30 Mar, 2024
एक दमदार ट्रैक्टर का राज है एक दमदार इंजन। अगर ट्रैक्टर एक शरीर है तो इंजन उसकी आत्मा है। इसलिए, जब हम ट्रैक्टरो के बारे में बात करते है तो हम यह ज़रूर बात करते हैं कि उसमे कितने सिलेंडर इंजन का इस्तेमाल किया गया है।
किसानो का यह जानना बहुत ज़रूरी है कि जो ट्रैक्टर वो खरीदने जा रहें हैं उसमें कितने सिलेंडर वाला इंजन है?
ट्रैक्टरों में ज्यादातर तीन और चार सिलेंडर इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। दोनों तरह के इंजन अपनी विषेशताओ के लिए जाने जाते है। इस लेख में हम आपको 3 सिलेंडर बनाम 4 सिलेंडर इंजन ( 3 cylinder vs 4 cylinder engine) के बारें में और अच्छे से बताएँगे।
3-सिलेंडर इंजन क्या है?
3-सिलेंडर इंजन भी एक प्रकार का इंटरनल कम्बस्चन इंजन है जिसमें तीन सिलेंडर इन-लाइन व्यवस्थित होते हैं। इसके सिलेंडर एक सामान्य क्रैंकशाफ्ट के साथ एक पंक्ति में व्यवस्थित होते हैं। इसका फायरिंग आर्डर थोड़ा अलग होता है। इसमें हर 120 डिग्री पर पावर जनरेट होता है।
3-सिलेंडर इंजन के लाभ
जब आप इंजन का चुनाव करने जाते है तो आपका यह जानना बहुत ज़रूरी है कि 3-सिलेंडर का उपयोग आपके लिए कितना लाभकारी हो सकता है। इसके कुछ मुख्य लाभ है :
- उच्च ईंधन दक्षता: 3-सिलेंडर इंजन हल्का होता है और इसमें चलने वाले पुर्जे कम होते हैं, जिसका मतलब कम घर्षण होता है। यह 3-सिलेंडर इंजन को 4-सिलेंडर इंजन की तुलना में अधिक ईंधन कुशल बनाता है।
- सस्ता: 4-सिलेंडर इंजन की तुलना में, 3-सिलेंडर इंजन में कम पुर्जे होते हैं और कम धातु का उपयोग होता है। इससे इसकी निर्माण प्रक्रिया भी सस्ती हो जाती है। इसलिए 3-सिलेंडर इंजन वाले ट्रैक्टर 4 -सिलेंडर इंजन वाले ट्रैक्टरो की तुलना में सस्ते होतें है।
- कम फ्रिक्शन: क्योंकि इस ट्रैक्टर इंजन में कम मेटल-टू-मेटल कांटेक्ट होता है, जिससे की फ्रिक्शन लॉस कम होता है।
- छोटा आकार: यह इंजन एक कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के साथ आता है। इसलिए यह कम जगह में भी फिट हो सकता है।
3-सिलेंडर इंजन के नुकसान:
हर चीज़ के नुकसान और फायदे होते हैं और यह बात 3-सिलेंडर इंजन के लिए भी सही है। तो अगर आप 3-सिलेंडर इंजन वाला ट्रैक्टर खरीदने जा रहें हैं तो आप पहले ये जानिए की इसके क्या नुक्सान हैं।
- ज्यादा कंपन: 4-सिलेंडर इंजन में कम कम्पन होता है क्योंकि 2 पिस्टन ऊपर जा रहे हैं और तभी 2 पिस्टन नीचे आते हैं। पर, 3-सिलेंडर इंजन को संतुलित करना मुश्किल हैं क्योंकि इसमें 3 पिस्टन होते है। इसमें अधिक कम्पन होता है।
- अधिक शोर: 3 सिलेंडर इंजन आमतौर पर 4 सिलेंडर इंजन की तुलना में अधिक शोर करतें हैं। इसका एक कारण यह भी है कि 4 सिलेंडर इंजन भारी होते हैं और उनमें तेल और शीतलक के लिए अधिक जगह होती है। जिससे शोर कम होता है।
- कम उम्र: 4-सिलेंडर इंजन की तुलना में 3-सिलेंडर इंजन की उम्र कम होती है क्योंकि 3 पिस्टन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
- सीमित शक्ति: 3-सिलेंडर इंजन सीमित शक्ति वाला एक छोटा इंजन है। इसलिए, 3-सिलेंडर इंजन वाले ट्रैक्टरों को कृषि से जुड़े भारी कामो के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
- फायरिंग डिले: अगर हम 4-सिलेंडर इंजन से इसकी तुलना करें तो 3 -सिलेंडर इंजन में करीब एक तिहाई साइकल की देरी देखने को मिलेगी।
- कम आरपीएम पर प्रदर्शन: आप 4-सिलेंडर इंजन को तो कम आरपीएम पर इस्तेमाल कर सकते है पर 3-सिलेंडर इंजन को कम आरपीएम पर इस्तेमाल करने में दिक्कत आती है।
4-सिलेंडर इंजन क्या होता है ?
