी तरह व्यवसाय कर सकते हैं और अपनी मेहनत से लाखों कमा सकते हैं। यह भी जरूरी है कि आप जैविक खेती की तरफ रुख करें, यह आपकी भी जरूरत है।

 इस तरह की किसानी व ट्रैक्टर संबंधी अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें TractorGyan के साथ।

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