मात्र 28 साल पहले शुरू हुई ये ट्रैक्टर कंपनी आज है दुनिया की शीर्ष 5 ट्रैक्टर कंपनियों में शामिल!
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जी हाँ, भारत में हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर्स बनाने वाली मात्र 28 साल पुरानी कंपनी जो आज देश की तीन सबसे बड़ी ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है। किसानों की ज़रूरतों को समझते हुए और एग्रीकल्चर सेक्टर में रिवॉल्यूशन लाने के उद्देश्य से 1996 में सोनालीका ट्रैक्टर्स की शुरुआत की गई।
मात्र 28 साल पहले शुरू की गई यह कंपनी आज वर्ल्ड लेवल पर अपनी पहचान बना चुकी है। अपने हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के कारण सोनालीका ट्रैक्टर्स आज दुनिया की शीर्ष 5 ट्रैक्टर कंपनियों में शामिल है। आइए जानते हैं कि यह सफर कैसे शुरू हुआ और आज कंपनी किस मुकाम पर है।
सोनालीका ट्रैक्टर्स की शुरुआत और उद्देश्य
सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती। अगर खुद पर हो विश्वास, तो हर मुश्किल हो जाती है आसान। इस बात का जीता-जागता सबूत है लक्ष्मण दास जी मित्तल। लक्ष्मण दास जी जो एलआईसी के एजेंट हुआ करते थे, उन्होंने अपनी सैलरी से पाई-पाई बचाकर अपने रिटायरमेंट की उम्र में अपना बिज़नेस शुरु किया।
1996 में, सोनालीका ग्रुप ने एग्रीकल्चर में इनोवेशन लाने और किसानों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग में कदम रखा। कंपनी ने शुरुआत से ही किसानों की जरूरतों के अनुसार मॉडर्न और ड्यूरेबल ट्रैक्टर बनाने पर फोकस किया।
अपने पहले मॉडल से ही कंपनी ने किसानों का भरोसा जीता। सोनालीका का उद्देश्य था कि वे किसानों को ऐसे ट्रैक्टर प्रदान करें जो अफोर्डेबल होने के साथ-साथ बेहतरीन परफॉरमेंस दें।
सोनालीका ट्रैक्टर्स की सफलता का सफर
सोनालीका ने शुरुआत में लिमिटेड रिसोर्सेज के साथ प्रोडक्शन शुरू किया। लेकिन उनका ध्यान हमेशा मॉडर्न टेक्नोलॉजी को अपनाने पर रहा। 2000 के दशक में, कंपनी ने नए-नए फीचर्स वाले ट्रैक्टर लॉन्च करके भारतीय और इंटरनेशनल बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की।
सोनालीका ने लगातार रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) में निवेश किया, जिससे वे पावरफुल ट्रैक्टर्स बनाने में सक्षम हुए। आज सोनालीका के वर्ल्ड नंबर वन प्लांट में 20 से 120 एचपी के हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर्स बनाए जाते हैं। यहाँ 300+ इंजीनियर्स 20+ सेल्फ मेड टेक्नोलॉजीस को डेवलप कर चुके हैं।
सोनालीका ट्रैक्टर्स की प्रमुख अचीवमेंट्स
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कंपनी 17 लाख से अधिक किसानों को उनके कृषि कार्यों में सहायता प्रदान कर रही है।
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सोनालीका ने किसानों के लिए स्पेशल मल्टीस्पीड गियर और फ्यूल एफिशिएंट इंजन वाले ट्रैक्टर बनाए।
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2012 में, कंपनी ने इनोवेटिव ट्रैक्टर डिजाइन के लिए इंटरनेशनल लेवल पर पहचान प्राप्त की।
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सोनालीका का सेल ग्रोथ रेट दूसरी कंपनीज की कंबाइन सेल्स ग्रोथ रेट से ज़्यादा है।
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इकनॉमिक टाइम्स द्वारा सोनालीका ट्रैक्टर्स को आइकॉनिक ब्रांड ऑफ़ द इयर और कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री रमन मित्तल जी को इंस्पायरिंग लीडरशिप अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
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भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भारतीय किसानों की इनकम डबल करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सोनालीका ट्रैक्टर्स को नीति आयोग की कोर टीम में शामिल किया गया है।
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सोनालीका ट्रैक्टर्स आज 150 देशों में ट्रैक्टर्स एक्सपोर्ट करता है। कंपनी ने यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और एशिया जैसे बड़े मार्केट्स में अपना नाम स्थापित किया है।
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सोनालीका ट्रैक्टर्स के पास है पंजाब के होशियारपुर में दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माण फैक्ट्री जो दुनिया भर के कस्टमर्स की ज़रूरतों को पूरा करती है।
निष्कर्ष
सोनालीका ट्रैक्टर्स की कहानी काफी इंस्पिरेशनल है। मात्र 28 साल में कंपनी ने जो मुकाम हासिल किया है, वह मेहनत, डेडिकेशन, और किसानों के प्रति उनके कॉन्ट्रिब्यूशन को दर्शाता है। सोनालीका ने साबित कर दिया है कि यदि आपका मोटिव क्लियर है और आप मेहनत करते हैं, तो सक्सेस ज़रूर मिलती है।
आज यह कंपनी न केवल भारतीय किसानों की पहली पसंद है, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी अपनी चमक बिखेर रही है। ट्रैक्टरज्ञान, सोनालीका ट्रैक्टर्स के उज्जवल भविष्य की कामना करता है और आने वाले समय में ट्रैक्टर इंडस्ट्री में सोनालीका के नए एक्सपेरिमेंट्स को देखना चाहता है।
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