11 May, 2020
कौन सा Tractor खरीदना सही होगा? यह सवाल जितना आसान नजर आता है, उतना ही पेचीदा होता जाता है। वर्तमान के तकनीकी औद्योगिक विकास में, दिन प्रतिदिन नए नए आविष्कार होते रहते है। मशीनरी, कृषि, Automoblie या Automotive चाहे किसी भी क्षेत्र में हो।
उसी तरह Tractor इंडस्ट्रीज़ भी बहुत ज्यादा अग्रसर है, नित नए मॉडल अलग अलग companies के द्वारा market में उतरे जाते है। सवाल ये उठता है की हम कौन सा ट्रेक्टर खरीदें। क्या यह हमारे लिए बेहतर साबित होगा। तो आइ-ये जानते है इस बारे में ट्रेक्टर खरीदते समय हमें कुछ महत्वपूर्ण बाते है, जिसके बारे में जानकारी लेना बहुत जरूरी है। चाहे ट्रेक्टर किसी भी कम्पनी का क्यों न हो!
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इंजन (Engine )
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हाइड्रोलिक लिफ्ट (hydraulic)
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ट्रेक्टर की बाजार भाव (Tractor Market Value)
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डीजल की खपत (Average)
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ड्राइवर कम्फर्ट (Driver Comfort)
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हॉर्स पॉवर (HP)
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इंजन - तो आइये सर्वप्रथम बात करते है इंजन (Engine) के बारे में
इंजन की टेक्नोलॉजी के बारे में हमे जानकरी लेना बहुत जरूरी होता है। जैसे कि इंजन की सिलिंडर (Cylinder) क्षमता 2, 3 या 4 है, जितना ज्यादा सिलेंडर होगा उतना इंजन की पॉवर डिलीवरी ज्यादा रहेगी। इंजन टर्बो या नॉनटर्बो है। टर्बो के कुछ फायदे भी है, और नुकसान भी। फायदा यह इंजन की पॉवर को बड़ा देता है आर.पी.एम (RPM) गिरने नहीं देता है। नुकसान यह अगर सर्विस सही समय पर नहीं कराई गई, तो इंजन का बोर का काम जल्दी करना पड़ सकता है। इंजन की लंबी उम्र कम हो जाती है।
अगर ट्रेक्टर को बराबर HP के इंजन में से किसी एक को सेलेक्ट करना हो तो हमारी पाठकों से यही सलाह रहेगी की नॉनटर्बो लिया जाये क्यों कि नॉनटर्बो इंजन की उम्र ज्यादा होती है और यह डीजल भी कम खाता है।
पंम्प के बारे जान ले यह इन-लाइन या रोटरी इसमें से कौन सा है।
रोटरी पंप वाला इंजन डीजल कम खाता है क्योंकि इसमें एक ही पाइप लाइन के द्वारा सभी सिलेंडर में डीजल जाता है। इस प्रकार डीजल कम्प्रेस्ड बहुत ज्यादा होता है, जिससे ब्लास्ट बहुत अच्छा होता है और इसकी वजह से पॉवर बड़ने के साथ साथ इंजन की टाइमिंग बहुत अच्छी हो जाती है। इस पंप का नुकसान यह है कि डीजल में पानी मिलावट बिलकुल नहीं होनी चाहिए। वरना पॉवर डिलीवरी अच्छी नहीं देगा। साथ ही इस बात का ध्यान रखे, चलते समय इंजन डीजल ख़त्म नहीं होना चाहिए नहीं तो इंजन को चालू करने में परेशानी आ सकती है।
अब बात करते है इन-लाइन पंप की
इनलाइन पम्प में हर एक सिलेंडर के लिए वाल्ब अलग-अलग होते है जिससे डीजल कम्प्रेस्ड कम हो पाता है, जिससे टाइमिंग बहुत जल्दी ख़राब हो जाती है। लेकिन इस पंम्प से फायदा यह की इसकी सर्विस हम आसानी से कर सकते है और इसका मेंटेनेंस खर्चा कम होता है और यह इंजन की उम्र को पढ़ाता है।
हाइड्रोलिक लिफ्ट
किसान को सबसे ज्यादा हाइड्रोलिक लिफ्ट की जरुरत पड़ती है बहुत सारे ऐसे काम है जो इसके बिना हम नहीं कर सकते है। जैसे कल्टीवेटर, रोटावेटर, थ्रेसर तथा सीडड्रिल का काम बिना इसकी मदद के नहीं हो सकता है। हायड्रोलिक लिफ्ट जितनी ज्यादा एडवांस होगी उतना ज्यादा फायदा होगा। उतना ही ज्यादा ट्रेक्टर हमारे लिए फायदेमंद होगा। इसलिए हमें यह देखना होगा की हायड्रोलिक ADDC type hydraulic lift है या नहीं। इसका मतलब उसके अंदर दो सेंसिंग के लीवर दिए गये है या फिर नहीं।
