tractorgyan home logotractorgyan logo
tractorgyan rupee logo
hamburger icon

धान की उपज बढ़ाने के तीन बेहतरीन उपाय।

धान की उपज बढ़ाने के तीन बेहतरीन उपाय। image
By Tractor GyanAug 05, 2020 10:10 AM
Share
facebook-iconlinkedin-icontwitter-iconwhatsapp-iconemail-icon

भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा धान की फसल पर निर्भर करता है, भारत में धान की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। किसान धान की कृषि में बहुत मेहनत करते है और इसकी अच्छी उपज के लिए भिन्न भिन्न प्रयास करते है, लेकिन धान की अच्छी उपज कई घटकों पर निर्भर करती है। सभी घटकों को ध्यान में रखते हुए नवीनतम तकनीक व उपायों के प्रयोग से ही धान की अच्छी उपज किसान पा सकते है। हम बात करेंगे इन्हीं घटकों और उपायों की जिन्हें जानकर आप भी अच्छी फसल उगा सकते है।

                                                                  

खरपतवार नियंत्रण:- आमतौर पर किसान खरपतवार हटाने के लिए खुरपी व पेंडिवीडर का प्रयोग करते है, इस विधि से खरपतवार नियंत्रण का काम वे दो बार करें - पहला रोपाई के 20 दिनों के बाद (प्रथम यूरिया उपरिवेशन के पहले) एवं दूसरी बार रोपाई के 50-60 दिनों के बाद (द्वितीय यूरिया उपरिवेशन के पहले)। इसके अलावा खरपतवार नाशक दवा किसानों के लिए बहुत उपयोगी है, अलग अलग जाति के खरपतवार के लिए अलग अलग तरह के रसायन प्रयोग में आते है। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें और जाने कौनसे खरपतवार नष्ट करने के लिए कौनसी दवा कारगर है। दवाई के छिड़काव के बाद लगभग 7 दिनों तक खेंत में 3-8 सेमी का पानी का स्तर बनाये रखना चाहिए।

 

कीट नियंत्रण:-  कीट नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवा का इस्तेमाल जरूरी है। मॉनसून में फसल में दीमक नाम के कीट का भी प्रकोप होता है, इससे बचाव के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20 ई सी 4 से 5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा जीवाणु झुलसा रोग भी फसल में हो सकता है, इस रोग में पत्तियां किनारों से सूखने लगती है। फसल को बचाने के लिए खेत का पानी निकाल दें और 15 ग्राम स्टप्टोसाइक्लीन और 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से कॉपर आक्सीक्लोराइड का छिड़काव भी करें। इसके अलावा फफूंदी का प्रकोप भी फसल को बर्बाद कर देता है, बचाव के लिए 1 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा दवा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इनके अलावा भी कई कीटों का प्रकोप धान पर होता है, जिनके लक्षण दिखते ही आपको सतर्कता वर्तनी चाहिए। तना छेदक, पत्तियाँ खाने वाले कीड़े,रसू चूसने वाले कीड़े,गंधी बग इन कुछ प्रकार के कीटो से बचाव के लिए रसायन जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

 

 

उर्वरकों का सही उपयोग:- पहले तो जैव उर्वरक से खेत की मिट्टी का उपचार करे। खेत तैयार करते समय, प्रति एकड़ खेत की मिट्टी में 10-12 किलो बीजीए (नील हरित शैवाल) और 10-12 किलो पीएबी जैव उर्वरक का छिड़काव कर मिश्रित करें।

रासायनिक उर्वरकों की बात करें तो अक्सर किसान अधिक मात्रा में यूरिया का प्रयोग करते है़ं धान की फसल के लिए 100-120 केजी नाइट्रोजन, 60 केजी फास्फोरस, 40 केजी पोटाश एवं 25 केजी जिंक प्रति हेक्टर प्रयोग करें, जिसके लिए 100-130 केजी डीएपी, 70 केजी एमओपी, 40 केजी यूरिया एवं 25 केजी जिंक प्रति हेक्टर (चार बीघा) की दर से रोपाई के समय प्रयोग करें तथा यूरिया की 60-80 किलोग्राम मात्रा रोपनी के 4-5 सप्ताह बाद एवं 60-80 किलोग्राम मात्र रोपनी के 7-8 सप्ताह बाद प्रति हेक्टर खेत में प्रयोग करें।

धान की खेती में कई बातों का ध्यान रखना होता है, हमने उपज वृद्धि कुछ प्रमुख उपाय आपको बताए इसके अलावा भी कई उपाय और बातें है जिन्हें जानकर आप अच्छी उपज पाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि आप अधिक जागरूक बने और TractorGyan से जुड़े रहे।

 

Read More

 Clock is ticking! Why the Baler Price crisis needs an urgent relook?       

Clock is ticking! Why the Baler Price crisis needs an urgent relook?                                       

Read More  

 कृषि के क्षेत्र में ये हैं भारत के टॉप 11 राज्य!       

कृषि के क्षेत्र में ये हैं भारत के टॉप 11 राज्य!                                                                                       

Read More  

 John Deere takes the market by storm by launching 4 Trem-IV (BS-IV) series models today       

John Deere takes the market by storm by launching 4 Trem-IV (BS-IV) series models today

Read More

Write Your Comment About धान की उपज बढ़ाने के तीन बेहतरीन उपाय।

+91
Review-Image
Tractor-iconTractorImplements-iconImplementsTyres-iconTyresTractor Finance-iconTractor Finance