ट्रैक्टर के विभिन्न 08 प्रकार और कृषि एवं उद्योगों में उनकी उपयोगिता
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अगर किसान के हाथ कृषि को संभव बनाते हैं तो ट्रैक्टर एक ऐसी मशीन है जो किसान को कृषि से जुड़े काम को सफलतापूर्वक अंजाम देने का काबिल बनती है। बिना एक आधुनिक ट्रैक्टर के एक किसान कभी भी सशक्त नहीं बन सकता है। जब ट्रैक्टर कृषि के लिए इतना ज़रूरी है तो इसके बारे में सही जानकारी होना किसान के लिए बहुत ही ज़रूरी हैं।
ज्यादातर किसान सिर्फ ट्रैक्टर की एचपी, उसकी कीमत, और उसकी इंधन क्षमता पर ही ध्यान देते हैं। वो यह जानना ज़रूरी ही नहीं समझते कि उनके पास कितने तरह के विकल्प है। जी हाँ ! अपनी उपयोगिता के आधार पर, ट्रैक्टरो को कईं श्रेढियों में बांटा गया हैं और अगर आप एक किसान है और एक सही ट्रैक्टर को खरीदने की आशा रखतें हैं तो आपका यह जानना बहुत ज़रूरी हैं कि ट्रैक्टरो के कितने प्रकार होते हैं।
इस लेख के ज़रिए हम आपको आज इसी विष्य में जानकारी देना चाहते है। तो चलिए जानते है ट्रैक्टरो के प्रकार और उनकी उपयोग।
ट्रैक्टर के आठ प्रकार और उनकी कृषि में उपयोगिता
ट्रैक्टर के रोजमर्रा के कामों के लिए कई प्रकार के ट्रैक्टर उपयोगी होते हैं। यहां कुछ प्रमुख ट्रैक्टरो के प्रकार दिए गए हैं जो किसानों का हर कदम पर साथ देकर उनके आगे बढ़ने में सहायता करतें हैं।
#1- यूटिलिटी ट्रैक्टर (Utility Tractors)
सबसे सामान्य ट्रैक्टर प्रकार है यूटिलिटी ट्रैक्टर जिनका इस्तेमाल आमतौर पर किसान ही करते हैं। खेतों में इनका इस्तेमाल बुवाई के लिए व ढूलाई के लिए किया जाता है। इनका इस्तेमाल मुख्य तौर से यंत्रों को बांध के उन्हें मिट्टी के ऊपर खींचने के लिए किया जाता है, कटाई के समय भी ये हार्वेस्टर, थरेशर आदि यंत्रों के साथ उपयोग में लिए जाते हैं और ढुलाई का कार्य तो इनसे आप कर ही सकते हैं।
इस भाँति के ट्रैक्टर ज्यादातर 40-45 एचपी वाले होते हैं और ट्रैक्टर की एचपी के आधार पर इनको फिर से बांटा जाता है। जैसी कि 40 एचपी से कम पॉवर वाले ट्रैक्टर को कॉम्पैक्ट यूटिलिटी ट्रैक्टर कहा जाता है और इनका उपयोग छोटे क्षेत्रों में खेती के लिए किया जाता हैं। ऐसे ट्रैक्टर अधिकतर सीमित यंत्रों के साथ ही काम कर पातें हैं। 45 एचपी वाले ट्रैक्टरो को बड़े या हाई-ड्यूटी यूटिलिटी ट्रैक्टर के नाम से भी जाना जाता है। यें ट्रैक्टर कृषि से जुड़े कठिन कार्यों के लिए डिज़ाइन किए जातें है।
यूटिलिटी ट्रैक्टर के लाभ:
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इनका उपयोग खेत पर कई प्रकार के कार्य जैसे जुताई, रोपण, कटाई, और ढुलाई को अन्जाम देने के लिए किया जा सकता हैं।
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अधिक हॉर्स पावर इंजन की वजह से यें भारी भार को संभालने में सक्षम होते हैं।
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यूटिलिटी ट्रैक्टरों को हल, टिलर, घास काटने की मशीन, लोडर और स्प्रेयर जैसे विभिन्न उपकरणों के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।
यूटिलिटी ट्रैक्टर के नुकसान :
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यूटिलिटी ट्रैक्टर काफी महंगे हो सकते हैं।
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इनमे ईंधन की अधिक खपत होती है।
#2- ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर (Orchard Type Tractors)
ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर को वाइनयार्ड ट्रैक्टर या नैरो ट्रैक्टर के रूप में भी जाना जाता है। इनका उपयोग विशेष रूप से अंगूर के बागों और अन्य संकीर्ण-पंक्ति वाली फसलों के कार्यो में किया जाता है। इन ट्रैक्टरों की विशेषता उनका कॉम्पैक्ट आकार है जो उन्हें पेड़ों या लताओं की पंक्तियों जैसी तंग जगहों में भी प्रभावी ढंग से काम करने के लिए उचित बनाता है।
ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर में एक संकीर्ण फ्रेम और उच्च ग्राउंड क्लीयरेंस होता है। इन ट्रैक्टरो को टाइट टर्निंग रेडियस के साथ बनाया जाता है, जो उन्हें तेजी से मुड़ने के सक्षम बनाता है। कई बड़ी ट्रैक्टर कंपनियां शानदार ऑर्चर्ड ट्रैक्टर बनाते हैं, इनमें सबसे लोकप्रिय फोर्स का ऑर्चर्ड डीएलएक्स ट्रैक्टर है।
ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर के लाभ:
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उनका कॉम्पैक्ट आकार और गतिशीलता छोटी कृषि भूमि के लिए उचित है।
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इन पेड़ों, लताओं या फलों को नुकसान पहुँचाए बिना काम करने की क्षमता रखतें हैं।
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इनका उपयोग छंटाई, छिड़काव, घास काटने, खाद डालने और कटाई सहित कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है।
ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर के नुक्सान:
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अन्य ट्रैक्टरों की तुलना में इनकी कार्यक्षमता सीमित होती है।
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इनका उपयोग भारी-भरकम कार्यों को संभालने या बड़े उपकरणों को संचालित करने के लिए नहीं किया जा सकता है ।
#3- अर्थ मूविंग ट्रैक्टर (Earth Moving Tractors)
अर्थ मूविंग ट्रैक्टर, जिन्हें बुलडोजर या क्रॉलर ट्रैक्टर के रूप में भी जाना जाता है, भारी-भरकम ट्रैक्टर होतें हैं जिनका उपयोग विशेष रूप से अर्थ-मूविंग और भूमि विकास कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऐसे ट्रैक्टर उच्च एचपी क्षमता के साथ आते हैं और बड़ी मात्रा में मिट्टी, मलबे, चट्टानों और अन्य सामग्रियों को धकेलने या स्थानांतरित करने में सक्षम होते हैं।
अर्थ मूविंग ट्रैक्टर काफी मजबूत और अत्यधिक भारी होते हैं, और वे टायर और ट्रैक दोनों प्रकार के होते हैं। वे कई अन्य कार्यों के अलावा, बेसमेंट और नए निर्माण के लिए गड्डे खोदने के लिए मिट्टी को स्थानांतरित करते हैं। उनका उपयोग गंदगी, मलबे, चट्टानों, मिट्टी, या यहां तक कि लकड़ी जैसी चीजों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। बुलडोजर, बैक हो लोडर (जेसीबी) आदि कुछ जाने पहचाने अर्थ मूविंग ट्रैक्टर हैं।
अर्थ मूविंग ट्रैक्टर के फायदे :
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ऐसे ट्रैक्टर भारी-भरकम कार्यों को संभालने में सक्षम होते हैं।
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इनका उपयोग उत्खनन, समतलन, ग्रेडिंग, बैकफ़िलिंग और साइट की तैयारी से जुड़े कामो के लिए किया जा सकता है।
अर्थ मूविंग ट्रैक्टर के नुकसान:
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यें ट्रैक्टर खरीदने और रखरखाव के लिए महंगी मशीनें हैं।
