कोरोना से परेशान किसानो के लिये 30000 करोड़ का ऐलान
वित्त मंत्री ने सीतारमण ने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 9 घोषणाएं कीं, प्रवासी मजदूरों के लिए 3 और छोटे किसानों के लिए 2 ऐलान
प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चना दिया जाएगा, सरकार 3500 करोड़ खर्च करेगी
6 लाख से 18 लाख की सालाना आमदनी वालों को हाउसिंग लोन पर सब्सिडी अब अगले साल 31 मार्च तक मिलेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन राहत पैकेज का ब्रेकअप बताया। उन्होंने कुल 9 घोषणाएं कीं। इनमें से 3 घोषणाएं प्रवासी मजदूर, 2 छोटे किसानों और एक-एक घोषणा मुद्रा लोन, स्ट्रीट वेंडर्स, हाउसिंग और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी थी।
इन घोषणाओं से किन्हें फायदा
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67 करोड़ गरीब
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8 करोड़ प्रवासी मजदूर
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5.5 करोड़ किसान
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50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स
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37 लाख छोटे कारोबारी
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2.5 लाख मध्यम वर्गीय परिवार
एक घंटे 35 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री के 9 ऐलान
1) 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त राशन
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क्या मिलेगा - 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चना प्रति व्यक्ति दिया जाएगा।
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किसे मिलेगा - जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं हैं या जिनके पास राज्यों की तरफ से मिले गरीबी कार्ड नहीं हैं, वे भी मुफ्त अनाज ले सकेंगे।
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कैसे मिलेगा - केंद्र सरकार 3500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। राज्य सरकारों को इस पर सिर्फ अमल करना होगा।
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कब मिलेगा - कल से अगले दो महीने तक।
2) अगले तीन महीने में एक देश-एक राशन कार्ड
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किसे क्या मिलेगा - अभी तक प्रवासी मजदूरों और गरीबों को अपने राशन कार्ड के जरिए दूसरे राज्यों में जाने पर अनाज नहीं मिल पाता था। ऐसे गरीबों के लिए सरकार एक देश-एक राशन कार्ड लाएगी।
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कैसे मिलेगा - प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में भी कंट्रोल की दुकानों से राशन ले सकेंगे।
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कब मिलेगा - मार्च 2021 देशभर में एक देश-एक राशन कार्ड सुविधा शुरू हो जाएगी। लेकिन इससे पहले अगस्त तक 23 राज्यों में 67 करोड़ गरीबों को राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का फायदा मिलेगा। इस तरह अगस्त तक पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम का फायदा उठाने वाली 83% आबादी एक देश-एक राशन कार्ड के दायरे में आ जाएगी।
3) प्रवासी मजदूरों को कम किराए के मकान मिलेंगे
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क्या मिलेगा - प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम किराए के मकान की स्कीम लॉन्च होगी।
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किसे मिलेगा - प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को इसका फायदा मिलेगा।
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कैसे मिलेगा - पब्लिक-प्राइवेट-पाटर्नरशिप के जरिए सरकारी की फंडिंग वाली हाउसिंग स्कीम को इस स्कीम में बदला जाएगा। उद्योगपति, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स और संस्थानों को भी इसेंटिव दिए जाएंगे ताकि वे अपनी जमीनों पर अपनी यूनिट्स में काम करने वाले मजदूरों के लिए किराए के मकान बना सकें।
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कब मिलेगा - यह अभी तय नहीं है।
4) मुद्रा लोन लेने वालों को राहत
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क्या मिलेगा - छोटे कारोबारियों को कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्हें सरकार कर्ज पर लगने वाले ब्याज में 2% की छूट देगी।
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किसे मिलेगा - उन 37 लाख छोटे कारोबारियों को, जिनका कारोबार अभी शुरुआती दौर में है और जिन्होंने 50 हजार रुपए तक का कर्ज लिया है।
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कैसे मिलेगा - सरकार इसके लिए 1500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
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कब मिलेगा - जो कारोबारी तय वक्त पर कर्ज चुका रहे हैं, उन्हें अगले 12 महीने तक लगने वाले ब्याज में 2% की रियायत मिलेगी।
5) 6 लाख से 18 लाख की सालाना आमदनी वालों को हाउसिंग लोन पर सब्सिडी
