19 Jul, 2024
संसद के मानसून सत्र के दौरान 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 के लिए यूनियन बजट बजट पेश करेंगी । उन्होंने 21 जून 2024 को नई दिल्ली में बजट-पूर्व बैठक के जरिए देश के मुख्य कृषि संगठनों और विशेषज्ञों से मुलाकात करके इस क्षेत्र की समस्याओं को भी सुना था।
इस बैठक में कृषि अनुसंधान में निवेश बढ़ाने, उर्वरक सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाने और जलवायु परिवर्तन से जुडी समस्याओं को झेलने के लिए क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया। कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के बजट को 9,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने की मांग भी की।
इसके अलावा मोदी सरकार 3.0 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री का पद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, शिवराज चौहान, ने संभाला है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहतें समय इन्होने किसानों के साथ जुड़कर इस प्रदेश कृषि क्षेत्र का बहुत उत्तान किया है।
उनके कार्यकाल के समय मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र ने साल 2013-14 से 2022-23 तक 6.1% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की थी जबकि राष्ट्रीय औसत वृद्धि 3.9% थी। उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में, मध्य प्रदेश भारत में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन वाला राज्य बनने में कामयाब रहा। सिंचाई में निवेश के साथ-साथ, नए ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन और नहरों के निर्माण/मरम्मत की मदद से शिवराज चौहान की सरकार ने कृषि उपज के विपणन के लिए बुनियादी ढाँचा बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। शिवराज चौहान जी की कृषि से जुडी जानकारी निर्मला सीतारमण को बजट 2024 के निर्माण में काफी मदद कर सकती हैं।
इसलिए इस बजट से देश के कृषि वर्ग से जुड़े लोगो को उम्मीद है कि सरकार जलवायु बदलाव से होने वाली दिक्कतें और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। चलिए विस्तार से जानतें हैं कि देश का किसान बजट 2024 में क्या उम्मीद कर सकता है।
एमएसपी पर लागत खरीद का भरोसा
एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को उनकी मेहनत की सही कीमत दिलाने का भरोसा देता है। ऐसा माना जा रहा है कि बजट 2024 में सरकार तेल के बीजो और दालों की फसलों को एक सही एमएसपी पर खरीदने जाने की गारंटी दे सकती है। भारत सरकार ने पहले ही ,19 जून 2024 को, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खरीफ फसल सीजन 2024-2025 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा कर दी थी। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों ,जिसमें रागी, अरहड़, उड़द, तिल, सूरजमुखी, और मूँगफली जैसे मुख्य खरीफ फसलें शामिल है, के न्यूनतम समर्थन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कृषि क्षेत्र को मजबूत करना
देश और दुनिया भर के किसान जलवायु परिवर्तन की वजह से असमय बाढ़ और सूखे की समस्या को झेल रहें हैं। अगर फोरम ऑफ एंटरप्राइजेज फॉर इक्विटेबल डेवलपमेंट (FEED) द्वारा डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) के सहयोग से किए गए सर्वेक्षण की माने तो लगभग 41 प्रतिशत फसल सूखे के कारण ख़राब हो जाती है तो 32 प्रतिशत फसल अनियमित वर्षा की वजह से ख़राब हो जाती है।
इन सभी कारणों की वजह से देश के लगभग 43 प्रतिशत किसान अपनी खेतीं में तैयार खड़ी फसलों का कम से कम आधा हिस्सा खो देतें हैं । जलवायु परिवर्तन एक बहुत ही मुख्य समस्या है और देश के किसानो को उम्मीद है कि इस बजट में सरकार इस दिशा में ज़रूरी क़दम उठायेगी।
कृषि निर्यात को बढ़ावा
बजट-पूर्व बैठक में देश के कृषि विशेषज्ञों ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के लिए बजट आवंटन को 80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 800 करोड़ रुपये करने की भी सिफारिश की थी। उन्होंने जिला स्तर पर निर्यात केंद्र स्थापित करने का भी सुझाव दिया जिससे देश के कृषि से जुड़े निर्यात हो सुनियोजित तरीके से किया जा सके।
