ट्रैक्टर इंजन में सीसी और हॉर्स पावर: जानिए ये क्या होते हैं और इन दोनों में क्या है अंतर
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ट्रैक्टर का इंजन उसका दिल होता हैं और आपको उसके बारें में सही जानकारी होना ज़रूरी है। हमने देखा है कि बहुत सारे किसानों को इंजन के सीसी और हॉर्स पावर के बारें में सही जानकारी नहीं होती है जिसके चलते वो कभी-कभी गलत क्षमता वाला ट्रैक्टर खरीद लेते हैं। हम नहीं चाहते कि आप ऐसी गलती करें। इसलिए हमने आज आपको ट्रैक्टर इंजन के सीसी और हॉर्स पावर के बारें जानकारी देने की सोचा है।
आज हम आपको बताएँगे की:
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ट्रैक्टर इंजन के सीसी और हॉर्स पावर का क्या मतलब होता है
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सीसी और हॉर्स पावर कैसे काम करतें है
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ट्रैक्टर सीसी और हॉर्सपॉवर के बीच क्या अंतर होता है
क्योंकि ट्रैक्टर के क्षमता उसके सीसी और हॉर्सपॉवर पर निर्भर करती है, आप इसकी जानकारी लेना ना भूलें और इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें।
क्या होता है सीसी?
आसान भाषा में बोले तो सीसी का मतलब क्यूबिक सेंटीमीटर होता है और यह हमे बताता है की एक इंजन में कितना ईंधन और हवा आ सकती है। एक इंजन को काम करने के लिए ईंधन और हवा की ज़रूरत होती है जिसको इंजन में लगे सिलेंडर धकेलकर ऊर्जा उत्त्पन करतें हैं।
अधिक सीसी वाला इंजन अधिक शक्तिशाली होता है क्योंकि उसमे ज़्यादा ईंधन और हवा आ सकती है। इसके साथ-साथ, अधिक सीसी का इंजन अधिक ईंधन की खपत करता है।
इसके अलावा, एक ट्रैक्टर का सीसी:
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इंजन के पिस्टन के मूवमेंट के बारें में जानकारी देता है
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एक इंजन के क्षमता को निर्धारित करने के लिए ज़रूरी है
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हैवी-ड्यूटी ट्रैक्टर मॉडल्स के प्रदर्शन और कार्यक्षमता को समझने के लिए ज़रूरी है
ट्रैक्टर सीसी कैसे काम करता है?
चलिए हम ट्रैक्टर सीसी को एक उदाहरण की मदद से समझाते है। अगर 2 सिलेंडर इंजन का सीसी 2000 है तो इसका मतलब है कि इंजन के दोनों सिलिंडर में कुल 2000 क्यूबिक सेंटीमीटर क्षेत्र तक ईंधन-हवा का मिश्रण आ सकता है और एक सिलिंडर 1000 सीसी ईंधन-वायु मिश्रण को सोख सकता है।
ट्रैक्टरों के लिए विशिष्ट सीसी रेंज क्या है?
भारत में मिलने वाले मॉडल्स अगल-अलग सीसी के साथ आतें हैं। छोटे या मिनी ट्रैक्टर का इंजन कम सीसी का होता है। इनकी सामान्य रेंज 1000 सीसी से 1500 सीसी तक होती है। हैवी-ड्यूटी ट्रैक्टर अधिक सीसी वाले होते हैं। आपको ये ट्रैक्टर 2000 सीसी से लेकर 3000 सीसी तक की क्षमता में मिल जातें है। कुछ गिने-चुने ट्रैक्टर मॉडल्स में आपको 3500 सीसी तक क्षमता भी देखने को मिलती है।
कैसे मिलती है पॉवर?
एक इंजन को पावर हवा और ईंधन के दहन पर मिलती है। एक अधिक सीसी वाला इंजन अधिक ईंधन और हवा का दहन करके अधिक रासायनिक ऊर्जा को उत्पन्न करेगा। इंजन के पिस्टन इस रासायनिक ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करतें हैं जिसकी मदद से क्रैंकशाफ्ट घुमाता है और ट्रैक्टर को खेतों में काम करने की शक्ति मिलती है।
क्या होता है हॉर्सपॉवर?
सीसी के बारे में जानने के बाद चलिए अब जानतें हैं ट्रैक्टर इंजन के हॉर्सपॉवर के बारें में। हॉर्सपॉवर इंजन या मोटर की शक्ति की मापक इकाई है और इसे आमतौर पर "HP" के रूप में उपयोग में लाया जाता है। इससे पता चलता है कि एक ट्रैक्टर के इंजन कितने समय में कितना काम कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर एक ट्रैक्टर का एचपी 50 है तो मतलब है कि इंजन के चालू होते ही ट्रैक्टर के पास काम करने के लिए 50 हॉर्स पावर की यांत्रिक शक्ति होगी।
अधिक हॉर्सपॉवर का मतलब है कि एक ट्रैक्टर में भारी -भरकम कामो को करने के लिए ताकत है। जितना अधिक हॉर्सपॉवर होगा उतना तेजी से ट्रैक्टर काम करेगा और और उतना ज्यादा भार उठा सकता है।
ट्रैक्टर हॉर्सपॉवर कैसे काम करता है?
