18 Mar, 2024
क्या आपको पता है कि एक ट्रैक्टर का गियरबॉक्स उसकी क्षमता और शक्ति के लिए बहुत ही ज़रूरी है? चलिए जानते है एक ट्रैक्टर के लिए उसका गियरबॉक्स कितने मायने रख़ता है।
एक ट्रैक्टर का गियरबॉक्स कई कारणों से किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। गियरबॉक्स इंजन से पहियों तक शक्ति संचारित करने के लिए बहुत ही ज़रुरी है। इस वजह से एक ट्रैक्टर को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए आवश्यक गति और टॉर्क मिलता है।
वो गियरबॉक्स ही होता है जिसकी बदौलत ट्रैक्टर किसानों को विशिष्ट कृषि कामों के लिए उपयुक्त गियर चुनने में मदद करता है। इसके बिना एक ट्रैक्टर अधूरा ही है। चूँकि किसानों के पास कई प्रकार के गियरबॉक्स विकल्प उपलब्ध है, एक सही गियरबॉक्स चुनना एक किसान के लिए मुश्किल हो सकता है। अगर आप भी इसी दुविधा में फसें हैं तो इस लेख़ की मदद से हम आपको इस दुविधा से बाहर निकालेंगे।
आख़िर गियरबॉक्स क्या है और इसमें क्या - क्या शामिल है?
ट्रैक्टर का गियरबॉक्स जिसको हम ट्रांसमिशन के रूप में भी जानते है एक महत्वपूर्ण यांत्रिक घटक होता है जो इंजन द्वारा उत्पन्न बिजली को ट्रैक्टर के पहियों तक पहुँचाने की मुख्य भूमिका निभाता है। यह गियर्स और शाफ्ट की एक श्रृंखला से मिलकर बना होता है।
इसकी बेहतर समझ के लिए हम आपको बताते है कि यह कैसे काम करता है।
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इसमें एक इनपुट शाफ्ट होता है जो सीधा ट्रैक्टर के इंजन से जुड़ा होता है और यह इंजन के क्रैन्कशाफ्ट से शक्ति प्राप्त करता है।
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इसमें क्लच भी होता है जो इंजन और गियरबॉक्स के बीच स्थित होता है। यह ड्राइवर को इंजन से ट्रांसमिशन को जोड़ने या हटाने के काम आता है।
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गियरबॉक्स में विभिन्न आकारों के गियर का एक सेट होता है। विभिन्न प्रकार के गियर ट्रैक्टर को अलग गति देने के काम आते है। उदाहरण के लिए, निचले गियर का इस्तेमाल उच्च टॉर्क के लिए किया जाता हैं।
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गियरबॉक्स में एक आउटपुट शाफ्ट भी होता है जो ट्रैक्टर के पहियों से जुड़ा होता है। इसका काम गियर से शक्ति लेकर उसको पहियों तक पहुँचाना है।
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इन सभी घटको के अलावा, ट्रैक्टरों में एक डिफरेंशियल भी होता है, जो पहियों को मोड़ते समय अलग-अलग गति से घूमने के लिए ज़रूरी है।
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कुछ ट्रैक्टरों में रिवर्सर भी होता है जिसकी मदद से बिना क्लच का उपयोग करके भी ट्रैक्टर की दिशा बदलना मुमकिन है।
ट्रैक्टरों में कितने प्रकार के गियरबॉक्स देखने को मिलते हैं ?
ट्रैक्टर के डिज़ाइन और उनकी क्षमता के आधार पर उनमे विभिन्न प्रकार के गियरबॉक्स का उपयोग किया जाता है।हम आपके लिए ट्रैक्टर में पाए जाने वाले कुछ सामान्य प्रकार के गियरबॉक्स का विवरण लाये हैं।
मुख्य रूप से हमें तीन प्रकार के गियर बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है जो हैं:
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स्लाइडिंग मेश गियर बॉक्स (Sliding Mesh Gearbox)
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कांस्टेंट मेश गियर बॉक्स (Constant Mesh Gearbox)
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सिंक्रोमेश गियर बॉक्स (Synchromesh Gearbox)
चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स (Sliding Mesh Gearbox)
स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स मैनुअल ट्रांसमिशन प्रदान करता है इसका उपयोग कुछ पुराने ट्रैक्टर में किया है। यह अपने सरल और मजबूत डिज़ाइन के लिए जाना जाता है।
आज के समय इसे दुनिया में क्रेस गियरबॉक्स (गियर गरारी को तोड़ने वाला) के नाम से भी जाना जाता है। इस गियर वाले ट्रैक्टर आज भी आते है जो बहुत ही कम देखने को मिलता है।
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इसमें दो शाफ़्ट होती है। जिसमे से एक स्टीयरिंग से इंगेस (जुड़ा होना) रहती जिसे इनपुट दिया जाता है यानि की गियर बदलने का निर्देश दिया जाता है।
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दूसरी शाफ़्ट जिसमे गरारी होती है जिसकी गरारी लगातार घूमती रहती है, यही से गियर बदल के ट्रैक्टर की स्पीड को बढ़ाया या कम किया जा सकता है।
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इस गियर बॉक्स में जब गियर बदलते है तब दोनों शाफ्ट में लगी गरारी के बीच घर्सन होता है।
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जब एक गरारी दूसरी गरारी के ऊपर चढ़ती है जिससे गियर चेंज होते है।
स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स के फ़ायदे:
स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स डिजाइन में अपेक्षाकृत सरल होते हैं, जो उन्हें टिकाऊ और निर्माण और रखरखाव में आसान बना सकते हैं।
उनमे उच्च टॉर्क भार को सँभालने की क्षमता होती हैं, जो उन्हें भारी-भरकम कामों के लिए उपयुक्त बनाता है।
