11 May, 2021
कल्टीवेटर एक ऐसा कृषि उपकरण है, जिसकी जरूरत लगभग हर तरह के किसान को पड़ती है। सबसे उपयोगी इंप्लीमेंट की बात चले तो कल्टीवेटर का नाम जरूर आता है। इतनी उपयोगिता के बावजूद किसानों के मन में यह संशय बरकरार है कि आखिर उन्हें कौनसा कल्टीवेटर खरीदना चाहिए। इसलिए आज हम कल्टीवेटर से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब लेकर आए।
कल्टीवेटर किसानों द्वारा फसल उगाने से पहले मिट्टी तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है, साथ ही वे खरपतवारों को भी हटा सकते हैं। कल्टीवेटर मिट्टी को पंक्तियों और बिस्तरों में ढाल सकते हैं या कहें ऐसी संरचना तैयार करते हैं जिससे हवा और पानी को पौधों की जड़ों तक आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
कल्टीवेटर स्व-चालित या ट्रेक्टर के पीछे लगाकर उपयोग में लिए जाते हैं। खेत की जुताई करने वाले किसान विशेष रूप से मिट्टी को बीज के चारों ओर फैलाते हैं क्योंकि इससे उत्पादन को बढ़ावा देने और खरपतवारों पर नियंत्रण भी बनता है।
ऐसे में इस इंप्लीमेंट की उपयोगिता आप समझ ही सकते हैं।
वैसे तो खुद से काम करने वाले कल्टीवेटर भी बाज़ार में मिलते हैं, लेकिन ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर इस्तेमाल किये जानें वाले कल्टीवेटर का ज्यादा उपयोग है।
ट्रैक्टर के साथ उपयोग में लिए जाने वाले कल्टीवेटर एचपी और मिट्टी के हिसाब से कई प्रकार के होते है। इसके अलावा भी कल्टीवेटर तीन तरह के होते हैं:-
स्प्रिंग लोडेड टाईन कल्टीवेटर पथरीली जमीन की जुताई के लिए ज्यादा उपयोगी होता है। यदि ऐसी भूमि में आम कल्टीवेटर का उपयोग किया जाये तो उसके टूटने या मुड़ने का खतरा बना रहता है।
स्प्रिंग लोडेड टाईन कल्टीवेटर में टाईन के साथ लगे स्प्रिंग इसे पथरीली जमीन पर हानि पहुंचने से बचाते हैं |
यह कल्टीवेटर 7,9 11,13 टाईन में उपलब्ध होतें है, जिसमें 9 टाईन वाले कल्टीवेटर को अधिक उपयोग किया जाता है।
यह गीली एवं सुखी दोनों प्रकार की मिटटी की जुताई के लिए उत्तम होती है।
यह ट्रैक्टर के हइड्रोलिक मदद से ऊपर नीचे किया जाता है।
इस कल्टीवेटर में स्प्रिंग नहीं होती, जिस कारण टाइन का मूवमेंट संभव नहीं। इसीलिए इसे पथरीली जमीन पर उपयोग में नहीं लिया जाता। लेकिन शख्त मिटटी को तोड़ने वाले इस कल्टीवेटर की विशेषता है कि इसके टाइन को आसानी से नट बोल्ट की मदद से निकाला व लगाया जा सकता है। यह खरपतवार हटाने के लिऐ भी अच्छा यंत्र है। इसमें 7 टाइन वाले कल्टीवेटर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते है।
यह भी एक प्रकार का रिजिड कल्टीवेटर होता है, खेतों को बीज बोने हेतु तैयार करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके बतख के पैर जैसे टाईन मिटटी की हलकी परत को काटने में मदद करती है।
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यह जाली वाले खरपतवार को भी काटने में तथा नियंत्रण में कारगर है, इसके साथ वापस मिटटी में नमी बनाने के लिए भी इस कल्टीवेटर को जुताई के दौरान इस्तेमाल में लिया जाता है।
