29 May, 2021
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टॉल टैक्स से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। अब वाहनों को टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही अगर टोल प्लाजा पर 100 मीटर से ज्यादा लंबी कतार है तो वाहन को टॉल टैक्स भुगतान से छूट मिल जाएगी।
आवागमन और सुगम बनाने की दिशा में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बड़ा कदम उठाया है। नई गाइडलाइन जारी कर टॉल टैक्स भुगतान में लोगों को ज्यादा समय ना लगे इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएं गए है।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कहा है कि अब पीक हाउर में भी टोल प्लाजा पर वाहनों को 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर कभी किसी भी कारण से टोल प्लाजा पर 100 मीटर से ज्यादा लंबी कतार लगती है तो सभी वाहनों को बिना टोल टैक्स का भुगतान किए टोल प्लाजा से गुजरने करने की भी अनुमति दी गई है।
इसे लागू करने के लिए प्रत्येक टोल लेन में टोल बूथ से 100 मीटर की दूरी पर एक पीली लाइन खीची जाएगी। यानी अगर इस पीली पट्टी तक इंतजार कर रहे वाहनों की कतार लगेगी तो आपको टोल टैक्स से छूट मिलेगी।
फरवरी 2021 से हो चुकी 100 प्रतिशत कैशलेस टोलिंग।
इसके पहले से ही NHAI ने टोल भुगतान की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए है, जिसके कारण अब सभी वाहन फास्ट टैग के जरिए भुगतान कर रहें है। सोशल डिस्टेंसिंग के इस दौर में कैशलैस भुगतान की इस व्यवस्था का बड़ा लाभ मिला है।
चूंकि NHAI ने फरवरी 2021 के मध्य से 100 प्रतिशत कैशलेस टोलिंग में सफलतापूर्वक बदलाव किया है, इसलिए NHAI टोल प्लाजा पर FASTag की कुल पहुंच 96 प्रतिशत तक पहुंच गई है और कई टोल प्लाजा पर 99 प्रतिशत हो गई है।
ऐसे में नई गाइडलाइन को फॉलो करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी साथ ही टॉल प्लाजा ऑपरेटरों की जवाबदेही भी तय होगी।
देश में बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ETC) को ध्यान में रखते हुए, NHAI द्वारा एक कुशल टोल संग्रह प्रणाली के लिए अगले 10 वर्षों में काम किया जाएगा।
कृषि मशीनरी पर है टॉल टैक्स की छूट, चौधरी देवीलाल ने दी थी किसानों को ये सौगात।
किसानों को अपने हक़ पूरी जानकारी होनी चाहिए, उन्हें पता हो कि सरकार उन्हे उनके कृषि वाहनों पर टॉल टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन पिछले समय में ऐसी कई घटनाएं सामने आईं हैं जहां किसानों से बेवजह टॉल टैक्स वसूला गया है।
आपको बता दें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल जब देश के उप-प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने सड़क एवं परिवहन विभाग, मोटर व्हीकल अधिनियम तथा एनएचएआइ की नियमावली में संशोधन करवाकर ट्रैक्टर-ट्राली को 'गड्डे' का दर्जा दिलाया था। यह 1989 की बात है। इसके बाद से ट्रैक्टर ट्रालियों को टोल संग्र्रहण केंद्रों पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ता था। लेकिन 2017 में सरकार ने यह तय किया कि केवल उन्हीं ट्रैक्टर ट्राली से भुगतान नहीं मांगा जायेगा जिन्हें कृषि के उपयोग में लिया जा रहा है, अन्यथा ट्रक आदि की तरह इन्हें भी व्यावसायिक वाहनों में शामिल कर दिया गया है।
यह थी खास जानकारी टॉल टैक्स भुगतान से जुड़ी हुई, इस तरह कृषि व ट्रैक्टर संबंधी जानकारी के लिए जुड़े रहें TractorGyan के साथ।
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