15 Sep, 2023
किसानों के लिए ट्रैक्टर एक मशीन से ज्यादा है। यह एक जरिया है खेतों में अपनी क्षमता से ज़्यादा प्रदर्शन करने का। यह एक तरीका है कम समय में ज़्यादा काम करने का। और जब यह ट्रैक्टर ही साथ ना दे तो किसानों को कुछ समाज नहीं आता।
ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते समय इसका जल्दी गरम हो जाना एक मुख्य समस्या है। शायद ही कोई ऐसा किसान होगा जिसने ट्रैक्टर की ओवर हीटिंग की समस्या को ना झेला हो। हालाँकि यह एक बहुत सामान्य समस्या है,इसके सही कारण जानना और उन सभी चीज़ों को ना करना जिससे ट्रैक्टर जल्दी ही ज़्यादा गरम हो जाता है हर किसान के लिए बहुत ही ज़रूरी है।
ट्रैक्टर का इंजन ज्यादा गरम होने पर ट्रैक्टर में बड़े नुकसान की आशंका होती है, ऐसे में किसान को इसका अलर्ट मिलना जरूरी है। इसलिए हम आपके लिए यह लेख लाएं है। इसमें हम आपको इंजन के जल्दी गरम होने के कुछ मुख्य कारणों को बताएँगे। इसके साथ ही हम आपको बताएँगे की आप किस तरह इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।
चलिए लेख की शुरुआत उन कारणों को जानने से करतें हैं जिसकी वजह से एक ट्रैक्टर जल्दी गरम हो जाता है।
इंजन का ओवरलोड होना ट्रैक्टर के जल्दी गरम होने का एक मुख्य कारण है। अधिकतर इंजन तब ओवरलोड हो जाता है जब वो अधिक भारी भार खींच रहा हो या चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहा हो।
इंजन को ठंडा रखने का काम कूलेंट का होता है और अगर आपके ट्रैक्टर में कूलेंट की मात्रा सही नहीं है या इसका रिसाव हो रहा है तो इंजन को सही मात्रा में कूलेंट नहीं मिलेगा और वो जल्दी गरम होना शुरू कर देगा।
ट्रैक्टर अक्सर धूल भरे और गंदे वातावरण में चलते हैं, जिससे एयर फिल्टर और कूलिंग पंख बंद हो सकते हैं। कम वायु प्रवाह शीतल प्रणाली की दक्षता में बाधा डाल सकता है, जिससे इंजन ज़्यादा गरम हो सकता है।
यदि इंजन का कूलिंग फैन ठीक से काम नहीं कर रहा है या क्षतिग्रस्त है, तो यह ट्रैक्टर के रेडिएटर को पर्याप्त वायु प्रवाह प्रदान नहीं कर पायेगा जिसके चलते इंजन में ओवरहीटिंग की दिक्कत पैदा हो सकती है।
अगर ट्रैक्टर के रेडिएटर में गंदगी जमा है तो यह कूलेंट की क्षमता को प्रभावित करेगा और इंजन जल्दी गरम हो सकता है।
एक ट्रैक्टर इंजन घर्षण के कारण बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करता है और इंजन का तेल सभी इंजन के काम करने वाले भागों को लुब्रिकेट करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप इंजन ठंडा हो जाता है। इसलिए इसकी उचित मात्रा भी सुनिश्चित करें।
अगर वाटर पंप खराब हो जाता है तो वो कूलेंट को पंप करना बंद कर देता है। कूलेंट की अनुपस्थिति में इंजन का गरम होना तय है।
सिलेंडर हेड और इंजन ब्लॉक दोनों के बीच गेस्केट होता है और इसके क्षतिग्रस्त होने से तेल और कूलेंट को मिल जाता है और इससे इंजन गरम होता है। कूलेंट सिस्टम में ऑयल मिलने से वो पूरी तरह खराब हो जाता है और उसे पूरी तरह सुधरवाना जरूरी है।
