Please Enter OTP For Tractor Price कृपया ट्रैक्टर की कीमत के लिए ओटीपी दर्ज करें
Enquiry icon
Enquiry Form

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार देगी 80% सब्सिडी

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार देगी 80% सब्सिडी

    कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार देगी 80% सब्सिडी

17 Jan, 2023

सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि का कार्य आसान बनाने हेतु कई तरह की सब्सिडी प्रदान की जाती है। अब खेती की तैयारी करने से लेकर फसलों की कटाई करने तक का काम आधुनिक कृषि यंत्र से किया जा रहा है। लेकिन देश के बहुत से किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह इन यंत्रों का प्रयोग करके अपने कृषि कार्य को पूर्ण कर सकें तो केंद्र सरकार कृषि यंत्र या कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करेगी। कस्टम हायरिंग सेंटर किसानों को किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाती है। परंपरागत खेती को बदलने के लिए सरकार किसानों को नई कृषि तकनीकों से जोड़ने में आगे बढ़ी है। कृषि कार्य हेतु खाद, अच्छे बीज, कीटनाशक के साथ ही आधुनिक कृषि यंत्र की भी जरूरत होती है क्योंकि इन आधुनिक कृषि उपकरणों की मदद से कम समय में और कम श्रम से खेती का काम होता है और फसल का उत्पादन अधिक होता है। इसे देखते हुए ही सरकार कृषि यंत्र योजना लेकर आई है। इस योजना में सरकार किसानों को कृषि उपकरणों पर 80% सब्सिडी प्रदान करेगी। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से यह योजना चलाई जा रही है।

कस्टम हायरिंग सेंटर क्या है ?

सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) ऐसी जगह है जहां पर किसानों को कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। जो छोटे और सीमांत किसान है जिनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है जिस कारण से वह महंगी कृषि यंत्रों को खरीद पाने में असमर्थ होते हैं उन्हें यहां लाभ प्रदान किया जाता है। वह कस्टम हायरिंग सेंटर से कृषि यंत्रों को किराए पर लेकर अपना खेती का कार्य पूर्ण कर सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। इसमें किसान को केवल 20% ही कुल राशि का निवेश करना होगा। कृषि यंत्र उत्पादन में बढ़ोतरी करते हैं जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होती है और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना ज्यादा व्यक्तियों द्वारा की जाए इसके लिए भी सरकार प्रोत्साहन दे रही है। छोटे किसानों के लिए यह कस्टम हायरिंग सेंटर बहुत मददगार रहेंगे।

 

कितनी मिलेगी सब्सिडी ?

ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों को राजस्थान सरकार द्वारा 10 लाख रुपए की लागत राशि दी जाएगी। कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना के लिए लागत का 80 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख रुपए की वित्तीय सहायता ट्रैक्टर के साथ ही कृषि यंत्रों की खरीद पर दी जाएगी। \

 

कस्टम हायरिंग सेंटर फार्म मशीनरी एप 

इस योजना का लाभ लेने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर फार्म मशीनरी एप भी उपलब्ध हैं। जिसके जरिये किसान अपने खेत के 50 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध खेती के उपकरणों को किराए पर ले सकते हैं। इस मोबाइल ऐप को 12 भाषाओं में चलाया जा सकता हैं और ऐप पर 40,000 से अधिक कस्टम हायरिंग सर्विस केंद्र पंजीकृत किए गए हैं जिसमें 1,20,000 से भी ज्यादा कृषि मशीनरी और उपकरण किराए पर ले सकेंगे।

कस्टम हायरिंग सेंटर का प्रबंधन

farm machinery

कस्टम हायरिंग सेंटर के प्रबंधन के लिए ग्रामीण स्तर पर एक अभिनव संस्थागत तंत्र को स्थापित किया गया था। ग्राम जलवायु जोखिम प्रबंधन समिति का गठन कुछ 12 से 20 गाँव के लोगों को मिलाकर अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के रूप में नामांकित सदस्यों के साथ किया गया था। ग्राम जलवायु जोखिम प्रबंधन समिति के नाम से एक बैंक खाता खोला जाता है और इसे दो हस्ताक्षरकर्ता संचालित करते है। यह समिति किसानों के लिए विभिन्न उपकरणों को किराए पर लेने के लिए शुल्क तय करती है साथ ही पशु, बीज, उर्वरक आदि के लिए किसानों का योगदान भी बैंक खाते में जमा करती है।

