अब हो गई पराली जलाने की झंझट खत्म!
सरकार ने चावल के अवशिष्ट (पराली/Stubble burning) जलाने को लेकर बहुत ही सख्त निर्देश दिये गए है जिसमे फाइन का भी प्रावधान रखा गया है जिससे देश का हर एक किसान परेशान है।
आज के आधुनिक युग में कृषि क्षेत्र में जैसे जैसे नई तकनीक के साथ मशीनीकरण बड़ा है तो, इसका किसानो को फायदा भी हुआ है, इन मशीनों से किसानो के सामने कुछ नई समस्याए आती रही है उन मे से आज के समय जो किसानो के सामने सबसे बड़ी समस्या उभरकर आई है वो है अवशिष्ट का आखिर क्या किया जाये?
तो आइये हम जानते है ये समस्या किसानो के सामने कहा से आई और इससे कैसे निजात पाया जाये और सरकारी फाइन से कैसे बचा जाये?
पुराने समय में किसान अपने धान (चावल की फसल) की कटाई मजदूरो के व्दारा हाथो से करवाते थे जिससे चावल (धान) को नीचे से काटा जाता था जिससे चावल का कोई भी अवशिष्ट शेष नहीं रहता था, लेकिन इसकी कटाई में बहुत समय लगता था और पैसा भी ज़्यादा खर्च होता था, और जिससे कभी-कभी धान की फसल को कटवाते-कटवाते गेहू की बुबाई के लिए बहुत लेट हो जाते थे।
समय में बदलाव और मशीनीकरण होने से धीरे धीरे इंसान की जगह मशीनों ने ले ली और इस प्रकार हार्वेस्टर के व्दारा कटाई की जाने लगी और गेहू की फसल की टाइम पर बुबाई होने लगी, लेकिन कटाई के दौरान चावल के पौधे का शेष भाग अवशिष्ट (पराली) के रूप में बचने लगा। लेकिन हार्वेस्टर चावल (धान ) की फसल का ऊपरी हिस्सा को काटता है जिससे खेत में चावल का अवशिष्ट रह जाता है इस अवशिष्ट से निजात पाने के लिए किसानो ने खेतो में जलाना शुरु कर दिया और अब इस अवशिष्ट को जलाने पर जो धुँआ निकलता है वो हमारे पर्यावरण, मनुष्य और जानवरो के लिए नुकशान दायक तो होता ही है, लेकिन इसके साथ साथ यह मिटटी की उर्वरक छमता को भी कम कर देता है| इन अवशिष्टों को जलाना न पड़े इस समस्या से निजात पाने के लिए पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय एव कृषि क्षेत्र में कार्यरत कृषि अनुसंधान के प्रयास से happy Seeder नामक मशीन का निर्माण किया गया जो चावल के बचे हुए अवशिष्ट की समस्या से निजात दिलाती है।
हैप्पी सीडर कैसे काम करता है और इससे क्या-क्या फायदे हो सकते है?
इस मशीन में दो इकाई होती है भूसा इकाई और दूसरी बुबाई इकाई, हैप्पी सीडर (Happy Seeder) से चावल के खडे अवशिष्ट की कटाई और साथ ही इस अवशिष्ट को इस मशीन के व्दारा खेत में ही खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है ,और यह खेत के सतह पर गीली घास के रूप में अवशेष शेष रह जाता है और यह अवशेष मिटटी की उर्वरक छमता को भी बड़ा देता है।
बीज पंक्ति पर अवशिष्ट के भार को कम करने के लिए अवशिष्ट प्रबंध रोटर से चावल की ख़ड़ी अवशिष्ट को 7.5 से.मी. पर काटने और बीज को 12.5 से.मी. के दो लाइन में छोड़ने के लिए बनाया गया है, इसको 45HP के ट्रेक्टर के PTO व्दारा संचालित किया जा सकता है और इससे एक घंटे में 0.2 से 0.3 प्रति हैक्टेयर खेत की वुबाए की जा सकती है।
इस हैप्पी सीडर का प्रयोग करने से किसानो को गेहू की फसल में एक से दो पानी की सिचाई कम करना पड़ेगी और गेहू की फसल की गिरने की समस्या को काम कर देती है और इस मशीन का प्रयोग करने से खरपतवार की समस्या कम हो जाती है।
अब बात करते है किसान भाइयो व्दारा इस मशीन को खरीदने की!
भारत का हर एक किसान इस मशीन को खरीदने में सक्षम नहीं है, क्योंकि काफी किसान गरीब होने के कारण इसको खरीदने में बहुत मुश्किल हो जाती है। तो इसमें सरकार को किसानो की मदद करनी चाहिए जैसे की हैप्पी सीडर मशीन जो किसान खरीदना चाहता है तो उसके लिए कुछ अनुदान या सब्सिडी देंना चाहिए या फिर सरकार व्दारा खोले गए कस्टम हायरिंग सेंटर पर इस मशीन को उपलब्ध करा देना चाहिए जिससे किसान आसानी से अपना काम कर सके। और किसानो को जागरूक करने लिए जगह-जगह पर कैंपेन चलाना चाहिए और किसानो को इससे होने वाला फायदा बताना चाहिए और इसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जिससे किसानो को फायदा हो सके और कम पैसा खर्च करना पड़े और हमारे पर्यावरण को प्रदुषण से बचाया जा सके। जिससे किसान इस नई तकनीक को अपनाये और इस नई तकनीक के बारे में जागरूक हो जाये, इस समय में यह उपकरण इतना प्रभावी हो रहा है की किसान समुदाय के लिए वरदान साबित हो सकता है।
Read More
![]() |
कृषि के क्षेत्र में ये हैं भारत के टॉप 11 राज्य!. |
![]() |
जानें भारत में कृषि के लिए इस्तेमाल किए जानें वाले टॉप इंप्लीमेंट कौनसे हैं? |
![]() |
बेस्ट कल्टीवेटर इन इंडिया 2021: विशेषता, कीमत व सब्सिडी की पूरी जानकारी। |
Category
Write Your Comment About अब हो गई पराली जलाने की झंझट खत्म!
.webp&w=256&q=75)
Top searching blogs about Tractors and Agriculture
24 Jun 2025
30 Jun 2025
03 Jan 2025
27 Nov 2024
22 Jan 2025
21 Nov 2024
24 Jun 2025
27 Jun 2025
25 Jun 2025
16 Dec 2024
31 Dec 2024
27 Jun 2025
27 Jun 2025
24 Jun 2025