कई बार थर्मोमीटर गलत काम करता है और आपको ट्रैक्टर गरम होने का अलर्ट नहीं मिलता और आप उसका उपयोग करते रहते हैं। इससे इंजन अधिक गरम होता है, इसलिए समय समय पर थर्मोमीटर को ट्रैक्टर से निकालकर गरम पानी में डाल कर टेस्ट करें।
प्रत्येक इंजन निर्माता विभिन्न प्रकार के कूलेंट (शीतलक) का उपयोग करता है और मुख्य निर्माता द्वारा अनुमोदित कूलेंट (शीतलक) को सही करना बहुत महत्वपूर्ण है। इंजन में गलत कूलेंट (शीतलक) का उपयोग ओवरहीटिंग का कारण बनता है।
अशुद्ध और कम प्रदर्शन करने वाले रेडिएटर ओवरहीटिंग का कारण बनते हैं। गंदे रेडिएटर के कारण कूलेंट के तापमान को कम करने के लिए पर्याप्त हवा नहीं होती है। इससे भी ट्रैक्टर ज्यादा गरम हो जाता है।
तो यह थे प्रमुख संभावित कारण आपके ट्रैक्टर के ज्यादा गरम होने के, इनकी पूरी जानकारी आपको बहुत काम आएगी। इन सभी बातों का ध्यान रखें और अपने ट्रैक्टर का अनुभव उत्तम बनाए।
हालांकि, ट्रैक्टर का ज्यादा गरम होना एक बहुत ही मुख्य समस्या है, कुछ बातों का ध्यान रख कर किसान इससे बच सकते है।
ट्रैक्टर का नियमित रखरखाव करें और समय-समय पर इंजन ऑयल और फिल्टर को बदलते रहें। इसके कूलेंट की मात्रा की भी जाँच होनी चाहिए।
इसकी भी जाँच करें की होज़ और रेडिएटर में किसी भी तरह की लीकेज ना हो रही हो।
रेडिएटर को साफ़ करें और उसमे से गंदगी,मलबे और कीड़ों को हटाते रहें।
पंखे और फैन बेल्ट का निरीक्षण करे और यह सुनिश्चित करें कि कूलिंग फैन सही ढंग से काम कर रहा है या नहीं। अगर आपको इसमें कोई कमी दिखती है तो तुरन्त इसको बदलवाए।
ट्रैक्टर को ओवरलोडिंग से बचाएँ और ध्यान रखें की हमेशा इसको इसकी क्षमता के अनुसार ही उपयोग में लाएं।
ट्रैक्टर के तापमान पर नज़र रखें और आपको जब भी लगे की ट्रैक्टर बहुत ज्यादा गरम हो रहा है, इसको बंद कर दें।
एक किसान का सच्चा साथी उसका ट्रैक्टर ही है और अगर आप इसका ध्यान नहीं रख रहें है तो यह खेतों पर आपका ध्यान नहीं रख पायेगा। हमारे द्वारा बतायी गयी बातों को अगर आप अपने दिमाग में रखेंगे तो ट्रैक्टर के गर्म होने की समस्या से आपको कम झूझना पड़ेगा।
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ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से ट्रैक्टर जल्दी गर्म हो सकता है। कुछ सबसे सामान्य कारणों में शामिल हैं: इंजन ओवरलोड, कूलेंट समस्याएँ और बंद होने वाले एयर फिल्टर्स।
ट्रैक्टर जल्दी गर्म हो जाता है, तो सबसे पहले आपको इसे बंद कर देना चाहिए और ठंडा होने देना चाहिए। जब ट्रैक्टर ठंडा हो जाए, तो आप शीतलक स्तर की जांच करें और रेडिएटर की भी जांच करें। यदि आपको कोई समस्या दिखे तो आपको यथाशीघ्र उनकी मरम्मत करानी चाहिए।
यदि आपका रेडिएटर बंद हो गया है, तो इंजन ठीक से ठंडा नहीं हो पाएगा और ज़्यादा गरम हो सकता है। आप शीतलक रिसाव के संकेतों, जैसे रेडिएटर के आसपास या ट्रैक्टर के नीचे गीलापन, को देखकर रेडिएटर के बंद होने की जांच कर सकते हैं।
ट्रैक्टर में कूलेंट को हर 2 साल या 2,000 घंटे में, जो भी पहले हो, बदला जाना चाहिए।
अत्यधिक गर्म ट्रैक्टर चलाने से इंजन और अन्य घटकों को नुकसान हो सकता है, इससे आग भी लग सकती है।
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