दूसरी बात ये है की उसकी सेंसिंग सिंगल पॉइंट सेंसिंग है या थ्री पॉइंट। तीसरी बात पंप की फ्लो स्पीड कितनी है ध्यान रखे पॉवर स्टेरिंग और लिफ्ट का पंप एक ही तो नहीं दिया है, हमें ज्यादा से ज्यादा ये कोशिश करनी चाहिए कि लिफ्ट और स्टेरिंग का हयड्रोलिक पंप अलग अलग हो। इससे ट्रेक्टर की कार्य क्षमता आसान होगी और हयड्रोलिक कॉन्टिनियस अच्छा काम करेगा।
Tractor की मार्किट वेल्यू
हम Tractor तो खरीद लेते है जिसमे ज्यादा फीचर दिए गए हो परन्तु हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे ट्रेक्टर का बाजार भाव क्या है। उसका सर्विस प्रोवाइडर कैसा है। उसके पार्ट बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हो। हर किसान एक ट्रेक्टर को ज्यादा समय तक रख नहीं सकता है, उसे पुराना होने पर बेचना होता है। तो हमें वही ट्रेक्टर खरीदने चाहिए जो मार्केट मे चल रहा हो क्योंकि काफी कम्पनी ऐसी है जो ट्रेक्टर तो बेच जाती है पर सर्विस नहीं दे पाती हैं। कुछ कम्पनियाँ अपने सेंटर बंद करके चली गई या फिर चल नहीं पाईं। इसका सबसे बड़ा नुकसान होता कि ख़रीदे गए ट्रेक्टर के पार्ट मिलना बहुत मुश्किल होता है तो ऐसे ट्रेक्टर हमारे लिए बहुत परेशानी खड़ी कर सकते है।
डीजल की खपत
हमें डीजल की खपत के बारे में सोचना बहुत जरूरी है क्योंकि किसानों की आय कम होती जा रही है। डीजल के दाम तो मानो आसमान छूने लगे है। हमे इस बात का ध्यान रखना जरूरी है ट्रेक्टर डीजल ज्यादा न खाता हो। ऐसे में हमें यह नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ध्यान रखे कम्पनियाँ किसी को भी वास्तविक जानकारी नहीं उपलब्ध कराती है। इस स्थिती में जो व्यक्ति उस ट्रेक्टर का उपभोग कर रहा है। वह आप को इस बात की उत्तम सलाह दे सकता है जिसका एक बहुत बड़ा कारण यह है कि अलग अलग मिट्टी की सतह पर ट्रक्टर की कार्य क्षमता भिन्न हो होती है। उपभोक्ता से व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित कर ले डीजल खपत के बारे में।
HP हॉर्स पॉवर
यह सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी विषय है। इसे हम आपको समझाने का प्रयत्न करते है। HP क्या होता है। आप जब ट्रेक्टर खरीदते है, तो अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदते है। पर यह ध्यान रखना भूल जाते है कि आगे आने वाले समय के अनुसार नहीं। लोगो से सिर्फ यह जान लेना की ट्रैक्टर कैसा है इसमें कोई परेशानी तो नहीं है। मूल रूप से यह समाधान नहीं होगा। किसी गांव में ४० HP का ट्रेक्टर बहुत अच्छे से काम करता है तो आप वही खरीदते है।
ध्यान देने योग्य बात यह कि उपभोक्ता को अपनी उपयोगिता के अनुसार 5 HP ज्यादा लेना चाहिए। इससे हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि जब हमें 40 HP का ट्रेक्टर चाहिए और हमने 45 HP का लिया है तो इसको लेने में हमने २० से ३० हजार रूपये ज्यादा दिए है।
इससे फ़ायदा ये होगा की हमें आगे चलकर ट्रेक्टर बदलना नहीं पड़ेगा क्योंकि जब हम किसी भी प्रकार का इम्प्लीमेंट प्रयोग करते है तो जो 40 HP का ट्रेक्टर ज्यादा लोड पर चलेगा। वही इम्प्लीमेन्ट 45 HP के साथ आसानी से काम करेगा और इंजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा अगर कोई ट्रेक्टर ज्यादा लोड पर चलता है तो ट्रेक्टर लाइफ काम हो जाती है और 45 HP के ट्रेक्टर से वही इम्प्लीमेंट पर नुकसान पड़ सकता है। लेकिन ट्रेक्टर की लाइफ पर कोई नुकसान नहीं होता और जब कोई नया इम्प्लिनेन्ट मार्किट में आता है तो वह आसानी से चला सकता है इसलिए हमें हमेशा जरूरत से +5 HP ट्रेक्टर ही लेना चाहिए।
ड्राइवर कम्फर्ट
किसान भाई ड्राइवर कम्फर्ट पर ध्यान नहीं देते है और जब ट्रेक्टर को ८ से १० घंटे चलाते है तब पता चलता है कि उन्होंने उस समय ये बातों पर ध्यान नहीं दिया। ड्राइवर को बैठने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ब्रेक लगाने में कोई परेशानी तो नहीं होती है गियर बदलते समय कोई परेशानी तो नहीं होती है।