ट्रैक्टर की हॉर्सपॉवर उसके इंजन से आती है। इंजन ईंधन को ऊर्जा में बदलता है और ट्रैक्टर को चलाता है। ट्रैक्टर का ट्रांसमिशन सिस्टम इस ऊर्जा को ट्रैक्टर के बाकि हिस्सों में पहुँचाता है।
हॉर्सपॉवर और ईंधन की खपत के बीच सीधा संबंध होता है। आमतौर पर, अधिक हॉर्सपॉवर वाले ट्रैक्टर अधिक ईंधन की खपत करते हैं और अधिक शक्तिशाली होते हैं।
ट्रैक्टर सीसी और हॉर्सपॉवर के बीच अंतर
अब जब हमे सीसी और हॉर्सपॉवर से जुडी मुख्य बातों का पता चल गया है, हम इनके बीच के संबंध और अंतर को समझते हैं।
ये दोनों ही एक ट्रैक्टर की कार्यक्षमता के बारें में जानकारी देतें है। अधिक सीसी वाले ट्रैक्टर मॉडल्स का एचपी भी अधिकतर ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए होता है की अधिक सीसी का इंजन अधिक ईंधन के खपत करके अधिक पावर को उत्त्पन कर सकता है।
आपकी और मदद से लिए हम लाएं है ट्रैक्टर सीसी और हॉर्सपॉवर के बीच मुख्य अंतर जो आपके लिए जानना बेहद ज़रूरी है।
सीसी | हॉर्सपॉवर |
इसको घन क्षमता या इंजन विस्थापन के रूप में भी जाना जाता है | इसको एचपी (HP) के रूप में भी जाना जाता है |
यह ट्रैक्टर इंजन में उपलब्ध सभी सिलेंडरों की कुल मात्रा को भी बताता है | यह ट्रैक्टर इंजन के पावर आउटपुट या समय के साथ काम करने की क्षमता को दर्शाता है |
इसे घन सेंटीमीटर (सीसी) या लीटर (एल) में मापा जाता है | इसे एचपी या किलोवाट (किलोवाट) में मापा जाता है |
अधिक सीसी का मतलब है कि ट्रैक्टर में एक बड़ा इंजन होगा | अधिक एचपी रेटिंग का मतलब है कि इंजन अधिक शक्ति उत्पन्न कर सकता है और भरी-भरकम कामों को अच्छे से कर सकता है |
यह ट्रैक्टर इंजन के डिज़ाइन, बोर और चैंबरों की संख्या पर निर्भर करती है | यह ट्रैक्टर इंजन के डिज़ाइन, ट्यूनिंग, इंजन की क्षमता और आकार, वाल्वों की संख्या, ईंधन के प्रकार, वाल्वों का समय, और वायु परिवर्तन और ईंधन वितरण विधि पर निर्भर करती है |
एचपी और सीसी: ट्रैक्टर खरीदते समय किसको दे अधिक अहमियत
ट्रैक्टर खरीदते समय किसानो को बहुत सारी बातों को ध्यान में रखना पड़ता है और हॉर्स पावर (एचपी) और क्यूबिक क्षमता (सीसी) इसमें शामिल है।
चूँकि एचपी ट्रैक्टर के बिजली उत्पादन और विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करने की क्षमता को दर्शाता है हम कहेंगे की आप एचपी पर पहले ध्यान दें:
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अगर आप खेतों की जुताई, भारी बोझ उठाने या उपकरणों को चलाने जैसे कृषि कार्यों को अधिक करतें हैं तो।
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अगर आप एक बड़े भूभाग पर खेती करतें हैं।
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आप ट्रैक्टर को घास काटना, जुताई करना, या उन उपकरणों का संचालन करना जिनके लिए उच्च गति संचालन की आवश्यकता है जैसे कामों में उपयोग में लाएंगे तो।
सीसी को आपको अधिक अहमियत देना चाहिए:
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जब आपको ज़्यादा टॉर्क की ज़रूरत होती है तो आपको एचपी से ज्यादा सीसी को अहमियत देनी चाहिए।
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जब आपको अधिक भार खींचतें समय गति पर नियंत्रण की ज़रुरत होती हैं तो भी आपको एचपी से ज्यादा सीसी को अहमियत देनी चाहिए। अधिक सीसी वाले ट्रैक्टर आमतौर पर कम गति पर भी बेहद अच्छा प्रदर्शन देते हैं।
सीसी के आधार पर ट्रैक्टर चुनते समय विचार करने योग्य बातें
जब आप ट्रैक्टर के सीसी को ध्यान में रखकर ट्रैक्टर खरीदना चाहतें हैं तो आपको इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा:
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आपको अपनी कार्यक्षमता को ध्यान में रखतें हुए ही सीसी का चुनाव करना चाहिए। अगर आप कृषि से जुड़े भारी-भरकम कामों से ज्यादा जुड़ें हैं तो आपको उच्च सीसी इंजन वाला ट्रैक्टर खरीदना चाहिए।
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ज़्यादा सीसी वाले ट्रैक्टर को ज़्यादा रखऱखाव की ज़रूरत पड़ती है और उसमें ईंधन की भी खपत ज़्यादा होती है। तो ऐसे ट्रैक्टर को उपयोग में लाना थोड़ा ख़र्चीला साबित हो सकता है। इसलिए आपको तब तक एक ज़्यादा सीसी वाला ट्रैक्टर नहीं खरीदना चाहिए जब तक आपको उसके निवेश का उचित रिटर्न ना मिले।
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ट्रैक्टर के इंजन की पावर और टॉर्क रेटिंग को आपको अच्छे से समझना चाहिए। ज़्यादा सीसी वाले इंजन अक्सर अधिक टॉर्क पैदा करते हैं जिससे इन पर ज़ोर पड़ सकता है।
आखिर में
एक ट्रैक्टर की क्षमता को निर्धारित करने में हॉर्स पावर (एचपी) और क्यूबिक क्षमता (सीसी) का बहुत बड़ा हाथ होता है। एक किसान को इन दोनों का ज्ञान होना चाहिए और एक ट्रैक्टर को खरीदतें समय इनकी जानकारी ज़रुर लेनी चाहिए।
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