02 Sep, 2022
भारत किसानों का देश है जहां ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है। माननीय प्रधानमंत्री ने 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का अनावरण किया जिसके तहत फसलों को सूखा, आंधी, तूफान, बे मौसम बारिश, बाढ़ आदि जैसे जोखिम से सुरक्षा मिलती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की स्थिति में किसानों को किफायती दर पर इंश्योरेंस कवर देना है। पीएम फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) को केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2016 से शुरू किया है. इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है. कटाई के बाद खेती में रखी फसल के बारिश व आग से खराब होने को भी इस योजना के तहत कवर किया गया है. अब जंगली जानवरों की तरफ से फसलों को हुए नुकसान को भी बीमा कवर में शामिल कर लिया गया है. यह योजना देया के ज्यादातर राज्यों ने अपनाया है।
प्रधानमंत्री की कैबिनेट ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई ,हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी और इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा। पीएम बीमा फसल योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान भी करती है।
प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत तकनीकी का अनिवार्य प्रयोग किया जायेगा, जिससे किसान सिर्फ मोबाईल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारें में तुरंत आंकलन कर सकता है।
प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत आने वाले 3 सालों के अन्तर्गत सरकार द्वारा 8,800 करोड़ खर्च करने के साथ ही 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।इस योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/प्रीमियम- खरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1.5% है।
वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है
किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दरें बहुत कम हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान के खिलाफ किसानों को पूरी बीमा राशि प्रदान करने के लिये शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जायेगा , ये राज्य तथा केन्द्रीय सरकार में बराबर-बराबर बाँटा जायेगा।
अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करने के साथ-साथ फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार पीछे नहीं है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदा में खराब हुई फसलों का भुगतान करके उनका किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होने दे रही है, प्रदेश में अब तक योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 27.59 लाख से अधिक किसानों को 3074.60 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद किसानों की फसलों को खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करना और प्रीमियम के बोझ को कम करना है। इसमें किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% का प्रीमियम अदा करना होगा और वहीं वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान करना है। इस योजना के लागू होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है. खासकर उन किसानों को जो किसान कर्ज या उधार पैसे लेकर खेती में लगाते थे, योजना के कारण उनकी आय और अधिक मजबूत हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार की इस योजना को उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया है। सरकार के अब तक कुल 281.25 लाख बीमित किसानों द्वारा फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें 27.59 लाख कृषकों को 3074.60 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया हऔर इसमें खरीफ सीजन 2021-2022 में 7.02 लाख किसानों को 654.85 करोड़ रुपये की फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान भी शामिल हैं। रबी 2021-2022 में 19.90 लाख कृषकों द्वारा 14.21 लाख हे० क्षेत्रफल में बीमित किया गया है, जिसकी क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया चल रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत गैर-सिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिये बीमा किस्त की दरों पर केंद्र सरकार की हिस्सेदारी को 30% और सिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिये 25% तक सीमित करने का निर्णय लिया है। पहले, केंद्रीय सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं थी।
इस योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों में धान, कपास, मक्का, बाजरा तथा मूंग रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इस बात की जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के द्वारा प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत धन के लिए प्रीमियम की राशि 741 रुपए, कपास का प्रीमियम 1798 रुपए, मक्का के प्रीमियम की राशि 370.51 रुपए, बाजरे के प्रीमियम की राशि 348.70 रुपए तथा मूंग के प्रीमियम की राशि ₹326 रुपए प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है।
रबी की फसलों के लिए गेहूं का प्रीमियम ₹425, सरसों का प्रीमियम ₹286.6, चने का प्रीमियम ₹212.50 तथा सूरजमुखी का प्रीमियम ₹277.88 प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार अब किसानों को यह योजना पोस्ट ऑफिस से भी प्राप्त हो सकती है, अर्थात इस स्कीम के फायदे किसानो अब पोस्ट ऑफिस से भी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार का इस कदम के पीछे यह उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग की पहुंच अच्छी होती है और किसानों को फिर काफी आसानी होगी।
पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत योजना के तहत देश के सभी किसान पात्र हो सकते है। इस योजना के तहत किसान अपनी ज़मीन पर की गयी खेती का बीमा करवा सकते है साथ ही किसान किसी उधार की पर ली गयी ज़मीन पर की गयी खेती का भी बीमा करवा सकते है।
देश क उन किसानो का इस योजना के तहत पात्र माना जायेगा जो पहले किसी बीमा योजना का लाभ नहीं ले रहे हो।
किसान का आई डी कार्ड
आधार कार्ड
राशन कार्ड
बैंक खाता
किसान का एड्रेस प्रूफ (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस ,पासपोट, वोटर ID कार्ड )
खेत किराये पर लेकर खेती की गयी है तो खेत के मालिक के साथ इकरार की फोटो कॉपी
खेत का खाता नंबर /खसरा नंबर के पेपर
आवेदक का फोटो
किसान द्वारा फसल की वुआई शुरू किए हुए दिन की तारीख
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