सब्जियों के न्यूनतम दर तय करने वाला पहला राज्य बना केरल, अब ये दो राज्य भी इसकी तर्ज़ पर करेंगे काम।
सब्जियों और फलों का न्यूनतम दाम तय करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है। जिस तरह अनाज व दालों के न्यूनतम मूल्य सरकारें तय करती है, केरल सरकार ने अब 16 फल व सब्जियों के न्यूनतम मूल्य यानी एमएसपी तय कर लिए है। सरकार का फैसला है कि सब्जियों का न्यूनतम मूल्य उनकी लागत से 20% अधिक होगा। इसके अलावा सरकार ने खाने पीने के अन्य 21 उत्पादों की एमएसपी भी तय की है।
इस फैसले को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कहते है " सब्जियों को गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा और आधार मूल्य उसी के हिसाब से तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश भर के किसान संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन पिछले साढ़े चार साल से हमने उनका समर्थन किया है। सरकार ने राज्य में कृषि को विकसित करने के लिए कई बड़ी पहल की हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि केरल में पिछले साढ़े चार साल में सब्जी उत्पादन दोगुना हो गया है यानि यह उत्पादन 7 लाख टन से बढ़कर 14.72 लाख टन हो गया है।
1 नवंबर से लागू होगी योजना:-
प्रमुख सब्जियों कि बात करें तो सरकार ने आलू 20 रुपए प्रति किलोग्राम, टमाटर 8 रुपए प्रति किलोग्राम, लौकी 9 रुपए प्रति किलोग्राम और करेला 30 रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम दर तय किए है। आपको बता दें सरकार की यह योजना 1 नवंबर से लागू हो चुकी है, जिसका लाभ 15 एकड़ तक में खेती करने वाले कई किसानों को होगा। इस योजना के अन्तर्गत राज्य में सब्जियां बेचने के लिए 1000 स्टोर भी खोलें जाएंगे।
सब्जियों पर एमएसपी की मांग कई वर्षों से कई राज्यों में उठती अाई है। पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक आदि राज्यों में भी किसानों कि इसी तरह की मांग है। कई राज्यो की सरकारें इस तरह का कदम उठाने की मंशा भी जता चुकी है, वर्ष 2017 हरियाणा सरकार ने भी इसकी घोषणा की थी।
मध्यप्रदेश, झारखंड भी कर रहे है तैयारी:-
मध्यप्रदेश सरकार अब केरल की तर्ज पर सब्जियों का समर्थन मूल्य तर करने की तैयारी कर रही है। जिससे की किसानों को उनकी लागत का कम से कम 50 फीसदी मिलेगा। इस बारे में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम किसानों की सब्जियों और फलों को न्यूनतम समर्थ मूल्य पर खरीदने की योजना बना रहे हैं। ताकी किसानों को अपनी सब्जी का सही भाव मिल सके।
इसी प्रकार झारखंड राज्य भी अब इसी तरह का कदम उठा सकता है, जिससे फल सब्जियों की एमएसपी तय कर किसानों की सहायता की जाए।इसके लिए कृषि एवं पशुपालन सचिव अबु बकर सिद्दीकी ने कुछ पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार सब्जियों का एमएसपी तय करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। कमेटी के गठन का प्रस्ताव उन्होंने कृषि मंत्री को भेज दिया है।
देश के सभी राज्यों के लिए केरल ने एक उदाहरण तैयार कर दिया है, जिसके बाद कई राज्य सरकारों से इस तरह के फैसले लेने की आश जताई जा रही है।
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