06 Apr, 2021
1.वित्तवर्ष 21 में ट्रैक्टर इतिहास में एक नया मुक़ाम हासिल किया।
2.भारतीय ट्रैक्टर इतिहास में पहली बार लगभग 9 लाख ट्रैक्टर बेचे गये।
3.कोरोना काल में जहाँ दूसरी सभी इंडस्ट्री में गिरावट देखने को मिली तो वहीं ट्रैक्टर इंडस्ट्री ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया।
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया। बड़े-बड़े उद्योग ठप्प हो गए। कई कंपनियां घाटे में गई। भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ा। लेकिन ऐसे विपरीत दौर में भारतीय किसानों ने एक बार फिर साबित कर दिया की क्यों वह भारत की आत्मा है और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। जहां अन्य उद्योग घाटे में जा रहे थे तो वही कोरोना के इस दौर में ट्रैक्टर उद्योग ने अब तक का अपना सबसे जबरदस्त प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं वित्त वर्ष 2020-21 में ट्रैक्टर उद्योग ने क्या-क्या नए कीर्तिमान रच दिये।
घाटे की गारंटी था कोरोना काल,
पर ट्रैक्टर कंपनियों ने कर दिया कमाल, 9 लाख ट्रैक्टर बेच डाले इस साल!!!
भारतीय किसानों और ट्रैक्टर कंपनियों ने कमाल कर दिया जी! भारतीय किसानों ने वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 9 लाख (8,99,480) ट्रेक्टर खरीदें। साथ ही भारतीय ट्रैक्टर कंपनियों ने 88,563 ट्रैक्टर विदेशों में भी बेचे।
अगर पिछले साल से इसकी तुलना की जाए तो वर्ष 2019-20 की तुलना में घरेलू बाजार में 26.9% और निर्यात में 16.4% की वृद्धि हुई। जो कि कोरोना काल जैसी विपरीत परिस्थिति को देखते हुए आश्चर्यजनक है।
आइए देखें कि विभिन्न ब्रांडों ने इस अवसर को कैसे लिया और 2020-21 में उनका प्रदर्शन कैसा रहा।
महिंद्रा समूह(महिंद्रा,स्वराज और ट्रैकस्टार)
Mahindra Group(Mahindra, Swaraj and Trakstar)
वित्तवर्ष 2020-21 महिंद्रा के लिए एक अविश्वसनीय वर्ष रहा है क्योंकि इसमें महिंद्रा समूह ने कुल 3,54,498 ट्रैक्टरों की बिक्री की और 35.88% बाजार शेयरों के साथ भारत में नंबर 1 ट्रैक्टर ब्रांड कहलाने वाले महिंद्रा ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली।
इस साल महिंद्रा ने घरेलू बाजार में 3,43,833 ट्रैक्टर बेचे, जबकि 10,665 ट्रैक्टर निर्यात किये।
इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में महिंद्रा ने कुल 17.4% की वृद्धि दर्ज की।
साथ ही आपको बता दे कि महिंद्रा समूह के अकेले महिंद्रा ट्रैक्टर ने दो लाख से ज्यादा ट्रैक्टर बेच कर एक नया कीर्तिमान रच दिया है और ऐसा ट्रैक्टर उद्योग में पहली बार हुआ है।
टेफे (आईसर और मेसी)
TAFE (Massey Ferguson and Eicher)
वित्त वर्ष 2020-21 में भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ टेफे भारत की दूसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी बनी हुई है।
इस वर्ष TAFE का मार्केट शेयर 18.22% रहा।वित्तीय वर्ष 2020-21 में TAFE ने कुल 1,80,033 ट्रैक्टरों बिक्री की।
टेफे ने भारत में 1,65,802 ट्रैक्टरों की कुल बिक्री की और 14,231 ट्रैक्टरों की निर्यात पर बिक्री हुई।
TAFE ने घरेलू और विश्व बाजार दोनों में एक साल पहले की तुलना में 35.6% की कुल वृद्धि के साथ भारी विकास दिखाया है।
सोनालिका(सोनालिका और सोलिस्)
Sonalika (Sonalika and Solis)
वित्तीय वर्ष 2020-21 में सोनालिका ने 14.12% मार्केट शेयर के साथ पिछले वर्ष की तुलना में अपनी बिक्री में कुल 38.1%
इस वर्ष सोनालिका ने घरेलू बाजार में 1,17,503 ट्रैक्टर बेचे, जबकि 22,023 ट्रैक्टरों का सफलतापूर्वक निर्यात कर इसे निर्यात के मामले में भारत की नंबर 1 ट्रैक्टर कंपनी बना दिया।इससे पता चलता है कि सोनालिका ट्रैक्टर भारत में ही नहीं दुनिया भर में कैसे पसंद किए जाते हैं।
इसके परिणामस्वरूप सोनालिका ने कुल 1,39,526 ट्रैक्टरों कि बिक्री की।
एस्कॉर्ट्स (Escorts)
एस्कॉर्ट्स ने वित्त वर्ष 2020-21 में कुल बाजार के शेयरों का 10.80% देकर 1,06,741 ट्रैक्टरों की बिक्री की।
पिछले वर्ष की तुलना में ESCORTS ने इस वर्ष 24.1% की कुल वृद्धि दिखाते हुए फिर से चौथे स्थान पर अपना कब्जा कर लिया है।
एस्कॉर्ट्स ने 1,01,849 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री की और 4,893 ट्रैक्टरों का निर्यात किया।
साथ ही आपको बता दें कि एस्कॉर्ट के ट्रैक्टर इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि उसने भारत में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर बेचे।
JOHN DEERE जॉन डिअर