4-सिलेंडर इंजन (4 cylinder engine) एक प्रकार का इंटरनल कम्बस्चन इंजन है| इसका नाम "4-सिलेंडर" इसलिए है क्योंकि इसमें चार अलग-अलग सिलेंडर होते हैं और हर एक सिलेंडर में एक अलग पिस्टन होता है। ये चारो सिलेंडर, आमतौर पर एक सीधी रेखा में या "वी" आकार में स्थित होते है। एक समय पर, एक पिस्टन सक्शन कर रहा होता है, दूसरा कम्प्रेशन, तीसरा पावर जनरेट करता है और चौथा एग्जॉस्ट करता है। यह इंजन 360 डिग्री पर घूमता है और हर 90 डिग्री पर पावर जनरेट होता है।
4-सिलेंडर इंजन के लाभ:
4-सिलेंडर इंजन, 3-सिलेंडर इंजन के मुकाबले कई ज्यादा फायदे देता है। जैसे:
- एक जैसा बिजली वितरण: 4-सिलेंडर इंजन का फायरिंग क्रम अधिक संतुलित बिजली वितरण सुनिश्चित करता है, जिसके परिणामस्वरूप कम और उच्च आरपीएम रेंज में लगातार प्रदर्शन होता है।
- बढ़ी हुई प्रतिक्रिया: 3-सिलेंडर इंजन की तुलना में, 4-सिलेंडर इंजन बेहतर प्रतिक्रिया प्रदर्शित करता है। इस ट्रैक्टर इंजन में हमेशा एक पिस्टन पावर जेनरेट करता रहता है। इसलिए, आपको हमेशा ही पावर मिलेगी।
- अधिक ताकत और प्रदर्शन: 4-सिलेंडर इंजन अपने संतुलित पावर आउटपुट और सुचारू संचालन के लिए जाने जाते हैं। कई सिलिंडरों का डिज़ाइन लगातार बिजली वितरण प्रदान करने में मदद करता है, जिससे ट्रैक्टर को विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करने की अनुमति मिलती है।
- अधिक टॉर्क: 3-सिलेंडर इंजन की तुलना में, 4-सिलेंडर इंजन आमतौर पर अधिक टॉर्क पैदा करते हैं। अधिक टॉर्क से ट्रैक्टर को अधिक शक्ति मिलती है। जिससे , ट्रैक्टर को जुताई और अधिक भारी भार खींचने में सहायता मिलती है।
- सुचारू संचालन: चार सिलेंडरों वाले इंजन में कम कम्पन होती है, जिसके परिणामस्वरूप सुचारू संचालन और बेहतर प्रदर्शन मिलता है। इसके साथ ही, कम्पन कम होने की वजह से यह ड्राइवर के लिए भी बहुत आरामदायक रहता है। कम कम्पन वाहन की टूट-फूट को भी कम करता है।
- कईं कार्यो के लिए उपयुक्त: 4-सिलेंडर इंजन ( 4 cylinder engine) कईं तरह के कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त हैं। वे हलके कृषि कामों, जैसे कि घास काटना या भार को ढोना और भरी काम जैसे जुताई, दोनों को संभाल सकते हैं।
4-सिलेंडर इंजन के नुकसान:
हालांकि 4-सिलेंडर इंजन ( 4 cylinder engine) बहुत ज़्यादा लाभ देता हैं, इसकी कुछ कमियां भी है। आइए इसके नुकसानों को जानते है।
- उच्च लागत: आमतौर पर, 4-सिलेंडर इंजन, 3-सिलेंडर इंजन की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।
- ईंधन की खपत में वृद्धि: 3-सिलेंडर इंजन की तुलना में 4-सिलेंडर इंजन अधिक ईंधन की खपत करते हैं। अतिरिक्त सिलेंडर का अतिरिक्त वजन और बढ़ा हुआ घर्षण उच्च ईंधन खपत में योगदान देता है।
- अधिक रखरखाव लागत: सामान्य तौर पर 4-सिलेंडर इंजन का रखरखाव अपेक्षाकृत अधिक होता है क्योंकि इसमें अधिक पार्ट्स होते है।
3 सिलेंडर बनाम 4 सिलेंडर ट्रैक्टर इंजन: निष्कर्ष
|
3 सिलेंडर इंजन |
4 सिलेंडर इंजन |
शक्ति और प्रदर्शन |
कम |
अधिक |
ऊर्जा की उपयोगिता |
कम |
अधिक |
इंजन का आकार |
छोटा |
बड़ा |
उपजाऊता |
कम |
अधिक |
ध्वनि |
अधिक |
कम |
4-सिलेंडर इंजन और 3-सिलेंडर इंजन के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं।
जहाँ एक तरफ 4-सिलेंडर इंजन अलग-अलग आरपीएम रेंज में लगातार अच्छा प्रदर्शन देने की क्षमता रखता है वहीँ दूसरी ओर, 3-सिलेंडर इंजन सस्ते और अधिक ईंधन कुशल हो सकते हैं। वे अक्सर हल्के होते हैं और सिलेंडरों की संख्या कम होने के कारण कम ईंधन खपत होती हैं।
4-सिलेंडर इंजन बनाम 3-सिलेंडर इंजन (3 cylinder vs 4 cylinder engine) के बीच का चुनाव कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि कृषि के कार्य, माल परिवहन आवश्यकताएं, ईंधन दक्षता की जरूरतें, बजट संबंधी विचार आदि। आप इन सभी बातों पर ध्यान दें और तभी अपने लिए एक उचित ट्रैक्टर इंजन का चुनाव करें।