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अपने भारी निर्माण और शक्तिशाली इंजनों के कारण इन ट्रैक्टरों की यात्रा गति अन्य प्रकार के ट्रैक्टरों की तुलना में धीमी होती है।
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इन ट्रैक्टरों के शक्तिशाली इंजन काफी मात्रा में ईंधन की खपत करते हैं।
#4- रो क्रॉप ट्रैक्टर (Row Crop Tractor)
रो क्रॉप ट्रैक्टर को खेतों में फसल की सीधी लाइन में सटीक बुआई और उसके रखरखाव के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक लाइन में फसल जहां होती है, ये ट्रैक्टर फसलों को इतनी चौड़ी पंक्तियों में बो सकता है। इनकी मदद से खेती करके आप अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करते हैं और अपने ज्यादा रिटर्न मिलता है। रो क्रॉप ट्रैक्टर का उपयोग पावर-हैरोइंग, स्पीड डिस्किंग, सीडिंग और सबसे महत्वपूर्ण छिड़काव के लिए किया जा सकता है। इस तरह के ट्रैक्टरों में जॉन डियर, ऑटोट्रेक तकनीक लेकर आया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।
रो क्रॉप ट्रैक्टर के फायदे :
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ऐसे ट्रैक्टर गन्ना, मक्का, सोयाबीन, चावल, गेहूँ, आदि फसलों के पैदावार के लिए बहुत उपयोगी हैं ।
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रो क्रॉप ट्रैक्टर में विस्तारित ब्रिज वाले टायर होते हैं जिससे इन ट्रैक्टरो में अधिक स्थिरता होती हैं।
रो क्रॉप ट्रैक्टर्स के नुक्सान :
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इनका उपयोग चौड़ी पंक्ति वाले खेतो में नहीं किया जा सकता है।
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अपने लंबे व्हीलबेस और बड़े आकार के कारण इन ट्रैक्टरों को तंग जगहों या संकीर्ण रास्तों में दिक्कत होतीं हैं।
#5- गार्डन ट्रैक्टर (Garden Tractors)
गार्डन ट्रैक्टर बहुमुखी मशीनें हैं जिन्हें छोटे से मध्यम आकार के बगीचों और लॉन के रखरखाव और प्रबंधन के लिए डिज़ाइन किया गया है।यह मिनी ट्रैक्टर (mini tractor) होते हैं सबसे छोटे ट्रैक्टर होते हैं पहले केवल 10 एचपी तक ही आते थे अब 20 एचपी तक भी यह ट्रैक्टर आते हैं।
किसी भी बगीचा के सभी छोटे बड़े कामों की है यह ट्रैक्टर उपयुक्त होते हैं। कई बडी ट्रैक्टर कंपनी इस तरह के ट्रैक्टर बनाते हैं जिनमें वह हर तरह फीचर्स भी रखती हैं, जैसे आपको यूटिलिटी ट्रैक्टर और कॉम्पैक्ट यूटिलिटी ट्रैक्टर में देखने को मिलते हैं।
गार्डन ट्रैक्टर के फायदे:
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गार्डन ट्रैक्टर शक्तिशाली इंजनों के साथ आते हैं तो किसानो को पर्याप्त हॉर्सपावर और टॉर्क मिलता है जिसके चलते वे बड़े क्षेत्रों में आसानी से घास काट सकते हैं और भारी सामान खींच सकते हैं ।
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इन ट्रैक्टरो में लॉन ट्रैक्टरों की तुलना में व्यापक कटिंग डेक होते हैं, जो उन्हें कम समय में बड़े क्षेत्रों को कवर करने में सक्षम बनाते हैं।
गार्डन ट्रैक्टर के नुक्सान:
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इनका उपयोग बहुत ही सीमित होता है।
#6- दो और तीन पहिया ट्रैक्टर (Two and three wheeled tractor)
ट्रैक्टर में एक अलग प्रकार उभर कर आता है पहियों की संख्या के कारण चार पहिए वाले ट्रैक्टर तो आमतौर पर इस्तेमाल किए ही जाते हैं। इनके अलावा तीन पहिए वाले और दो पहिए वाले ट्रैक्टर भी होते हैं।