कौनसा कल्टीवेटर बेस्ट है यह निर्भर करता है कि आपकी जरूरत क्या है और कल्टीवेटर किस एचपी श्रेणी का है, अलग अलग एचपी श्रेणी और जरूरत के हिसाब से अलग अलग कल्टीवेटर बेस्ट है। लेकिन फिर भी अगर बात करें उन कल्टीवेटर की जिन्हे भारतीय किसानों ने सबसे ज्यादा पसंद किया है तो 7 फीट में सोइल मास्टर सीटी-900 (Soil Master CT-900) और फील्डकिंग हैवी ड्यूटी और स्प्रिंग लोडेड जैसे कल्टीवेटर का कभी नाम नहीं छूटता।
लेकिन कल्टीवेटर खरीदते वक्त यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी जरूरत क्या है, आपको कितनी गहरी जुताई करनी है। आपको बता दें गहरी जुताई में मिट्टी को अधिक गहराई तक उपजाऊ बनाया जाता और यह गहरी जाने वाली जड़ों के लिए जरूरी होती है। छिछली जुताई झकड़ा जड़वाले और कम गहरी जाने वाली जड़ के पौधों के लिए अच्छी विकल्प है। अधिक समय तक तथा ग्रीष्म ऋतु की जुताई से मिट्टी में मौजूद हानिकारक खरपतवार और कीड़ तथा उनके अंडे नष्ट हो जाते हैं।
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किस ट्रैक्टर से कितनी टागो वाला कल्टीवेटर चला सकते है जानने के लिए जरूर पढ़े
हर तरह जुताई के लिए अलग कल्टीवेटर का उपयोग किया जा सकता है।कुछ कल्टीवेटर 7 या 9 इंच तक जाते है और कुछ 24 इंच या इससे अधिक तक जमीन की गहरी खुदाई कर सकते हैं।
लेमकेन कल्टीवेटर (Lemken)
फील्डकिंग कल्टीवेटर (Fieldking)
यूनिवर्सल (कल्टीवेटर)
सोनालिका कल्टीवेटर (Sonalika)
महिंद्रा कल्टीवेटर (Mahindra)
कैप्टन कल्टीवेटर (Captain)
जॉन डियर कल्टीवेटर (John deere)
लैंडफोर्स कल्टीवेटर (Landforce)
खेदूत कल्टीवेटर (Khedut)
सॉइल मास्टर कल्टीवेटर (Soilmaster)
शक्तिमान कल्टीवेटर (Shaktiman)
अगर आपका ट्रैक्टर 25 से 30 एचपी का है तो उसके साथ 7 टाइन वाला कल्टीवेटर चलेगा। अगर ट्रैक्टर 30 से 40 एचपी श्रेणी में आता है तो वो 9 टाइन वाला कल्टीवेटर आसानी से चला सकता है। ट्रैक्टर तरह अगर आपको आसानी से 13 टाइम वाला कल्टीवेटर चलाना है तो आपको 45 एचपी से अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टर की जरूरत लगेगी।
कल्टीवेटर की कीमत भी इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि वह किस टाइप का है। इस पर निर्भर करते हुए कल्टीवेटर की कीमत 25-30 हज़ार से लेकर 60 हज़ार रुपए तक जाती है।
अच्छी बात यह है कल्टीवेटर खरीदने पर आमतौर पर सरकारी सहायता भी किसानों को मिल जाती है। कई राज्य सरकारें इसकी कीमत पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है। हालाकि फिलहाल कविड महामारी के चलते कई योजनाओं पर अभी रोक लगी हुई है लेकिन जब भी इस तरह की योजना आती है तो उसकी जानकारी आपको ट्रैक्टर ज्ञान पर मिल जाएगी।
इसी तरह ट्रैक्टर व कृषि से जुड़ी अन्य जानकारियां भी आपको TractorGyan पर मिल जाएंगी।
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