05 Feb, 2024
भारत कृषि प्रधान देश है, ये तो हम जानते ही है। लेकिन भारत के किस राज्य में सर्वाधिक कृषि होती है, किस राज्य में कौन सी फसल होती है, यह भी हमारे लिए जानना ज़रुरी है।
भारत में कृषि का अत्यंत महत्व है, देश के कई राज्य पूर्णत कृषि पर ही निर्भर करते हैं। किस राज्य में कितनी कृषि होती है, किस तरह की कृषि होती है? भारत में सबसे ज्यादा खेती कहां होती है, कौन से राज्य कृषि क्षेत्र में अग्रिम है यह हम जानने जा रहे हैं।
अगर किसान को यह पता हो की किस राज्य में कौन सी फसल हो सकती है और कहां उसकी मांग है, तो वह सही फसल का चयन कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
हम आपको देश के टॉप 11 कृषि राज्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
भारत में कृषि का लहराता परचम
कौन सा क्षेत्र भारत में सबसे बड़े रोजगार उत्पाद क्षेत्र के रूप में जाना जाता है? निसंदेह ही भारत में कृषि सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करता है लेकिन कृषि भारतीयों के लिए एक रोजगार से बढ़ कर है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसने भारत की अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है। अगर की गयी रिसर्च के आंकड़ों पर नज़र डालें तो आईएनसी 24 के अनुसार, 2025 तक भारतीय कृषि क्षेत्र का 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जाने की भविष्यवाणी की गई है। भारतीय खाद्य और किराना बाजार दुनिया का छठा सबसे बड़ा बाजार है। वित्तीय वर्ष 23 (केवल खरीफ) के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारतीय किसान कुल 149.92 मिलियन टन तक का खाद्यान्न उत्पादन कर सकते है।
हमने वित्तीय वर्ष 2022 के आंकड़ो का अध्ययन किया और पाया कि भारत का :
- समुद्री उत्पादों का निर्यात 7.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- चावल (बासमती और गैर-बासमती) का निर्यात 6.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- चीनी का निर्यात 4.60 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
- चाय का निर्यात 750.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- कॉफी का निर्यात 1,020.80 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
यह सभी आँकड़े यही बताते है कि भारतीय कृषि हर विश्व पटल पर अपना दबदबा बनाए है और इसका मुख्य कारण है यहाँ की विविध जलवायु। जहाँ चावल के खेती के लिए कुछ राज्यों में उचित परिस्थितियाँ है तो वही भारत के पहाड़ी इलाके और वहाँ का साफ़ वातावरण फलो की खेती के लिए एक दम सही है।
कृषि के क्षेत्र भारत के टॉप 11 राज्य
1- पश्चिम बंगाल
2- उत्तरप्रदेश
3- पंजाब
4- गुजरात
5- हरियाणा
6- मध्यप्रदेश
7- असम
8- आंध्रप्रदेश
9- कर्नाटक
10- छत्तीसगढ़
11- ओडिशा
भारत को सशक्त बनाते 11 कृषि-प्रधान राज्य
तो चलिए अब हम जानते है उन कृषि राज्यों के बारे में जो भारत के कुल कृषि उत्पादन में सबसे अधिक योगदान देते है।
1- पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य है। इसका प्रमुख उत्पादक चावल, जूट, तिल, तंबाकू है, साथ ही भारत में फसल उत्पादन में प्रथम राज्य पश्चिम बंगाल चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। इस राज्य में प्रमुख फसल उत्पादन की संख्या सबसे अधिक है और इसका व्यापक कृषि नेटवर्क है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। जूट भी एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है क्योंकि इसे अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है और इसका उत्पादन राज्य की नम जलवायु के साथ किया जाता है। राज्य तिल और तंबाकू का भी उत्पादन करता है।
साल 2018 -2019 में पश्चिम बंगाल कुल 13.78 मिलियन टन उत्पादन के साथ भारत में आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना रहा। इस राज्य ने अगस्त 2022 में कुल 52.1 मिलियन किलो चाय का उत्पादन किया।
प्रमुख फसले: जूट, तिल, धान
2- उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश देश में कृषि उत्पादक वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह देश में गन्ना और खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ-साथ गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है। उत्तर प्रदेश चावल, बाजरा, जौ और अन्य दालों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। उत्तरप्रदेश देश का एक आवश्यक कृषि राज्य है, इसका प्रमुख कारण है कि उत्तर प्रदेश को दक्षिण पश्चिम मानसून, उत्तर पूर्व मानसून और थोड़ा पश्चिमी विक्षोभ से बारिश होती है। कुछ आंकड़ो के मुताबिक उत्तर प्रदेश ने साल 2022 में करीब तीन ट्रिलियन रुपए के मूल्य का कृषि उत्पादन किया।
प्रमुख फसले: गन्ना, सब्जी, मशरूम
3- पंजाब
पंजाब कृषि उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है। यह चावल, गेहूं, गन्ना, कपास और खाद्यान्न जैसी फसलों का उत्पादन करता है। यह न केवल गेहूं बल्कि धान का भी तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह खाद्यान्न का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है। खरीफ मौसम में चावल, कपास और गन्ना जैसी फसलों का उत्पादन किया जाता है और क्योंकि पंजाब राज्य देश के सबसे अच्छे सिंचित राज्यों में से एक है, यह कई कृषि फसलों के विकास का पक्षधर है। भूमि समतल है और इस भूमि पर व्यापक खेती की जा सकती है। वित्तीय वर्ष 2022 में, पंजाब ने लगभग 291 हजार हेक्टेयर भूमि का उपयोग फलो और सब्जियों की खेती के लिए किया था। इसी साल, पंजाब का कुल आर्गेनिक खेती का उत्पादन लगभग 443.35 मिलियन मीट्रिक टन रहा।
प्रमुख फसले: गेहूं, चावल, मक्का, जौ
4- गुजरात
गुजरात भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला राज्य है। इस राज्य ने एक बुद्धिमान विकास पैटर्न अपनाया। उन्होंने कृषि क्षेत्र, ऊर्जा और उद्योग में निवेश किया, जिसके लिए उन्होंने दोहरे अंको की वृद्धि हासिल की। गुजरात की मौसम जलवायु परिवर्तनशील है, वहां फसलों का उत्पादन मुश्किल है। एक रणनीति जो किसान अपना सकते हैं, वह है उच्च उपज के लिए उन्नत प्रबंधन द्वारा फसल के वातावरण में हेरफेर करना।
गुजरात में कपास, मूंगफली, अरंडी, बाजरा, अरहर, हरे चने, तिल, धान, मक्का और गन्ने का उत्पादन होता था। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 10.06 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 8.97 मिलियन टन था।
प्रमुख फसले: कपास, मूंगफली, हरे चने, तिल
5- हरियाणा
हरियाणा देश का पांचवां सबसे बड़ा कृषि राज्य है। इस राज्य में उत्पादित फसलें गेहूं, धान, सूरजमुखी और गन्ना आदि हैं। हालांकि, यह देश में सूरजमुखी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। पंजाब और हरियाणा को सामूहिक रूप से देश का अन्न भंडार कहा जाता है। अपने पड़ोसी राज्य की तरह, हरियाणा भी अच्छी तरह से सिंचित है और कई खाद्य फसलों का उत्पादन करता है। इस राज्य की लगभग दो तिहाई आबादी खेती पर निर्भर है। इस राज्य को भारत में गेहूँ और चावल की खेती का गढ़ मन जाता है क्योंकि यह राज्य इन दोनों फसलों की खेती में लगभग 45% और 65% का योगदान देता है।
प्रमुख फसले: चावल, गेहूं, बाजरा
6- मध्यप्रदेश
यह मध्य भारतीय राज्य सबसे बड़े कृषि उत्पादक राज्यों में 6 वें स्थान पर है। यह राज्य अरहर, उड़द, सोयाबीन आदि जैसे कई फसल का उत्पादन करता है। वास्तव में यह देश में इन दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। राज्य गेहूं और मक्का जैसे अनाज का भी उत्पादन करता है और गेहूं और मक्का दोनों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। मध्य प्रदेश में बहुत सारी फसलें पैदा होती हैं, जो प्रमुख रूप से खाद्य फसलें हैं और केवल घरेलू उपयोग के लिए हैं। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 39.05 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 32.84 मिलियन टन था।
प्रमुख फसले: गेहूं, सोयाबीन, मक्का
7- असम
असम की अनुकूल जलवायु परिस्थितियाँ और उपजाऊ मिट्टी इसे भारतीय कृषि एक महत्वपूर्ण राज्य बनाती हैं। यह राज्य चाय उत्पादन, चावल की खेती, बागवानी, पशुधन, मत्स्य पालन, ग्रामीण रोजगार और कृषि वस्तुओं के निर्यात में बहुत ज़्यादा योगदान देता है।
