16 Aug, 2022
खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों (Farming Equipment) की महत्ता बढ़ती ही जा रही है। उत्पादन बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि यंत्रों की श्रृंखला में ड्रोन को भी शामिल कर लिया गया है। ड्रोन माध्यम से कृषि कर किसानों को खेती में और अत्याधुनिक किया जा रहा है। जिससे की कृषि में सरलता और सुगमता लाई जा सके।
अब किसानों को अन्य कृषि यंत्रों की तरह ड्रोन खरीदने पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। किसानों को ड्रोन खरीदने पर करीब 5 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं कृषि विश्वविद्यालय को ड्रोन की खरीद पर शत प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती है। किसान भाई अपनी निकटतम कृषि विभाग से सम्पर्क करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
ड्रोन के उपयोग :-
किसान खेती-किसानी के दौरान फसल बुवाई से लेकर खड़ी फसलों की देखरेख तक तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करता है। कई बार तो यह तक भी देखा गया है कि किसान खड़ी फसलों पर खाद और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव समय से पूरी फसल पर नहीं कर पाता है। लेकिन अब किसान ड्रोन तकनीक की मदद से खेत में खड़ी फसलों पर यूरिया और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव बेहद आसानी से भी कम समय में पूरी फसल पर कर सकते हैं। किसान ड्रोन ऑटो सेंसर के माध्यम से एक निश्चित हाइट पर उड़ाकर खड़ी फसलों पर करीब 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव आसानी से कर सकता है। वहीं किसान एक एकड़ भूमि पर खड़ी फसलों पर करीब 10 मिनट में खाद और कीटनाशक और अन्य जरुरी पोषक तत्वों ला छिड़काव कर सकता है।
विश्वविद्यालयों को 100 प्रतिशत सब्सिडी :-
कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए और इस क्षेत्र के किसानों और अन्य हिधार्कों के लिए ड्रोन तकनीक को सस्ता बनाने के लिए, कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन के तहत मान्यता प्राप्त कृषि ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट या कृषि विज्ञान केंद्र को 100 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। किसान उत्पादक संगठनों को किसानों के खेतों पर दवा के छिड़काव के लिए ड्रोन की खरदी के लिए 75 प्रतिशत की दर से सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
किसानों के हित के लिए सरकार की तरफ से ड्रोन योजना चलाई जा रही है जिसके माध्यम से मात्र सात मिनट से नौ मिनट में एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। इससे किसानों के वक्त और श्रम दोनों की बचत होगी। सरकार की तरफ से किसान ड्रोन की खरीद पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने की घोषणा की गई है।
ड्रोन खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी :-
ड्रोन प्रदर्शन करें वाली कार्यान्वयन एजेंसियों को 6,000 रुपए प्रति हेक्टेयर आकस्मिक व्यय उपलब्ध कराया जाएगा जो ड्रोन खरीदने की इच्छुक नहीं है लेकिन कस्टम हायरिंग सेंटर्स, हाई-टेक हब्स, ड्रोन निर्माण करने वाले और स्टार्ट अप्स से किराए पर लेना चाहते हैं। उन कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए आकस्मिक व्यय 3,000 रुपए प्रति हेक्टेयर तक सीमित रहेगा, जो ड्रोन के प्रदर्शन के लिए ड्रोन खरीदना चाहते हैं, वित्तीय सहायता और अनुदान 31 मार्च 2023 तक उपलब्ध रहेगा।
सरकार की तरह से लगभग 10 लाख रुपए लागत वाले ड्रोन को कृषि विज्ञान केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा किसान, कृषक उत्पादक समूह, महिलाएं या किसान महिला समूह स्टार्टअप के लिए भी इसे अपना सकेंगे। अन्य व्यक्ति भी अगर इसे रोजगार के रूप में अपनाना चाहे तो उसे सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी।
कहाँ से ले सकेंगे ड्रोन :-
किसान, कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring centre) से भी ड्रोन किराए पर ले सकेंगे। क्योकि अब ड्रोन को भी कृषि यंत्रो की सूची में शामिल कर लिया गया है। बता दे कि कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना किसान सहकारी समितियों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा की जाती है। वहीं एसएमएस, आरकेवीवाई या अन्य योजनओं से वित्तीय सहायता के साथ किसान सहकारी समितियों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा स्थापित किए जाने वाले नए सीएचसी (CHC) या हाई-टेक हब्स (High-tech Hubs) की परियोजनाओं में ड्रोन को भी अन्य कृषि मशीनों के साथ एक मशीन के रूप में शामिल किया जा सकता है। इसलिए जो छोटे और सीमान्त किसान इसे खरीदने में सक्षम नहीं है वे किराए पर ड्रोन लेकर अपना खेती का काम कर सकेंगे।
कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) की तरफ से हाल ही में की घोषणा में कहा गया कि किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार एससी-एसटी, छोटे और सीमान्त, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही अन्य किसानों के लिए 40 प्रतिशत उआ अधिकतम 4 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार किसानों की सुविधा, लागत कम करने और आय बढ़ाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है।
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