स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स के नुकशान:
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इस गियर बॉक्स के गरारी के दाते बहुत टूटते है।
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इसमें गियर बदलने के लिए ट्रैक्टर की स्पीड कम करनी पड़ती है।
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इसका मेंटेनेंस दूसरे गियर बॉक्स से जल्दी आता है।
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अगर आपने स्पीड में गियर चेंज किया तो गियर बॉक्स में गरारी टूटने का डर रहता है।
कांस्टेंट मेश गियरबॉक्स (Constant Mesh Gearbox)
कॉन्स्टेंट मेश गियरबॉक्स एक आधुनिक प्रकार का मैनुअल ट्रांसमिशन है जो स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स की तुलना में उपयोग में और भी आसान है। इसके अंदर सभी गियर एक दूसरे से जुड़े होते हैं, जिसके कारण इसका नाम कॉन्स्टेंट मेश दिया गया है ।
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इसमें गियर बदलते समय गियर आगे-पीछे नहीं होता है, इसलिए घर्षण नहीं होता है, इसलिए गियर के दांत टूटने का डर नहीं रहता है।
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इसमें नया कॉलर मैकेनिज्म दिया गया, जिसे कॉलर शिफ्ट भी कहा जाता है।
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इसमें लगातार कूलर शिफ्ट होता है जो गियर के ऊपर रहता है, जिससे गियर बदलते समय गियर के दांतों में कोई दिक्कत नहीं होती है।
कॉन्स्टेंट मेश गियरबॉक्स के फ़ायदे:
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अपने कॉन्स्टेंट मेश मैकेनिज्म के कारण यह गियरबॉक्स स्मूथ गियर शिफ्ट का अनुभव प्रदान करते हैं।
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चूँकि सभी गियर्स एक साथ जुड़े होते हैं, किसानों को अलग-अलग गियर्स बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इसलिए, स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स की तुलना में इसको इस्तेमाल करने में कम कौशल की आवश्यकता होती है।
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इसमें गियर बदलते समय कोई परेशानी नहीं होती है।
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गियर को किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में बदला जा सकता है।
कॉन्स्टेंट मेश गियरबॉक्स के नुकसान:
सिंक्रोमेश को शामिल करने के कारण कॉन्स्टेंट मेश गियरबॉक्स स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स की तुलना में अधिक जटिल होते हैं, जिससे उनका निर्माण और मरम्मत करना अधिक महंगा हो सकता है।
उदाहरण - पुराना महिंद्रा 575 में पहले स्लाइडिंग मेश गियर आते थे जिसमे ट्रैक्टर थोड़ा पुराना होने पर किसान को सबसे ज्यादा गियर की परेशानी होती थी, कही भी गियर फस जाता था। इस परेशानी को देखते हुए कंपनी, कांस्टेंट मेश (constant mesh gearbox) लेकर आई।
नोट - इसमें भी अब नया सुधार करके पार्शियल कांस्टेंट मेश गियरबॉक्स को लाया है जिसमें लगभग ख़राब होने के या टूटने के चांस बहुत ही कम होते है।
सिंक्रोमेश गियरबॉक्स (Synchromesh Gearbox)
सिंक्रोमेश गियरबॉक्स में आमतौर पर मैन्युअल रूप से संचालित ट्रांसमिशन होता है। इसमें पहले से ही घूम रहें गियर्स के बीच ही बदलाव होता है। सिंक्रोमेश गियरबॉक्स में गियर बदलने के लिए कम प्रयास की आवश्यकता होती है। यह अधिकतर उच्च स्तर के ट्रैक्टरों में देखा जाता हैं।
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इसका गियर बॉक्स लगभग कॉन्स्टेंट मेश गियर बॉक्स जैसा ही है।
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इसमें प्रत्येक गियर के किनारे एक सिंक्रोनाइज़र गियर लगा होता है।
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इसमें जब गियर बदला जाता है, तो सिंक्रोनाइज़र प्लेट ड्राइवर गियर और संचालित गियर की गति से मेल खाती है और फिर गियर को संलग्न (बदलती) करती है।
सिंक्रोमेश गियर बॉक्स और कॉन्स्टेंट मेश गियर बॉक्स के बीच केवल एक ही अंतर है और वह है सिंक्रोनाइज़र।
यह गियर बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाना के लिए 'डबल डी-क्लचिंग' को रोकता है। यह एक रिंग डिवाइस होता है जो ड्राइविंग गियर और सिंक्रोनाइज़र हब के बीच स्तिथ होता है।
सिंक्रोमेश गियरबॉक्स के फ़ायदे:
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इस गियरबॉक्स सिस्टम में आप आसानी से गियर बदल सकते हैं, चाहे ट्रैक्टर किसी भी स्पीड में हो।
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इनका उपयोग करना भी आसान है।
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इनमें कम कम्पन देखने को मिलता है।
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डबल क्लचिंग की आवश्यकता नहीं होती है।
सिंक्रोमेश गियरबॉक्स के नुकसान:
आखिर में
हमने आपको सारे गियरबॉक्स के बारे में बताया और अब आप बताओ की आपके ट्रैक्टर में कौन सा गियरबॉक्स है। ट्रैक्टर जगत की ऐसी बहुत सी बातें सबसे पहले जानने का एक सही तरीका ट्रैक्टरज्ञान से जुडें रहना है। आप हमसे जुड़े रहिए और हम आपके लिए सही खबरें सबसे पहले लातें रहेंगे।