जॉन डिअर ने वित्त वर्ष 2020-21 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 1,01,783 ट्रैक्टर की बिक्री की। इसने 2019-20 की तुलना में 2020-21 में 20.9% की कुल वृद्धि दिखाई है, साथ ही 85,610 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री और 16,173 ट्रैक्टरों का निर्यात किया है। वित्त वर्ष 2020-21 में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय कंपनी जोन डिअर कुल बाजार शेयरों का 10.30% हिस्सा हासिल करने और भारतीय बाजार में अपना ब्रांड नाम बनाने में सफल रही है।
न्यू हॉलैंड (New holland)
इस बार न्यू हॉलैंड ने अपने लगातार प्रयासों के साथ 2019-20 की तुलना में इस साल कुल 32.8% की भारी वृद्धि दिखाने में कामयाबी हासिल की है, साथ ही बाजार शेयरों में कुल 4.87% हिस्सेदारी रही।
न्यू हॉलैंड ने इस वर्ष कुल 48,108 ट्रैक्टरों की बिक्री की। जिसमें से उसने 35,828 ट्रैक्टर भारत में बेचे।
कुबोटा (Kubota)
कुबोटा एक और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड है जिसने इस वर्ष भारतीय बाजार में बहुत अच्छी वृद्धि दिखाई है। इसने 2019-20 की तुलना में 2020-21 के दौरान 30.1% की कुल वृद्धि हासिल की है। शक्तिशाली इंजनों से भरे अपने उन्नत ट्रैक्टरों के साथ, कुबोटा इस साल कुल 16,809 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री करने में सफल रहा है और साथ ही इस अवधि के दौरान भारतीय किसानों का विश्वास हासिल करने में भी सफल रहा है।
वीएसटी शक्ति(VST Shakti)
यह ब्रांड एक छोटा हो सकता है लेकिन इसने 2019-20 की तुलना में इस वर्ष बिक्री में 23.7% की अविश्वसनीय वृद्धि दिखाई है जिसे निश्चित रूप से सराहा जाना चाहिए।
वीएसटी इस साल तालिका में आठवें स्थान पर रहा और इसने 0.89% की भागीदारी के साथ 8,835 ट्रैक्टरों की बिक्री की है, जिसमें 8,160 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री और 675 ट्रैक्टरों का निर्यात शामिल है।
Same Deutz Fahr
यह वर्ष DEUTZ FAHR के लिए थोड़ा निराशाजनक रहा। जहां अन्य ट्रैक्टर कंपनियों ने धमाकेदार वृद्धि की है वहीं पिछले साल के मुकाबले Same Deutz Fahr की वृद्धि दर में -3.1% की गिरावट आई।
इस अवधि में DEUTZ FAHR ने 2,418 की घरेलू बिक्री और 5,640 निर्यात सहित कुल 8,058 ट्रैक्टरों की जिसके परिणामस्वरूप उसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 0.82% रही।
प्रीत (PREET)
यह वर्ष प्रीत के लिए अविश्वसनीय रूप से अच्छा रहा क्योंकि प्रीत ने इंडोफार्म, कैप्टन और फोर्स मोटर्स को पीछे छोड़ दिया और वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष
2020-21 के दौरान 175.6% की भारी वृद्धि दिखाई।
प्रीत 2020-21 के दौरान कुल 6,900 ट्रैक्टरों को बेचने में कामयाब रहा, जिसमें घरेलू बाजार में 6,014 और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 886 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई। Preet ने कुल बाजार के शेयरों का 0.70% हिस्सा हासिल किया।
इंडो फर्म(Indo farm)
वित्त वर्ष 2020-21 में इंडोफार्म ने घरेलू बाजार में 4,611 और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 563 सहित कुल 5,174 ट्रैक्टर बेचे। इसके परिणामस्वरूप 2019-20 की तुलना में कंपनी की कुल वृद्धि 55.9% रही।
2020-21 में कंपनी की हिस्सेदारी कुल 0.52% रही।
कैप्टन (Captain)
वित्त वर्ष 2020-21 में कैप्टन ट्रैक्टर कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन दिखाते हुए पिछले वर्ष के मुकाबले 45.2% प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।कैप्टन ने 4,446 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री और 260 ट्रैक्टरों का निर्यात कर के कुल 4,706 ट्रैक्टरों की बिक्री की।
2020-21 में कैप्टन की कुल बाजार हिस्सेदारी 0.48% रही।
फोर्स ट्रैक्टर्स (Force Tractors)
फोर्स मोटर्स ने घरेलू बाजार में 2020-21 के दौरान कुल 4004 ट्रैक्टर बेचे हैं। 2020-21 में 2019-20 की तुलना में 23.2% की अच्छी वृद्धि दर्ज की। जबकि कुल बाजार हिस्सेदारी का 0.41% रही।
फोर्स ट्रैक्टर्स के लिए निराशाजनक बात यह रही की कंपनी निर्यात में पूरी तरह से असफल रही।
ऐस (Ace Tractors)
ऐस भारतीय ट्रैक्टर बाजार में एक छोटा ब्रांड नहीं है,ऐस ट्रैक्टर ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में बेहतरीन काम किया है। Ace ने 2,591 ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री और 274 ट्रैक्टरों की अंतरराष्ट्रीय बिक्री सहित कुल 2,865 ट्रैक्टरों की बिक्री की।बिक्री में 2019-20 की तुलना में इस वर्ष 27.8% की वृद्धि हुई है और इससे ऐस को 0.29% की बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिली है।
तो कुल मिलाकर यह वित्तीय वर्ष ट्रैक्टर उद्योग के इतिहास में बहुत ही शानदार रहा।
इसने ना सिर्फ ट्रैक्टर उद्योग को सफलता की नई बुलंदियों पर पहुंचाया बल्कि भविष्य में ट्रैक्टर उद्योग के लिए नए-नए द्वार खोलकर भी गया है।
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