असम भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है। साल 2020 में, इस राज्य ने लगभग 692 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन किया, जो भारत के कुल चाय उत्पादन का लगभग 50% था।साल 2022 में,चाय का उत्पादन बढ़ कर 1.2 बिलियन किलोग्राम हो गया था। असम रेशम के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। साल 2020 में, इस राज्य ने लगभग 224 मीट्रिक टन रेशम का उत्पादन किया था ।
प्रमुख फसले: चाय, चावल, फल
8- आंध्रप्रदेश
कृषि आंध्रप्रदेश की कुल आबादी के लगभग 62 प्रतिशत को रोजगार प्रदान करती है। चावल आंध्र की एक प्रमुख फसल और मुख्य भोजन है, जो कुल खाद्यान्न का लगभग 77 प्रतिशत योगदान देता है। राज्य की अन्य महत्वपूर्ण फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, छोटा बाजरा, रागी, दालें, तंबाकू, अरंडी, कपास और गन्ना हैं। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 11.27 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 10.82 मिलियन टन था।
प्रमुख फसलें: बाजरा, ज्वार, मक्का, तंबाकू
9- कर्नाटक
कर्नाटक में, कृषि उसकी अर्थव्यवस्था का सबसे आवश्यक हिस्सा है। कर्नाटक राज्य की स्थलाकृतिक विशेषताएं जैसे राज्य की मिट्टी, जलवायु और राहत आदि कर्नाटक में कृषि का बहुत समर्थन करते हैं। कर्नाटक में खरीफ की फसलें धान (चावल), मक्का, बाजरा, मूंग दाल (दालें), लाल मिर्च, मूंगफली, कपास, गन्ना, चावल, सोयाबीन और हल्दी हैं। इसे शरद ऋतु की फसल भी कहा जाता है क्योंकि जुलाई के महीने में पहली बारिश की शुरुआत के साथ इनकी खेती की जाती है। इस राज्य की प्रमुख रबी फसलें जौ, गेहूं, तिल, सरसों और मटर हैं। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 13.81 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 4.55 मिलियन टन था।
प्रमुख फसले: धान, ज्वार, रागी, मक्का
10- छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ को "मध्य भारत का चावल का कटोरा" कहा जाता है और यह भारत के सबसे बड़े कृषि उत्पादक राज्यों में दसवां स्थान पर है। इस क्षेत्र की मुख्य फसलें चावल, मक्का और कुछ अन्य जैसे बाजरा, तिलहन, और मूंगफली आदि हैं। छत्तीसगढ़ में, चावल मुख्य फसल यानी चावल पूरे क्षेत्र में लगभग 77 प्रतिशत बोया जाता है। छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से पानी के लिए बारिश पर निर्भर है क्योंकि राज्य के कुल क्षेत्रफल का केवल 20 प्रतिशत ही सिंचाई के अधीन है।
छत्तीसगढ़ में तीन कृषि-जलवायु क्षेत्र हैं और छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों का लगभग 73 प्रतिशत, बस्तर का पठार का 97 प्रतिशत और उत्तरी पहाड़ियों का 95 प्रतिशत हिस्सा वर्षा आधारित है। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 8.90 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 8.23 मिलियन टन था।
प्रमुख फसले: गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली
11- ओडिशा
ओडिशा भारत का एक प्रमुख कृषि प्रधान राज्य है। अकेले कृषि क्षेत्र सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का लगभग 30% योगदान देता है, राज्य की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर करती है जिसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय कम होती है। कृषि क्षेत्र लगभग 87.46 लाख हेक्टेयर है जिसमें से केवल 18.79 लाख हेक्टेयर सिंचित है। जलवायु और मिट्टी इसकी कृषि अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा फसलों को खिलाने के लिए बारिश पर निर्भर करता है। नदियां भी वर्षा पर निर्भर हैं, और किसान चावल, जूट, गन्ना, तंबाकू, रबर, चाय, कॉफी आदि जैसी पौष्टिक फसलों के लिए बारिश पर निर्भर हैं। साल 2021-22 में इस राज्य की फसल का कुल उत्पादन 9.95 मिलियन टन रहा वही साल 2020-21 में उत्पादन 9.52 मिलियन टन था।
प्रमुख फसले: तंबाकू, रबर, जूट
तो यह थे देश के प्रमुख कृषि राज्य। इन्हीं राज्यों की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि से जुड़ा हुआ है। सभी राज्यों में अलग अलग तरह की कृषि होती है, जो की देश के लिए एक अच्छी बात है।
अलग अलग कृषि राज्यों के किसानों की अलग अलग जरूरतें रहती हैं लेकिन एक प्रमुख जरुरत सबकी ही है, वो है ट्रैक्टर और किसानी संबंधी हर तरह की जानकारी आपको ट्रैक्टर ज्ञान पर मिलती है।
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