 

कस्टम हायरिंग केंद्रों का प्रभाव

कस्टम हायरिंग केंद्रों ने कृषि मशीनरी के लिए किसानों को एनआईसीआरए गांवों में जलवायु अनुकूल प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए इन कृषि उपकरणों तक पहुंचने के लिए सक्षम बनाने में मदद की।

1. महाराष्ट्र के बारामती में 4.8 हेक्टेयर में रबी ज्वार की खेती करने के लिए ढलान पर व्यापक बेड तैयार किया गया जिसके माध्यम से इन-सीटू नमी संरक्षण का प्रदर्शन अनुपचारित नियंत्रण में 3.8 क्विंटल/हेक्टेयर की तुलना में फसल की उपज में 3 गुना यानी 11.3 क्विंटल/हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई। 

2. मध्य प्रदेश के एनआईसीआरए गांवों में रहने वाले किसानों ने बीबीएफ प्लांटर के साथ सोयाबीन में ब्रॉड बेड फरो प्लांटिंग पद्धति को अपनाया, अधिक वर्षा के कारण 2013 में खरीफ के सीजन में फसल नुकसान से बची और फ्लैट बेड बुवाई की तुलना में लगभग 40% उपज का लाभ हुआ।

3. महाराष्ट्र के नंदुरबार में उमरानी गांव में रहने वाले आदिवासी किसानों को काफी लंबे समय तक सूखे और कम उपज की समस्या से जूझना पड़ता है और इसलिए मिट्टी और पानी के इन-सीटू संरक्षण का प्रदर्शन और 25 किसानों को कवर करते हुए 10 हेक्टेयर क्षेत्र में ढलान पर बुवाई की गई जिसका परिणाम 11-13% रहा सोयाबीन की उपज में वृद्धि हुई और अपरदन से मूल्यवान ऊपरी मिट्टी का संरक्षण किया गया।

4. गेहूं में पाए जाने वाले "टर्मिनल हीट स्ट्रेस" से बीज सेट बुरी तरह प्रभावित होता है जो अनाज की उपज को कम करता है। इससे बचने के लिए अनुकूलन गेहूं की समय पर बुवाई करना पड़ती है। तो समय पर बुवाई, संसाधन संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने के लिए गेहूँ उत्पादन का प्रदर्शन किया गया। यह कार्य 105 किसानों को शामिल करते हुए 25 हेक्टेयर में जीरो टिल सीड ड्रिल का उपयोग करके चावल की कटाई के बाद सीधे गेहूं की बुवाई की गई। इस तरह शून्य जुताई करने से श्रम की बचत होती है, खेत तैयार करने की लागत बचती है और अनाज की उपज में वृद्धि होती है।

5. मानसून की शुरुआत में देरी होने की वजह से कम वर्षा के कारण बिहार में धान की रोपाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सारण में ड्रम सीडर के साथ चावल की सीधी बुवाई हुई जिसके प्रदर्शन के परिणामस्वरूप समय पर बुवाई हुई जिसमें लगभग 25 लीटर डीजल और रोपाई के लिए 35 मानव दिवस की बचत हुई और पंपिंग के काम में प्रति हेक्टेयर 3 घंटे की बचत हुई इस तरह कार्य पूर्ण होने से खेती की लागत कम हुई और अनाज की उपज में 17% की बढ़ोतरी हुई।

कौन से संगठन व समूह सीएचसी स्थापना में आर्थिक मदद के लिए कर सकेंगे आवेदन?

  • किसान उत्पादक संगठन (FPO)​

  • ​क्लस्टर फेडरेशन 

  • राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़े किसान क्लब​

  • ग्राम संगठन​

  • ​स्वयं सहायता समूह

  • उद्यमी और प्रगतिशील किसान​

  • जीविका समूह​

  • नाबार्ड​​

  • आत्म योजना से जुड़े किसान हित समूह 

  • प्रगतिशील कृषक 

 

इन जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए 

राज्य सरकार ने 21 अद्वितीय कस्टम हायरिंग सेंटर को कुछ राज्य के जिलों के लिए बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। जिसमें आते हैं समस्तीपुर, गोपालगंज, मुंगेर, सुपौल, अरवल, किशनगंज, सहरसा, शिवहर, पटना, नालंदा, औरंगाबाद, बक्सर, गया, भोजपुर, कैमूर, नवादा, भागलपुर, सारण, दरभंगा, रोहतास। 

