आज भारत में सबसे युवा और तेजी से बढ़ती हुई ट्रैक्टर कंपनी है सोनालिका आइटीएल। सोनालिका कंपनी ना केवल भारत में बल्कि विश्वभर में ख्याति अर्जित कर चुकी है। सोनालिका निर्यात के मामले में तो भारत की सबसे बढ़ी कंपनी हैं, लेकिन घरेलू बाज़ार में कंपनी किस तेज़ी से बढ़ उसका अनुमान आप इस बार त्योहार के मौसम में आए बिक्री के आंकड़ों से लगा सकते हैं। कंपनी ने इस बार अक्टूबर माह में बिक्री के मामले में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, पंजाब, हरियाणा और पूर्वी उत्तरप्रदेश में तो सोनालिका ट्रैक्टर की लोकप्रियता अलग ही स्तर पर है।
लेकिन सोनालिका की इस तर्रक्की के पीछे जिनका सबसे बड़ा हाथ है वो है कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन श्री लक्ष्मण दास जी मित्तल, जो कभी एक एल आई सी एजेंट होते थे। चलिए जानते हैं सोनालिका के चेयरमैन के बारे में जिन्होंने 65 साल उम्र में एक ट्रैक्टर कंपनी शुरू की और उसे बुलंदियों पर ले गए।
कभी थे एलआईसी एजेंट, आज सबसे अमीर भारतीयों में हैं शुमार।
लक्ष्मण दास जी मित्तल पंजाब के रहने वाले हैं, आईटीएल शुरू करने के पहले वो एक एल आई सी बीमा कंपनी में एजेंट के तौर पर भी काम कर चुके है। उन्होंने 1996 में अपने बेटों के साथ मिलकर 1996 आई टी एल (इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड) की शुरुआत की थी, जब उनकी उम्र 65 वर्ष थी। हालाकि उन्होंने सोनालिका ग्रुप की नींव डाली थी, तब कंपनी केवल कृषि उपकरण तैयार करती थी।
आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड में लक्ष्मण दास जी के 70 प्रतिशत शेयर हैं। आपको बता दें वो आज सबसे अमीर भारतीय की एक सूची में 164 वें पायदान पर हैं।

आज सोनालिका 120 देशों में ट्रैक्टर निर्यात करती है और सोनालिका के किर्यांवन में 90 वर्षीय लक्ष्मण दास जी का साथ उनके परिवार के सदस्य ही देते हैं। लक्ष्मण दास जी के तीन बेटे हैं, सबसे बड़े बेटे अमृत सागर मित्तल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट है, दूसरे न्यूयॉर्क में एक डॉक्टर है और तीसरे बेटे दीपक मित्तल इस ट्रैक्टर कंपनी के एमडी हैं। सोनालिका कंपनी में उनके पोते रमन मित्तल, राहुल मित्तल और सुशांत मित्तल भी उनका साथ देते है, उनके पोते मार्केटिंग, प्रोडक्ट डिजाइन, इन्वेस्टर रिलेशन और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार संभालते हैं। लक्ष्मण दास जी की बेटी भी हैं जो एलआईसी की एमडी रह चुकीं है, उनकी बेटी उषा संगवाल एलआईसी की पहली महिला एमडी है, एलआईसी जहां लक्ष्मण दास जी खुद एक एजेंट के तौर पर काम कर चुके हैं।
क्या कहना हैं "द ट्रैक्टर टाइटन" का?
सोनालिका आज अपने नाम को सार्थक करते हुए, ट्रैक्टर उद्योग में स्वर्णिम इतिहास रच रही है। सोनालिका सालभर में 3 लाख से अधिक ट्रैक्टर का भी निर्माण करती है, कंपनी का राजस्व 650 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। यह सब मुमकिन हुआ है "द ट्रैक्टर टाइटन" नाम की पहचान रखने वाले लक्ष्मण दास जी द्वारा, जिनका कहना है कि उन्हें और उनके बेटों को ट्रैक्टर के एक एक इंच की जानकारी है। इसी जानकारी के बदौलत सोनालिका ऐसे ट्रैक्टर बनाता है जिन्हे किसान बहुत पसंद करते हैं, आज सोनालिका 50 एचपी से अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टरों की गुणवत्ता और लोकप्रियता का कोई तोड़ नहीं।
लक्ष्मण दास जी की तरह आप भी सही जानकारी से अपनी जिंदगी में कामयाब हो सकते है और ट्रैक्टर और किसानी की सही जानकारी आपको मिलती है TractorGyan पर।