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क्या मिलेगा - मई 2017 में सरकार मिडिल इनकम ग्रुप के लोगों के लिए हाउसिंग लोन लेने पर सब्सिडी की योजना लाई थी। अब तक इससे 3.3 लाख मध्यम वर्गीय परिवार को फायदा मिला है। पहले यह स्कीम 31 मार्च 2020 तक थी। इसे माैजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए जारी रखा गया है।
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किसे मिलेगा - ऐसे 2.5 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को, जिनकी सालाना आमदनी 6 लाख से 18 लाख रुपए तक है। इन्हें ब्याज में अलग-अलग छूट मिलेगी।
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कैसे मिलेगा - सरकार 70 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
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कब मिलेगा - 1 मार्च 2021 तक इसका फायदा ले सकेंगे। अनुमान है कि इससे हाउसिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। सीमेंट और कंस्ट्रक्शन मटेरियल की सप्लाई में तेजी आएगी।
6) 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5 हजार करोड़ रुपए
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क्या मिलेगा - स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए तक का स्पेशल क्रेडिट मुहैया कराया जाएगा ताकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए उनके पास कैश रहे।
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किसे मिलेगा - 50 लाख ऐसे स्ट्रीट वेंडर्स को, जिनकी आमदनी पर लॉकडाउन की वजह से असर पड़ा है।
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कैसे मिलेगा - अगर स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देते हैं तो उन्हें रिवॉर्ड मिलेंगे। अगर 10 हजार रुपए के एडवांस को चुकाने का उनका रिकॉर्ड अच्छा रहता है तो इसकी लिमिट भी बढ़ाई जाएगी। सरकार इस पर योजना पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
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कब मिलेगा - सरकार एक महीने के अंदर स्कीम लॉन्च करेगी।
7) 2.5 करोड़ किसानों के लिए 2 लाख करोड़
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क्या मिलेगा - किसानों को कम ब्याज दरों पर कर्ज की सुविधा मिलेगी। ब्याज दरों पर छूट कितनी होगी, यह अभी साफ नहीं है।
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किसे मिलेगा - 2.5 करोड़ किसान, मछुआरे और पशु पालने वाले इसका फायदा उठा सकेंगे।
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कैसे मिलेगा - यह फायदा किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए दिए हैं।
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कब मिलेगा - सरकार ने यह साफ नहीं किया है।
8) किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की मदद
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क्या मिलेगा - फसलों के लिए किसानों को कर्ज आसानी से मिले, इसके लिए सरकार नाबार्ड की मदद करेगी।
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किसे मिलेगा - 3 करोड़ छोटे-सीमांत किसानों को, जिनके पास पैसों का संकट रहता है। जिन किसानों के पास खेती के लायक 1 हेक्टेयर से कम जमीन होती है, ऐसे किसानों को सीमांत किसान कहा जाता है।
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कैसे मिलेगा - सरकार नाबार्ड के जरिए ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 30 हजार करोड़ रुपए मुहैया कराएगी। यह पैसा आगे जाकर 33 राज्यों की सहकारी बैंकों, 351 जिला सहकारी बैंकों और 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों मिलेगा।
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कब मिलेगा - सरकार ने यह साफ नहीं किया है।
9) आदिवासियों के रोजगार के लिए
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शहरी, गांवों और कस्बाई इलाकों में आदिवासियों के लिए रोजगार के मौके बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए सरकार 6000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जंगलों, वन्यजीवों की हिफाजत, पौधे लगाने, मिट्टी सहजने जैसे कामों में रोजगार दिए जाएंगे।
राहत पैकेज के अलावा किसानों के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम 31 मई तक बढ़ाने का फैसला
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सरकार ने छोटे किसानों के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम और वक्त पर कर्ज चुकाने पर इंसेटिव देने की स्कीम बढ़ा दी है। जो किसान 3 लाख रुपए तक का शॉर्ट टर्म लोन लेते हैं, उनका 2% ब्याज एक साल के लिए सरकार चुकाती है। इसी तरह अगर वे कर्ज समय पर चुकाते हैं तो उन्हें ब्याज में 3% की छूट दी जाती है। यह एक तरह की इंटरेस्ट सब्सिडी होती है। यह स्कीम 31 मई तक बढ़ा दी गई है।
2 महीने में 63 लाख किसानों को कर्ज दिया गया
एक मार्च से 30 अप्रैल के बीच 63 लाख किसानों को 86 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज मुहैया कराया गया है।
28 मार्च से शहरी इलाकों में बेघरों को तीन वक्त का खाना मुहैया कराया जा रहा है। 12 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर का सैनिटाइजर बनाया है।
जो मजदूर अपने घर लौटे हैं, वे वहीं रजिस्टर कर काम ले सकते हैं। मनरेगा के तहत औसत मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए हो गई है।
Source - www.bhaskar.com
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