18 May, 2023
अगर आप उन्ही पुरानी फसलों की खेती करके ऊब गए है और किसी नए विकल्प की तलाश में हैं तो स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry farming) आपके लिए एक दम सही है। विश्वभर में स्ट्रॉबेरी अपनी उच्च गुणवत्ता और स्वाद के लिए जानी जाती है। किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कम जमीन और न्यूनतम निवेश के साथ भी शुरू कर सकते है।
इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम अपने किसान भाइयो को (Strawberry cultivation) स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी देने वाले है। तो आप हमसे जुड़े रहें।
पिछले कुछ सालो से भारत और विश्व के कृषि बाज़ारो में स्ट्रॉबेरी फल (strawberry fruit) की माँग में काफी उछाल आया है। भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती का कुल क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है।
- अनुमान है कि वर्तमान में लगभग 1,500 से 2,000 हेक्टेयर भूमि पर भारतीय किसान स्ट्रॉबेरी की खेती (strawberry farming) कर रहें है।
- भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती ज्यादातर नैनीताल , रानीखेत, महाबलेश्वर और पंचगनी जैसे पहाड़ी इलाको में की जाती हैं।
- भारत में स्ट्रॉबेरी की औसत उपज 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर के बीच होती है।
- इस फल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण घरेलू बाजार में स्ट्रॉबेरी की मांग बढ़ रही है। भारतीय कृषि बाजार मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में बड़ी मात्रा में स्ट्रॉबेरी का निर्यात करता है।
यह सभी आकंड़े हमे यह बताते है की स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry cultivation) करना भारतीय किसानो के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
पर यह तभी मुमकिन है जब किसानों के पास भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry farming) से जुड़ी सभी जानकारी हो।
हर एक फसल की खेती करने का एक सही समय और एक सही जलवायु परिस्थितियाँ होती है। अगर आप स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry farming) करना चाहते है तो आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आदर्श समय प्री-मानसून सीजन होता है। इसके साथ ही कुछ और मुख्य बातों को भी जानना ज़रूरी है।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उचित तापमान: स्ट्रॉबेरी ठंडे से हल्के तापमान में पनपती है। उनके विकास के लिए उचित तापमान सीमा 15 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का है। इसकी फसल ज़्यादा गर्मी को नहीं झेल सकती है। इसलिए स्ट्रॉबेरी की खेती अधिकतर भारत के पहाड़ी इलाको में की जाती है।
- मिट्टी की गुणवत्ता: स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry farming) के लिए 5.5 और 6.5 के बीच पीएच स्तर वाली सुखी और दोमट मिट्टी की ज़रूरत होती है। इसके साथ ही स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिट्टी कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होनी चाहिए और उसमें जल धारण क्षमता अच्छी होनी चाहिए।
- धूप: स्ट्रॉबेरी की खेती में स्ट्रॉबेरी के पौधों को स्वस्थ और स्वादिष्ट फल पैदा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप की आवश्यकता होती है। हम अपने किसानो भाइयो को एक ऐसे स्थान पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने की सलाह देंगे जहाँ पर प्रति दिन कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप आती हो।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पानी की ज़रूरत: स्ट्रॉबेरी में उथली जड़ें होती हैं। इसलिए स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए किसानो को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा की इसकी जड़ो में ज़्यादा पानी ना भरें। हालाँकि नियमित और नियंत्रित पानी देना आवश्यक है, पर मिट्टी को अत्यधिक गीला नहीं होना चाहिए।
स्ट्रॉबेरी के पौधों (Strawberry plants) को हानिकारक कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए कीट नियंत्रण खेती का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एफिड्स, स्ट्रॉबेरी क्राउन बोरर,और ग्रे मोल्ड (बोट्राइटिस फ्रूट रोट) कुछ ऐसी बीमारियाँ है जो आपकी पूरी उपज को नष्ट कर सकतीं है। इसलिए, इनका सही समय पर इलाज बहुत ज़रूरी है।
नीचे बताए गए उपाय आपकी काफी मदद कर सकते है।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए एक फसल चक्र अपनाएं जिससे मिट्टी में एक तरह के कीटों का निर्माण कम हो जाता है।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए स्ट्रॉबेरी के पौधों (Strawberry plants) के मलबे, खरपतवार और गिरे हुए फलों को हटाकर खेत की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें। इससे कीट प्रजनन में रूकावट आती है।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए नियमित समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें।
स्ट्रॉबेरी की फसल (Strawberry farming) बहुत ही नाजुक होती है और इसकी देखभाल करने के लिए हम स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आपके लिए कुछ दिशानिर्देश लाए हैं:
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पौधों को लगभग 12-18 इंच की दूरी पर रखें। ध्यान रहें कि पंक्तियों के बीच 2-3 फीट की दूरी हो।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिट्टी में नमी को बनाए रखने, खरपतवार के विकास को दबाने और फलों को साफ रखने के लिए पौधों के चारों ओर स्ट्रॉ, पाइन सुई, या लकड़ी चिप्स का उपयोग करते हैं।
- स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए स्ट्रॉबेरी के पौधों (Strawberry plants) के आसपास के खरपतवारों को नियमित रूप से हटा दें, क्योंकि वे पोषक तत्वों और पानी की खपत करते है ।
- स्ट्रॉबेरी की खेती में हवा के संचलन को बढ़ावा देने और बीमारी को रोकने के लिए ठीक समय पर फसल की छटाई करते रहें।
ट्रैक्टर ज्ञान हमेशा से ही भारतीय किसानो को उन्नत करने के लिए तत्पर है। इस ब्लॉग की मदद से हम अपने किसान भाइयो को स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry farming) के बारे सही और सटीक जानकारी देना चाहते है। आप जान पाए है कि किस तरह आप भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते है, इसकी फसल के लिए उचित परिस्थितियाँ क्या है, और किस तरह आप अपनी फसल की गुणवत्ता को बढ़ा सकते है।
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