दो-पहिया ट्रैक्टर में दो पहियों के साथ एक एकल धुरी और नियंत्रण के लिए एक हैंडलबार होता है। ऑपरेटर ट्रैक्टर के पीछे चलता है और उसे खेत में घुमाता है।
तीन पहिया ट्रैक्टर की बात की जाए तो पूर्व में इनका चलन काफी था, आज भी कई कंपनियां और कई जुगाड़ू किसान इस तरह के तीन पहिए ट्रैक्टर बनाते हैं, इनमें मोटरसाइकिल से जुगाड़ से बनाया गया ट्रैक्टर भी शामिल है।
तीन-पहिए वाले ट्रैक्टरों में आगे एक पहिया और पीछे दो पहिये होते हैं, साथ ही ऑपरेटर के लिए एक हैंडलबार या सीट होती है। वे अक्सर दो-पहिया ट्रैक्टरों की तुलना में अधिक स्थिर होते हैं।
क्या आपने तीन पहिए वाला ट्रैक्टर देखा है?
आपको यह भी बता दें कुछ ट्रैक्टर बिना पहियों के होते हैं, इन्हें ट्रैक ट्रैक्टर कहा जाता है, यह किसी भी सतह पर चल सकते हैं।
दो और तीन पहिया ट्रैक्टर के फायदे:
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इनका उपयोग जुताई, खेती, रोपण, कटाई और हल्के भार के परिवहन जैसे विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है। विशिष्ट कार्य के आधार पर उन्हें विभिन्न उपकरणों के साथ फिट किया जा सकता है।
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इन्हे संचालित करना और इनका रखरखाव करना सरल है।
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बड़े ट्रैक्टरों की तुलना में इन ट्रैक्टरों की लागत कम होती हैं।
दो और तीन पहिया ट्रैक्टरों के नुकसान:
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बड़े ट्रैक्टरों की तुलना में इनमे सीमित शक्ति और क्षमता होती है।
#7- ड्राइवर लैस ट्रैक्टर (Driverless tractor)
तकनीकी उन्नता के कारण आज हमें ट्रैक्टरों में कई नए प्रकार भी देखने को मिल रहें हैं। ड्राइवर लैस ट्रैक्टर वह ट्रैक्टर होते हैं जिन्हें चलाने के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती यह ट्रैक्टर अपने आप ही चलते हैं। इन्हें ऑटोमैटिक ट्रैक्टर भी कहा जाता है क्योंकी इनमें वो सभी तकनीकि विशेषताएं होती हैं जिनके ज़रिए ट्रैक्टर में हर काम अपने आप होता है। जीपीएस सिस्टम, सैटेलाइट रिसीवर, टच स्क्रीन, कई प्रकार के सेंसर और स्मार्ट फोन जैसी तकनीकों के ज़रिए यह सब संभव हो पाया है।
आज कई नामी कंपनियां इस तरह की तकनीक को प्रोढ़ कर ऑटोमेटिक ट्रैक्टर बनाने की जुगत में लगी है। महिंद्रा अपने ड्राइवर लैस ट्रैक्टर के साथ सबसे आगे नजर आती है।
ड्राइवर लैस ट्रैक्टर के फ़ायदे:
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इनके उपयोग के लिए मानव ऑपरेटर की आवश्यकता को नहीं होती हैं।
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ये ट्रैक्टर बिना आराम किए, दिन-रात लगातार काम कर सकते हैं।
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उन्नत सेंसर सिस्टम के साथ, चालक रहित ट्रैक्टर बाधाओं का पता लगा सकते हैं और उनसे बच सकते हैं।
ड्राइवर लैस ट्रैक्टर के नुकसान:
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यें काफी महंगे होते हैं।
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इनको नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है।
#8- इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर (Industrial tractor)
इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर वह ट्रैक्टर हैं जिन्हें कृषि के लिए नहीं बल्कि पूरी तरह से इंडस्ट्री के कामों के लिए ही तैयार किया गया है। यह ट्रैक्टर मुख्य रूप से गड्ढा खोदने व ढुलाई आदि के कार्यों लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कृषि के अलावा अन्य उद्योगों में भी ट्रैक्टर की हमेशा से जरूरत रही है, लकड़ी आदी सामान ढोना हो, कहीं गड्डे खोदना हो, लोडर के जरिए कोई सामान स्थानांतरित करना हो या या किसी भारी वाहन को खींचना हो।
आपको जानकर अचरज होगा कि इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर का इस्तेमाल तो एयर फोर्स के विमानों को खीचने के लिए और मिलिट्री में बंदूक व आर्टलरी ढोने के लिए भी किया जाता रहा है। ऐसे में इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर ज्यादा ताकत के साथ और उन्नत फीचर्स के साथ इस तरह के कार्यों को आसानी से कर जाते हैं।
जॉन डियर, फोर्ड और एस्कॉर्ट्स जैसी कंपनियां इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर बनाती हैं, जिनमें कृषि के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टरों से अलग फीचर्स होते हैं और टायर व सीटिंग व्यवस्था के कारण कई दफा या ट्रैक्टर दिखने में भी बहुत अलग होते हैं।
इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर के फायदे:
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इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर उच्च-अश्वशक्ति इंजन के साथ आते है जो अधिक शक्ति और टॉर्क प्रदान करते हैं।
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उनका उपयोग सामग्री प्रबंधन, उत्खनन, अर्थमूविंग, ग्रेडिंग, निर्माण और अन्य भारी-भरकम कार्यों के लिए किया जा सकता है।
इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर के नुक्सान:
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अपने बड़े आकार और वजन के कारण, औद्योगिक ट्रैक्टरों को सीमित या संकीर्ण स्थानों तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पातें हैं।
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इनमे ईंधन की खपत ज्यादा होती हैं।
तो यहां हमने बताया की मुख्य रूप से कितने प्रकार के ट्रैक्टर होते हैं, इनके अलावा भी ट्रैक्टरों को कई फीचर्स के आधार पर बांटा जा सकता है। ईंधन के आधार पर भी हम अगर देखें तो अलग-अलग प्रकार के ट्रैक्टर आजकल बाजार में देखने को मिलेंगे। अब तक जहां डीजल इंजन वाले ट्रैक्टर इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, आज बाजार में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) का भी चलन बढ़ा है और अब तो सीएनजी ट्रैक्टर (CNG tractor) भी आ गया है।
कौन सा ट्रैक्टर हैं आपके लिए सही?
जैसा कि इस लेखा से पता चलता है , किसानो के पास चुनने के लिये कईं तरह के ट्रैक्टर है। हर एक प्रकार एक विशेष मकसद के साथ आता है और किसानो को अलग तरह से कृषि कार्यों में मदद देता है। किसानो को किसी भी नतीजे पर पहुँचने से पहले अपनी ज़रूरतों को ध्यान में रखना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि कौन सा ट्रैक्टर उनको किस तरह की मदद पहुँचा सकता हैं। इसी आधार पर एक सही ट्रैक्टर का चुनाव मुमकिन हैं।
ट्रैक्टर और कृषि जगत की और भी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ट्रैक्टर ज्ञान से जुड़े रहिये।
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