ये भीषण गर्मी है आपके फसलों के लिए फायदेमंद! जानिए कैसे !
उत्तर भारत के कई इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है , जो वाकई भारतीयों के लिए चिंता का विषय है। जहाँ एक तरफ, बढ़ते तापमान की वजह से किसानों के लिए खुले खेतों में काम करना मुश्किल हो रहा है वहीँ दूसरी ओर उच्च तापमान की वजह से सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी का वाष्पीकरण भी तेजी से हो रहा है। बिजली की बढ़ती मांग और आपूर्ति में कमी की वजह से खेतों में बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो रही है, जिसकी वजह से पानी के पंप जैसे ज़रूरी उपकरणों को चलना भी किसानों के लिए बहुत ही मुश्किल हो रहा है।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आज के भारत के किसान को बढ़ती गर्मी की वजह से बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पर, इस भीषण गर्मीं में भी उम्मीद की एक किरण छुपी है। जी हां, भारतीय किसान इस भीषण गर्मी से भी लाभ उठा सकते हैं। सोच रहे हैं कैसे? तो चलिए जानते है विस्तार से।
भीषण गर्मी के सकारात्मक पहलू
अगर आप इस बढ़ते तापमान से चिंतित हैं तो आपकी चिंता को दूर करने के लिए हम आपको बताने जा रहें हैं कि किस तरह यह भीषण गर्मीं भी देश के किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
भीषण गर्मी के कारण होगी अच्छी वर्षा
तापमान बढ़ने पर अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनता है, जिसके कारण भारत समेत अरब सागर के आसपास के महाद्वीपों में अच्छी वर्षा होने की संभावना रहती है।
भारत अभी भी एल नीनो से प्रभावित है जिसकी मदद से इस साल भी मानसून में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। और यह हम सबको ही पता है कि एक अच्छा मानसून अच्छी फसल का संकेत है।
भीषण गर्मी से बढ़ सकती है फसलों की पैदावार
अधिक तापमान की वजह से किसान कुछ फसलों जैसे गेहूँ , गन्ना , और धान, की अच्छी पैदावार की उम्मीद कर सकतें हैं। जब वातावरण में तापमान अधिक बना रहता हैं तो खेतों में खड़ी फसलों में प्रकाश संश्लेषण और श्वसन की प्रक्रिया अच्छे से होती है जिसके चलते फसलों में उचित मात्रा में स्टार्च और नाइट्रोजन मिलती है। दोनों प्रक्रियाएँ पौधों की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
तो भीषण गर्मी के चलते किसान अच्छी फसल की उम्मीद कर सकतें हैं, अगर वो सिचाईं समय पर करें।
इसके साथ-साथ, उच्च तापमान की चलते फसलों के पौधों में एंजाइम गतिविधि में भी वृद्धि होती है। इसके चलते रुबिस्को एंजाइम अधिक सक्रिय हो जाता है जो पौधों में CO2 के स्तर को ठीक करने के लिए जिम्मेदार है।
भीषण गर्मीं मदद करेगी फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने में
अगर आप टमाटर, स्ट्रॉबेरी, और आलू जैसे फसलों के उत्पादन से जुड़े हैं तो यह भीषण गर्मी आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
उच्च तापमान फसलों में कुछ मुख्य तत्वों जैसे चीनी, एंटीऑक्सीडेंट और फेनोलिक यौगिकों के उत्पादन को बढ़ा सकता है। ये सभी तत्व फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्तर पर काम करतें हैं। जैसे:
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फलों में प्राकृतिक चीनी की मात्रा बढ़ने से फल ज्यादा मीठे हो जातें है और खाने में अच्छे लगतें हैं। चीनी की मात्रा बढ़ने से फलों की बनावट भी मजबूत हो सकती है।
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एंटीऑक्सीडेंट और फेनोलिक यौगिकों की मात्रा बढ़ने से फलों की फसलों का पोषण मूल्य बढ़ सकता है, जिससे उनका उपयोग करना मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद हो सकते है। आज के उपभोगता उन फलों का सेवन करना चाहतें है जो पोषण तत्वों से भरें हो। इसकी वजह से किसान भीषण गर्मीं में होने वाली फलों की फसलों का अधिक मूल्य पा सकतें हैं।
भीषण गर्मीं करेगी खरपतवार का नाश
जब पारा 50 डिग्री से ऊपर पहुँच गया है तब किसानों को तपती धूप में खरपतवार को उखाड़ने के लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उच्च तापमान कभी-कभी खरपतवारों की वृद्धि को दबाने में बहुत ज़्यादा मददगार साबित होती है।
उच्च तापमान खरपतवार के बीजों में मौजूद प्रोटीन को विकृत करके उनकी वृद्धि वहीँ रोक देता है। और मौजूदा खरपतवारों कम पानी की वजह से जल्दी ही मर जाएगी। तो, किसानों को खरपतवारों को नष्ट करनें में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
भीषण गर्मी करेगी फसलों को जल्दी पकने में मदद
टमाटर और मिर्च की फसलें अधिक तापमान को झेलने की क्षमता रखती है और अगर आप इन फसलों की खेती करतें है तो इस साल आपको फसल पकने के लिए ज़्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
जैसा कि हमने ऊपर बताया, अधिक तापमान के चलते पौधों में प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ जाती है, जिससे फसलें अधिक बायोमास का उत्पादन कर सकती हैं और तेज़ी से पक सकती है।
भीषण गर्मीं करेगी कुछ फसलों में अधिक तेल का उत्पादन
सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे फसलों की खेती करने लिए यह भीषण गर्मीं वरदान भी साबित हो सकतीं हैं। अधिक गर्मीं के चलते इस फसलों के बीजों में फैटी एसिड एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ा देती है जिसके चलते बीजों में तेल संश्लेषण बढ़ जाता है। इससे तेल की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है।
भीषण गर्मी करेगी कीटों का नाश
इस भीषण गर्मीं का किसानों के एक और फ़ायदा है और वो है फसलों में लगने वाले कीटों और बिमारियों का नाश। उच्च तापमान फसलों में लगने वाले कीटों और जीवों की वृद्धि के लिए अनुकूल नहीं हैं। अधिक तापमान कीट प्रजनन को कम कर देता है और कीटों के जीवन चक्र को बाधित कर देता है। इसके चलते, फसलों को नष्ट करने कवक और बैक्टीरिया अपने आप ही मर जातें हैं और फसलों में होने वाली बिमारियों की संभावना कम हो जाती है।
भीषण गर्मीं में भी छुपी है उम्मीद
जहाँ एक तरह इस भीषण गर्मीं के चलते किसानों को सिचाईं के लिए पानी की क़िल्लत को झेलना पड़ सकता है वही दूसरी और इसके बहुत सारे सकरात्मक प्रभाव भी है जैसे कम खरपतवार और फसलों की बिमारियों का ना होना और अच्छी और अधिक गुणवत्ता वाली फसल की पैदावार। तो किसानों को अधिक चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि ज़रूरत है समय की माँग के अनुसार फसलों की सही वृद्धि के लिए कदम उठाने की।
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