कृषि और खाद्य उत्पादों का निर्यात हमेशा से ही देश की अर्थवय्वस्था के लिए काफी एहम रहा है। वित्तीय वर्ष 2023 में भारत के कुल निर्यात $ 52.49 बिलियन रहा और अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक यह $ 38.65 बिलियन था।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) के अनुसार, कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात अगले तीन वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है । इन सभी बातों को देखकर लगता है कि सरकार कृषि निर्यात को और बेहतर बनाने की दिशा में ज़रूर कुछ ठोस कदम उठायेगी।
उर्वरकों पर सब्सिडी
केंद्र सरकार कृषि उपकरणों और बीजो की खरीद पर पहले से ही सब्सिडी दे रही है। पर जैव उर्वरकों और फ़ोलिअर फ़र्टिलाइज़र के बढ़ते उपयोग के कारण देश के कृषि विशेषज्ञों ने इनकी खरीद पर सब्सिडी देने का भी सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। देश के किसान बजट 2024 में इस क्षेत्र में कुछ बदलावों की उम्मीद कर सकतें हैं।
कृषि अनुसंधान को बढ़ावा
अगर हम भारत कृषि क्षेत्र के मशीनीकरण की बात करें तो अभी भी भारत अन्य देशों के मुकाबले बहुत पीछे है। सरकार को कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में अधिक निवेश करने की ज़रूरत है। किसानो के पास जलवायु-लचीली फसल किस्मों, नवीनतम कीटनाशकों, माइक्रोबियल उत्पादों और टिकाऊ कृषि प्रणालियाँ हो। बजट 2024 से हम यह उम्मीद कर सकतें हैं कि सरकार एक मजबूत कृषि नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण और अत्याधुनिक तकनीकों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देगी।
मजबूत ग्रामीण बुनियादी ढांचा
जब भारत के ग्रामीण इलाकों में अधिकतर खेती की जाती है तो कृषि विकास के लिए मजबूत ग्रामीण बुनियादी ढांचा होने अनिवार्य है। कृषि के विकास के लिए ग्रामीण इलाकों में सड़कों, पुलों, अनाज भंडारण सुविधाओं, कोल्ड चेन और पशु चिकित्सा सेवाओं का होने बहुत ही ज़रूरी है ताकि फसल के बाद होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है और दूरदराज के क्षेत्रों के किसानों को भी बाजार तक पहुँचाया सकता है।
फार्म मशीनरी के लिए अधिक और सरल फाइनेंस की सुविधा
केंद्र सरकार पहले से ही कईं प्रकार की सब्सिडी किसानों को प्रदान करती है पर अब समय है कृषि फाइनेंस को तेज और सरल बनाने का। विनोद गज्जर, सेकेट्री जनरल, इंडियन एग्रीकल्चर मशीनरी मनुफैक्टर एसोसिएशन, के हिसाब से केंद्र सरकार को किसानो के लिए ऋण लेना सरल बनाना चाहिए। सब्सिडी की सुविधा होने के बावजूद देश में बिकने वाले कुल फार्म मशीनरी का कुल 10 प्रतिशित ही सब्सिडी के द्वारा ख़रीदे जातें हैं क्योंकि सीमान्त किसानों के लिए आज भी बैंकों से कर्ज़ लेना मुश्किल है।
इसके साथ-साथ, उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर सब्सड़ीय ट्रैक्टरों की खरीदारी के लिए उपयोग में लायी जाता है और इम्प्लीमेंट की खरीद अभी भी कम है। इसलिए केंद्र सरकार के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि किसानों को अन्य कृषि से जुड़े उपकरणों की खरीदारी के लिए सब्सिडी के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और स्टार्ट-उप को बढ़ावा
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और कृषि से जुड़े स्टार्ट-उप से कृषि क्षेत्र की आमदनी और कार्यक्षमता दोनों बढ़ने की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा कि वित्त मंत्री बजट 2024 में फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और स्टार्ट-उप को बढ़ावा देने की दिशा में कुछ महत्वूर्ण कदम उठा सकतीं हैं। देश के ग्रामीण इलाकों के युवाओ को कृषि क्षेत्र से जुड़ने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और स्टार्ट-उप के गठन के लिए अधिक फण्ड देने की आशा है।
बजट 2024 से किसानों को है उम्मीद
बजट 2024 देश का बजट है, देश के किसानों का बजट है। इसलिए किसानों का यह उम्मीद रखना कि इस बजट में सरकार उनको समस्यायों का समाधान प्रदान करेगी गलत नहीं है। 23 जुलाई को पता चल जायेगा की यह बजट देश के किसानों की उम्मीद पर कितना खरा उतरा है। तो हमसे जुड़े रहिए और बजट 2024 से जुडी हर ख़बर को सबसे पहले जानिये।