कौन से यंत्र खरीदने होंगे कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए?

custom hiring center

कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए की जा रही है। इस योजना में कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए रोटावेटर, ट्रैक्टर, थ्रेशर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रीपर जैसे कृषि यंत्रों की खरीद होगी। 

 

कस्टम हायरिंग केंद्रों के लाभ

  • जहां भी संभव हो वहां फसल सघनता में वृद्धि को बढ़ावा मिलता हैं। 

  • इससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए महंगी कृषि मशीनरी का उपयोग करना सरल हो जाता हैं। 

  • खेती की लागत में कमी आती हैं।

  • खेत के प्रबंध में समयबद्धता रहती हैं और आदानों के कुशल उपयोग की सुविधा मिलती हैं। 

  • ज्यादा मेहनत से किसानों को मुक्ति मिलती हैं। 

  • कस्टम हायरिंग केंद्रों की मदद से कुशल श्रमिकों और छोटे कारीगरों को काम के अवसर मिलते हैं। 

  • इससे फसल अवशेषों का पुनर्चक्रण आसान होता है और अवशेषों को जलाने से रोकता है।

आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सब्सिडी प्राप्त करने हेतु आवेदन में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज सलंग्न करना होंगे जो की इस प्रकार हैं। 

  • व्यक्ति का पैनकार्ड

  • आधार कार्ड

  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के खेत की भूमि के दस्तावेज

  • बैंक खाता विवरण (बैंक खाता पासबुक की प्रथम पेज कि कॉपी)

  • ट्रैक्टर की पंजीकरण की कॉपी

 

सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें ?

यदि आप कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते है तो इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के ई-मित्र कियोस्क पर जाना होगा जो भी शुल्क आवेदन के लिए निर्धारित किया गया हैं उसे जमा करके आवेदन किया जा सकता हैं। आवेदन करने के बाद कृषि जिला परिषद कार्यालय, उप निर्देशक द्वारा जो आवेदन प्राप्त किये जाएंगे उनकी एंट्रीज की जाएगी और उनका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों को बजट की उपलब्धता के अनुसार प्राथमिक क्रम में नियमानुसार सब्सिडी दी जाएगी। अगर आपको इस योजना की अधिक जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप अपने जिले के कृषि विभाग जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। 

कस्टम हायरिंग सेंटर सब्सिडी की जानकारी कहाँ प्राप्त करें ?

ट्रैक्टरज्ञान पर आप कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ आपको हमेशा अपडेट रखा जाएगा। कई तरह की सरकारी योजनाओं के बारे में भी आपको जानने को मिलेगा साथ ही ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और कृषि उपकरणों की जानकारी भी यहाँ दी जाती हैं। हमारी वेबसाइट पर नए ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने, पुराने ट्रैक्टर, ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी दी जाती है।

आज आपने ट्रैक्टरज्ञान पर कस्टम हायरिंग सेंटर सब्सिडी के बारे में सम्पूर्ण रूप से जाना। यदि आप भी कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते है तो यह जानकारी आपकी मदद करेगी। इस योजना के द्वारा किसान अपना कृषि कार्य आसानी से कर सकते है और उपज में वृद्धि कर सकते हैं। ट्रैक्टरज्ञान पर एग्रीकल्चर खबरें दी जाती हैं। ट्रैक्टर कीमत, प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों आदि की खबरें हम प्रकाशित करते हैं तो जुड़े रहे ट्रैक्टरज्ञान के साथ। 

ट्रैक्टरज्ञान पर आप सभी प्रकार के ट्रैक्टर्स की जनकारी सीधे प्राप्त कर सकते है। न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर, सोलिस ट्रैक्टर आदि कईं और ट्रैक्टर्स के ब्रांड्स के बारे में उनकी रेट्स, फीचर्स, आधुनिक तकनीकी के बारे में भी जानकारी हमारी वेबसाइट पर मिलती है। साथ ही साथ कृषि से जुड़ी और नई जानकारी मिलती है। साथ हर राज्य द्वारा या केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी हमारी वेबसाइट पर आसानी से मिल जाती है।

