10 Dec, 2020
भारत में ट्रैक्टर उद्योग कितनी तेजी से बढ़ रही है, इस बात से सभी लोग परिचित, एक तरफ जहां कारोना के कारण ज्यादातर उद्योग ठंडे पड़े रहे वहीं ट्रैक्टर उद्योग ने इस बार पहले से भी ज्यादा तेजी पकड़ी है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ट्रैक्टर इंडस्ट्री का एक और ट्रेंड जानने लायक है, पिछलों वर्षों से भारतीय किसान ज्यादा एचपी के ट्रैक्टर खरीदना अधिक पसंद कर रहे है।
आगे भी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ज्यादातर किसान ज्यादा ताक़त भर ट्रैक्टर की तरफ रुख करेंगे, जो कठिन से कठिन हालातों में बड़े से बड़े इंप्लीमेंट चलाने में सक्षम होते हैं।
वहीं ट्रैक्टर निर्माता 40 एचपी से ज्यादा पॉवर वाले ट्रैक्टरों की बढ़ती मांग को भुनाने के लिए उत्सुक हैं, जिससे उन्हें एक अच्छा-मार्जिन भी मिलता है।
40-50 एचपी ट्रैक्टरों की इस वर्ष हुई पहले से ज्यादा बिक्री:-
खेती व व्यावसायिक कामों के लिए उपयुक्त 40 से 50 एचपी पॉवर रेंज वाले ट्रैक्टरों की बिक्री घरेलू बाज़ार में इस वर्ष बड़ी है।
वित्त वर्ष 2021 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 41-50 एचपी ट्रैक्टरों की घरेलू बाजार में हिस्सेदारी बढ़ कर 50.8% हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2019 की इसी अवधि में यह लगभग 49.3% थी। इस बार कुल अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में 41 से 50 ट्रैक्टर श्रेणी में कुल 2,84,269 यूनिट की बिक्री हुई है।
ट्रैक्टर निर्माता और विशेषज्ञों का यह है कहना:-
ट्रैक्टर निर्माता 41 से 50 एचपी रेंज के भीतर ट्रैक्टरों की एक अधिक से अधिक वेरायटी ला रहे हैं। वे इन ट्रैक्टरों की बढ़ती मांग को भुनाने के लिए उत्सुक हैं, इसी के संबंध में जून में एस्कॉर्ट्स कंपनी के कॉरपोरेट हेड श्री भरत मदन जी ने बताया था किस तरह एस्कॉर्ट्स के भी अधिक एचपी वाले ट्रैक्टरों की बिक्री बढ़ रही है। उन्होंने कहा था “हमारे उत्पाद में ज्यादा एचपी ट्रैक्टरों की और अधिक महत्व दिया जा रहा हैं। हमारी कंपनी का 40 एचपी और उससे अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टरों की उत्पादन में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2015 में 47% के मुकाबले वित्त वर्ष में 51% हो गई है"।
एस्कॉर्ट्स कंपनी ने फार्मट्रैक पावरमैक्स सीरीज भी लॉन्च की है जो 47 एचपी से शुरू होती है और 55 एचपी तक जाती है।
अगर हम ट्रैक्टर मेनेफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष टीआर केशवन जी की माने तो यह ट्रेंड लंबे समय तक देखा जाएगा। उच्च ईंधन दक्षता और ज्यादा पॉवर लेने वाले उपकरणों के उपयोग में वृद्धि के कारण मध्यम से दीर्घावधि तक उद्योग में यह ट्रेंड देखा जा सकेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्सर्जन मानदंडों के अभिसरण के साथ, प्रीमियम सेगमेंट ट्रैक्टर (50 एचपी से ऊपर) की लागत में संभावित वृद्धि के कारण इनकी कीमत डेढ़ से दो लाख रुपए तक बढ़ सकती है, जिससे 41 से 50 एचपी श्रेणी का हिस्सा और अधिक विस्तारित होगा।
इस का मतलब उत्सर्जन मानदंडों के बाद जहां 50 एचपी से अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टरों की चाहे मांग कम हो जाए पर 41 से 50 एचपी श्रेणी के ट्रैक्टरों की बाज़ार में हिस्सेदारी बढ़ती रहेगी।
अगर आप उत्सर्जन मानदंडों के बारे में जानना चाहते है, जानना चाहते है इनके कारण कौनसे ट्रैक्टरों की बिक्री बंद हो जाएगी तो इस लिंक पर क्लिक करें:-
तो यह थी विशेष जानकारी 41 से 50 एचपी श्रेणी ट्रैक्टरों की बढ़ती मांग पर। ट्रैक्टर व किसानी संबंधी जानकारी के लिए जुड़े रहें TractorGyan के साथ।
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