27 Apr, 2022
किसानों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए समय-समय पर राज्य और केंद्र सरकार नई योजनाएं लाती रहती है.चाहे फसल बीमा योजना हो या खेती के उपकरणों के लिए बीमा योजना हो किसानों को मुनाफा देने के लिए सरकार नए कदम उठाती रहती है. साथ ही सरकार की मंशा रहती है की कम खर्च में किसानों द्वारा फसल का उत्पादन हो और किसान भाईयों को अधिक मुनाफा मिलें. कईं बार तो प्राकृतिक आपदा के चलते भी किसानों की फसलें खराब हो जाती है और किसान की फसल बेचने जैसी हालत में नहीं रहती है. जिससे की किसानों को कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है.
ऐसे में बिहार राज्य सरकार द्वारा राज्य के किसान भाईयों के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना (Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojna) की शुरुआत की गई है. प्राकृतिक आपदा के चलते जिसमें बाढ़, ओले, तेज बारिश, आंधी-तूफ़ान की वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है जिसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगती है. इतना ही नहीं किसान कई बार तो इतनी तंगी में आ जाते है की उनके पास परिवार को पालने तक के पैसे नहीं होते हैं. और कहीं से भी सहायता प्राप्त ना होने के कारण बिना काल के ही मौत को गले लगा लेते हैं.
तो इन सभी कारणों और समस्याओं को देखते हुए बिहार सरकार ने इस योजना की शुरुआत की जिसके अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि जरुरतमन्द किसान के बैंक खाते में डाल दी जाएगी. इसके अलावा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई तरह ही योजनाओं को जारी करती रहती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ सके.
योजना के बारे में जानकारी :-
किसानों के लिए फसल बीमा योजना देश में लागू की गई थी जिसकी ही तर्ज पर बिहार सरकार ने भी अपने स्टार पर बिहार के किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना में किसान की फसल का बीमा किया जाता है और प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर उसे मुआवजा दिया जाता है. बता दें कि कुछ राज्यों ने पीएम फसल बीमा योजना को अपने राज्य में लागू नहीं किया हुआ है तो वो राज्य अपने स्तर से ही किसानों के फसलों की भरपाई खुद करते है. ऐसे ही राज्यों में बिहार का नामे भी शामिल है जो अपने किसानों की फसलों को खराब होने पर मुआवजा प्रदान करते हैं. इसके लिए किसानों को अपने खेत में बोई गई फसल का पंजीयन करना होता है.
बिहार फसल बीमा योजना ( Bihar Fasal Bima Yojana) की शुरुआत राज्य के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी द्वारा की गई है. योजना के अंतर्गत अगर किसी भी किसान की फसल प्राकृतिक रूप से 20 प्रतिशत नष्ट हो जाती है तो उन्हें 7500 रुपए प्रति हेक्टर के अनुसार सहायता राशि दी जाएगी और यदि फसल 20 प्रतिशत से ज्यादा बर्बाद होती है तौन्हे 10 हजार रुपए प्रति हेक्टर प्रदान किए जाएंगे. अगर आप भी योजना का आवेदन करना चाहते है तो इसके लिए बिहार राज्य की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से आई आपदा के कारण फसल में हुए नुकसान की वजह से सहायता राशि प्रदान की जाएगी यह राशि लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी इसके लिए आवेदक का स्वयं का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है जो कि आधार कार्ड से लिंक होना जरुरी है जिससे किसानों की बर्बाद हुई फसल की भरपाई हो सके. आवेदक आसानी से अपने कंप्यूटर और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन माध्यम से योजना हेतु आवेदन कर सकता है और इसका लाभ प्राप्त कर सकता है. योजना के अंतर्गत आवेदक इन सभी फसलों जैसे गेंहू, मक्का, चना, मसूर, अरहर, राई, सरसों, गन्ना, प्याज आलू के लिए पंजीकरण कर सकता है.
रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसान फसल सहायता योजना के तहत अपना पंजीयन करा सकते है. योजना के अनुसार किसानों को किसी तरह का कोई प्रीमियम शुल्क नहीं देना होता है क्यूंकि यह निःशुल्क होता है. योजना के अनुसार किसानों को अधिकत 2 हैक्टेयर के नुकसान की भरपाई की जाती है.
योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया :-
किसान सहायता योजना के अनुसार राज्य के किसान फसलों का बीमा ऑनलाइन करा सकते है. इसके लिए किसान पास के सीएससी सेंटर और खुद से भी आवेदन कर सकते है.यदि आप स्वयं ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसकी अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. रजिस्ट्रेशन से पहले किसान के पास 13 डिजिट की पंजीयन संख्या होनी जरुरी है जो कि किसान वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण प्राप्त कर सकते है.
बिहार राज्य फसल सहायता योजना (Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) से मिलने वाले लाभ :-
सरकार उन किसानों को प्रतिहेक्टयर के अनुसार सहायता राशि देगी किनकी फसल प्राकृतिक आपदा जैसे आंधी-तूफ़ान, बारिश, बाढ़, जैसी आपदा से बर्बाद हुई है.
योजना के अंतर्गत आने वाली राशि लाभार्थी को सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
यदि किसी किसान की फसल का नुकसान 20 प्रतिशत तक हुआ है तो उन्हें 75 सौ रुपए प्रति हेक्टर के अनुसार वित्तीय राशि दी जाएगी.
इसके अलावा किसी किसान की फसल इससे ज्यादा बर्बाद हुई है तो उन्हें 10 हजार रुपए प्रतिहेक्टर के हिसाब से दिए जाएंगे,
बिहार सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदक को किसी भी प्रकार का बीमा किश्त नहीं देना होगा.
आवदेक को फसल से सम्बन्धित कोई भी जानकरी जाननी है तो वह पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जानकारी को प्राप्त कर सकता है.
योजना के लिए किसानों की पात्रता :-
यदि आप भी राज्य फसल सहायता योजना का आवेदन करना चाहते है तो आवेदन करने से पहले आपको इसकी पात्रता के बारे में पता होना बहुत ही जरुरी है तभी आप इसका एप्लीकेशन फॉर्म भर पाएंगे। आज हम आपको योजना की पात्रता के बारे में बताने जा रहे है जो इस प्रकार से है:
राज्य फसल योजना का आवेदन बिहार राज्य के मूलनिवासी किसान ही कर सकते है।
आवेदक के पास स्वयं का बैंक खाता होना बहुत जरुरी है।
आवेदक किसान के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए।
योजना के अंतर्गत अगर फसल प्राकृतिक रूप से नष्ट हुई होंगी तभी किसान को लाभ मिलेगा। किसी अन्य प्रकार से फसल बर्बाद होने पर योजना का पात्र नहीं समझा जाएगा।
फसल सहायता योजना में आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज :-
फसल सहायता योजना बिहार के तहत रैयत और गैर रैयत दोनों प्रकार के किसान फसलों का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए रैयत और गैर रैयत किसान को निम्न अनुसार दस्तावेज की आवश्यकता होगी.
आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
आवेदन करने वाले रजिस्टर्ड का मोबाइल नंबर
आवेदन करने वाले किसान का बैंक खाता विवरण
आवेदन करने वाले किसान का फोटो
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