03 Jan, 2023
चैनल द्वारा जांच किए जाने पर एक नया मानदंड बनाया गया, जिसके फलस्वरूप, 50 एचपी के सेगमेंट के लिए 10 से 15% लागत में वृद्धि होगी, इस सेगमेंट की लागत को ओईएम अपने ग्राहकों तक धीरे-धीरे पहुंचाएंगे। ओईएम अपने प्रोडक्ट्स के पोर्टफोलियो को नए तरह से बना रहे हैं, इस पोर्टफोलियो में कम एचपी पर उच्च टॉर्क की सुविधा देने वाले ट्रैक्टरों को जोड़ा जा रहा है। इस तरह एचपी वाइज मिश्रण में कुछ नया परिवर्तन देखने को मिलेगा।
50 एचपी के ट्रैक्टरों (भारत स्टेज टीआरईएम IV) में हुए इस परिवर्तन के उत्सर्जन मापदंडो को जनवरी 2023 से ट्रैक्टरों के लिए लागू किया जाएगा लेकिन अभी समस्त उद्योग का एक बड़ा हिस्सा भारत स्टेज TREM IIIA मानदंडों द्वारा शासित होना भी जारी है जिसके बाद भी यह कार्य किया जाएगा। 50 एचपी सेगमेंट के लिए इस संशोधित उत्सर्जन मानदंड को अक्टूबर 2020 से लागू किया जाना था लेकिन संक्रमण की वजह से इसे कई बार टाला गया। महामारी के कारण आने वाली बाधा के बीच सरकार ने उद्योग के प्रतिनिधित्व से विचार विमर्श भी किया।
श्री रोहन कंवर गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट, कॉरपोरेट रेटिंग्स, आईसीआरए, ट्रैक्टर उद्योग पर बदले गए इस नए मानदंडों के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए, कहते हैं, “भारत का बाजार मध्यम से उच्च एचपी ट्रैक्टर बनाने के लिए जाना जाता है, जिसमें 80% बिक्री 30 से 50 एचपी के ट्रैक्टर की श्रेणियों से आ रही है" संशोधित उत्सर्जन मानदंड को जनवरी 2023 से सिर्फ 50 एचपी ट्रैक्टरों पर लागू किया जाएगा। यह मानदंड समस्त उद्योग की मात्रा के 7 से 8% हिस्से को प्रभावित करेंगे।
इस संशोधित मानदंडों को पूरा करने के लिए तकनीकी की आवश्यकता होगी और ओईएम के पास इस तकनीकी की जानकारी मौजूद है क्योंकि जो मॉडल निर्यात किये गए हैं वह पहले से ही बनाये गए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा कर रहे हैं। कीमत में जो वृद्धि की जाएगी उस वृद्धि के प्रभाव को कृषक समुदाय तक धीरे-धीरे पहुँचाया जाएगा। 50 एचपी सेगमेंट की जो कीमत है उससे 41 से 50 एचपी के सेगमेंट में वृद्धि हो रही है।
ट्रैक्टर और निर्माण उपकरण के लिए जो उत्सर्जन मानक बनाये गए है उन्हें भारत में व्यापक ऑटोमोबाइल उद्योग से अलग से विनियमित किया जाता है। अगर पिछले कुछ वर्षों पर नजर डाले तो ऑन-रोड वाहनों के नियमन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, विशेष रूप से बीएस-VI मानदंडों (अप्रैल 2020 से) के लिए जिस कार्यान्वयन की अपेक्षा की गई थी उसके साथ यह उन्नति हुई।
गैर-सड़क वाहनों के लिए उत्सर्जन नियंत्रण के नियम ज्यादा कठोर नहीं बनाये गए और यह नियम पिछड़े हुए भी हैं। जो संशोधित उत्सर्जन मानदंड लागू किये गए है उसके परिणामस्वरूप विकसित देशों में विशेष रूप से 50 एचपी सेगमेंट के लिए पार्टिकुलेट मैटर की उत्सर्जन दरों में भारी कमी आएगी।
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