ट्रैक्टर्स के बारे में, उनके फीचर्स, क्षमता आदि का स्पष्ट विवरण और सही रेट की जानकारी पहुंचाना ट्रैक्टरज्ञान का मुख्य लक्ष्य होता है।

ट्रैक्टरज्ञान वेबसाइट पर पुराने, नए ट्रैक्टर्स के बिक्री की सीधी जानकारी मिलती है। साथ हमसे सीधे सम्पर्क कर किसान भाई आसानी से ट्रैक्टर के क्रय-विक्रय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

FOLLOW US ON:- Facebook, Instagram, Linkedin

https://images.tractorgyan.com/uploads/27876/63c0f7d459e16_emission-norms-implementation-timeline.jpg Emission Norms Implementation Timeline for Tractors in India | TractorGyan
The government of India started to set emission norms in 1999 and has been revisiting and altering them ever since, for the sake of the environment. A...
https://images.tractorgyan.com/uploads/27879/63c50141c37d8_subsidy-on-agricultural-equipments.jpg कृषि उपकरण : छोटे और बड़े कृषि उपकरणों पर किसानों को मिलेगी 40 से 90% तक सब्सिडी
आधुनिक कृषि उपकरणों से किसानों को खेती करने में बहुत आसानी हो रही है। कृषि उपकरण इतने आधुनिक हो गए है जिससे की किसान का कार्य आसान हो गया हैं और इन उप...
https://images.tractorgyan.com/uploads/27891/63c65fc2cf53f_transitioning-to-revised-emission-norms.jpg Transitioning to Revised Emission Norms | TractorGyan
The time has come which is much anticipated, ICRA has released the improvised emission norms under the 4th stage of the Bharat stage, named Bharat TRE...

Recently Asked Question about कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार देगी 80% सब्सिडी

सीएचसी क्या है?

सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) एक जगह है जहां किसानों को कृषि यंत्रों किराए पर मिलते हैं।

कस्टम हायरिंग सेंटर क्यों महत्वपूर्ण है?

यह छोटे किसानों को महंगी कृषि यंत्रों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है और उन्हें सरकारी सब्सिडी के साथ मदद करता है।

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सब्सिडी कितनी मिलेगी?

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार 80% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी, इसमें किसान को केवल 20% निवेश करना होगा।

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कौन-कौन से यंत्र खरीदने होंगे?

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए रोटावेटर, ट्रैक्टर, थ्रेशर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रीपर, और अन्य कृषि यंत्रों की खरीद होगी।

कस्टम हायरिंग सेंटर फार्म मशीनरी एप क्या है?

यह एक मोबाइल ऐप है जिसके माध्यम से किसान अपने क्षेत्र में उपलब्ध खेती के यंत्रों को किराए पर ले सकते हैं।

Top searching blogs about Tractors and Agriculture

Top 10 Tractor brands in india To 10 Agro Based Indutries in India
Rabi Crops and Zaid Crops seasons in India Commercial Farming
DBT agriculture Traditional and Modern Farming
Top 9 mileage tractor in India Top 5 tractor tyres brands
Top 11 agriculture states in India top 13 powerful tractors in india
Tractor Subsidy in India Top 10 tractors under 5 Lakhs
Top 12 agriculture tools in India 40 Hp-50 Hp Tractors in India

review Write Comment About Blog.

Enter your review about the blog through the form below.



Customer Reviews

Record Not Found

Popular Posts

https://images.tractorgyan.com/uploads/109249/652108150f9a9-what-is-urban-farming.jpg

What is Urban farming : Importance, Types, Advantages & Disadvantages of Urban Agriculture

Welcome to the fascinating world of urban farming! Have you ever wondered how we can bring the joys...

https://images.tractorgyan.com/uploads/111065/659fbb93c080a-best-cultivator-in-india-2024.png

Top 10 Best Cultivators in India 2024 : Uses, Features and Price | Tractorgyan

Cultivators are one of the most important farm implements for Indian farmers, as it aids in a wide r...

https://images.tractorgyan.com/uploads/112435/66051043cb2f7-sonalika-launches-sikander-dlx-di-60-torque-plus-tractor.jpg

Sonalika Unveils 'One Nation, One Tractor Price' Initiative and Introduce Sikander DLX DI 60 Torque Plus Multi-Speed Tractor

New Delhi, 26th March’24: India's No. 1 tractor export brand, Sonalika Tractors is excited...

Select Language

tractorgyan offeringsTractorGyan Offerings