बता क्यों कर्जे में किसान दबा
05 Mar, 2021
● जानें किसान की बदहाली के क्या मूल कारण रहें है और उनके साथ किस तरह सदियों से अन्याय हुआ है।
अगर मैं कहूं कि आज के दौर में ऐसा कोई नहीं होगा जो किसानों की परिस्थितियों से अनजान है, तो मैं सरासर ग़लत बोल रहा हूं।
मैं गलत बोल रहा हूं क्योंकि समाज का एक बड़ा वर्ग यह सच्चाई नहीं जानता किस तरह किसानों के साथ सदियों से अन्याय हुआ है। मैं कहता हूं हमारे गांव कस्बों में रहने वाले लोग भी, किसान भी, चाहे यह जानते हों कि आज आम किसान की माली हालत क्या है, पर वो भी यह नहीं जानते की उनके साथ किस तरह का अन्याय हुआ है।
शहर में बसने वाले, खुद को बुद्धि जिवी कहने वाले ज्यादातर लोग तो यह मानते ही नहीं है, उनका तो कहना है किसान टैक्स नहीं भरता और सब्सिडी आदि के रूप में टैक्स जमा करने वालो का पैसा खाता है, किसान मुफ्तखोर है।
"
ना वो मुफ्तखोर
ना वो टैक्स चोर
देख जरा पहले
तू उसकी ओर
और बता उसे कितना मिला
फसल का सही दाम था क्या
तूने ही कर्ज का बाज़ार रचा
बता क्यों कर्जे में किसान दबा
तू अब तो उसका कर्जा पहचान
क्यों पीछे रह गया किसान
"
ऐसे माहौल में इसलिए पहले यह समझना जरूरी है आज किसानों कि क्या हालत है और उनके साथ क्या अन्याय हुआ है, इसके बाद ही इस स्तिथि को बदलने के उपाय पर बात करना उचित होगा।
औसत किसान परिवार की आय मात्र 6,000 रुपए
आज के दौर में हम अगर किसानों की आय से जुड़े आंकड़े खंगालते है तो पता चलता है भारत में एक औसत किसान परिवार की मासिक आय मात्र 6427 रुपए है, सालाना आय देखें तो 77,124 रुपए है। 2016-17 में नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) द्वारा किए अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेश सर्वेक्षण में सामने आए इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है, कि देश के किन राज्यों में किसान की क्या आय है। आपको यह भी बता दें भारत में रकबे के आधार पर देखा जाए 86 प्रतिशत कृषि योग्य छोटे व सीमांत किसानों की है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है।
"इसका मतलब है.."
चलिए अब यह देखते इन आंकड़ों से क्या निष्कर्ष निकलता है, पहला तो यह कि जो आय एक औसत किसान की है उस पर इनकम टैक्स भरने का कोई प्रावधान किसी के लिए भी नहीं है। दूसरा रकबे वाले आंकड़े देखे तो जो औसत आय है उसके पीछे भी बड़ा हाथ ज्यादा जमीन वाले किसानों का है इसका मतलब है जो 80 से 90% किसानों की मासिक आय 6 हज़ार से भी कम है। अब यह तो सब समझ सकते है जिस परिवार की आय 6,000 से भी कम हो वो कैसे जीवन यापन करता होगा, क्योंकि यह तो सभी जानते है शहरों में घर करने वाले नौकर को 2 या तीन घंटे काम करने के लिए भी इससे ज्यादा तंखा मिल ही जाती है और हमें उनकी स्तिथि भी दयनीय लगती है।
तो यह थी तस्वीर भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति की, अब बात करते हैं उनके साथ आखिर क्या अन्याय हुआ है। इसके लिए हमें यह समझना होगा हमारे किसानों का इतिहास क्या रहा है, क्या पहले स्तिथि अच्छी अब खराब हुई है? जो बाकी समाज के आगे बढ़ने कि रफ्तार रही क्या किसानों की भी वही रफ्तार रही है?
किसने किया किसानों के साथ अन्याय?
ये तो हम जानते ही है सदियों से राजा महाराजा को लगान देने का नियम रहा है, हर सल्तनत ने अपनी तिजोरियां किसानों के पैसों से भरी है और उन पर अत्याचार किया है।
"
ऐ दुनिया क्या था ये विधान
क्यों पीछे रह गया किसान
कौन है जिम्मेदार
ये किसका था फरमान
क्यों पीछे रह गया किसान
"
अंग्रेज़ आए तो उन्होंने भी किसानों से खूब लूट की, और कई तरह के किसान विरोधी कानून भी बना दिए। ऐसे में जब मुल्क को आजादी मिली किसानों को स्तिथि दयनीय थी, कारण था जो अन्याय उनके साथ हुआ।
जब भारत आज़ाद हुआ तो किसानों कि स्तिथि भी खराब की और देश में खाद्य व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी। भारत की आजादी के बाद कृषि क्षेत्र काम हुआ, हरित क्रांति अाई कृषि के मशीनीकरण की दिशा में हम बड़े, देश में संपन्नता अाई।
उस समय भारत की जीडीपी में आधा हिस्सा कृषि क्षेत्र का होता था, लेकिन क्या इन बदलावों से किसानों को कोई फायदा हुआ? इस सवाल का जवाब भी आपको इस बात से मिल जाएगा जब आप देखेंगे कि इन गुज़रे वर्षों में दूसरे पेशों में लोगों ने क्या तरक्की करी और किसानों ने क्या तरक्की करी, आपको यह भी समझ आएगा कि आजाद भारत में भी किसानों के साथ क्या अन्याय हुआ है।
इसलिए अगले पार्ट क्यों पीछे रह गया किसान-2
में हम आपको ऐसे ही ढेर सारे आंकड़े बताएंगे जिनसे आपको बराबर अंदाज़ा लग जाएगा कि किस तरह किसानों के साथ अन्याय हुआ है।
तब तक ट्रैक्टर व किसानी संबंधी अन्य जानकारियां के लिए जुड़े रहें TractorGyan के साथ।
Read More
![]() |
MAHINDRA’S CNH INDUSTRIAL COMPLETES MINORITY INVESTMENT IN MONARCH TRACTOR'21 |
![]() |
MP BUDGET:क्या मामा ने किसानों को खुश कर दिया? बजट से किसानों को कितनी बचत? |
![]() |
पीएम किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जल्द आने वाली है!! |
Read More
मैसी फर्ग्यूसन 241 डायनाट्रैक : 42 HP श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ माइलेज देने वाला 2WD ट्रैक्टर
TAFE (ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड) किसानों के लिए हमेशा शानदार ट्रैक्टर का निर्माण करते...
स्वराज 855 एफई: 52HP श्रेणी में कृषि के लिए सबसे किफायती ट्रैक्टर
स्वराज कंपनी शुरुआत से ही किसानों की जरुरतों को ध्यान में रखकर ट्रैक्टरों का निर्माण करती है। यह कंप...
Why Solis Yanmar is the Best Manufacturer of 4WD Tractors in India?
Solis Yanmar is a joint venture of the International Tractor Limited group of India and Yanmar (Japa...