किसानो को मिलेगी प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप पर 75% की सब्सिडी | ट्रैक्टरज्ञान
बढ़ते डीजल पेट्रोल के दाम की वजह से किसानों के फसल उत्पादन के दाम में भी वृद्धि हुई है. सिंचाई के लिए पम्प में डीजल और पेट्रोल भरने के लिए पड़ने वाली लागत अधिक होती है जिससे किसान को भारी मात्रा में पैसा व्यय करना होता है. फसल की लागत बढ़ती है और मुनाफे में कमी आती है. इसके लिए सरकार नई परियोजना लेकर आई है.
भारत में कई ऐसे राज्य है जहां बहुत अधिक सुखा पड़ता है और किसानों को सूखे से नुकसान उठाना पड़ता है. इस बात का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने कुसुम योजना (kusum yojana) को शुरू किया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को मुफ्त में बिजली उलब्ध करवाना है. इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा प्रदान की जाती है. जिससे वजह अपने खेतों की अच्छे से सिंचाई कर सकें. इस कुसुम योजना (PM KUSUM) के जरिए किसान को दोहरा फायदा होगा. इसके साथ ही उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी.
कृषि गतिविधियों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से सौर पंपों पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है. सरकार ने किसानों को राहत देते हुए बड़ी पहल की है जो राज्य के किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी. राज्य में पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर वाटर पम्पिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस योजना के तहत प्रदेश में पचास हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य है. दरअसल राज्य सरकार किसानों की बिजली-पानी सम्बन्धी समस्याओं को दूर करना चाहती है इसलिए पीएम कुसुम योजना के तहत यह पहल की गई है.
हरियाणा में केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना (PM KUSUM YOJANA) लॉन्च कर दी गई है जो किसानों के जीवन में खुशहाली
लेकर आएगी. कृषि कार्यों के दौरान बिजली बचत करने और्किसानों के बिजली खर्च को कम करने के साथ ही सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है.
यह योजना खास किसानों के लिए जिसे किसानों की आय बढ़ाने के लिए अहम हिस्सा माना गया है. इस योजना के अनुसार हरियाणा में 10 हजार मेगावाट का डिसेंट्रलाइज्ड ग्राउंड माउंटेड ग्रिड स्थापित किया जाएगा जो विभिन्न सोलर प्लांटों से कनेक्टेड होगा. हरियाणा सरकार ने इस प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (Kisan Urja Suraksha Utthaan Maha Abhiyaan) का लाभ किसानों तक कैसे पहुंचेगा और इसका सेटअप कैसे और कहाँ किया जाएगा इसके लिए काम करना शुरू कर दिया है.
हरियाणा सरकार ने राज्य में सौर उर्जा को बढ़ावा देने का रोडमैप तैयार किया है इसके अंतर्गत सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप लगाने के लिए सरकार ने किसानों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. सोलर पम्प स्थापित करने के लिए राज्यस रकार की तरफ से 45 फीसदी और केंद्र की तरफ से 30 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इस तरह कुल 75 प्रतिशत सब्सिडी हासिल कर किसान मात्र 25 प्रतिशत खर्च में सोलर पम्प लगा सकते है. इससे उनके सिंचाई के खर्च में भारी कमी आएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार प्रदेश सरकार की यह योजना किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काफी उपयोगी साबित हो सकती है.
इस योजना के अंतर्गत इस ग्रिड को जिन सोलर प्लांटों से जोड़ा जाएगा वे 500 किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट क्षमता के होंगे. इसके लिए पहले चरण में केंद्र सरकार ने उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 10 मेगावाट और दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम को 15 मेगावाट की स्वीकृति दी है.
इसी योजना के अनुसार किसानों के खेतों में 17.50 लाख नए स्टेंड एलॉन सोलर पॉवर्ड एग्रीकल्चर पम्प स्थापित करने का लक्ष्य है. इसी के अनुसार हरियाणा में पहले से लगे 10 लाख ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पम्पों का सोलराइजेशन भी किया जाएगा ताकि राज्य में पूरी तरह से किसानों के एग्रीकल्चर पम्प सौर ऊर्जा पर आधारित हो जाएं. केंद्र सरकार इसके लागत खर्च में 30 फीसदी तक मदद करेगा. साथ ही 30 फीसदी खर्च राज्य सरकार को करना होगा.
खर्च का 30 प्रतिशत राज्य सरकार बैंक लोन ले सकती है और शेष दर फीसदी खर्च किसान को वहन करना पड़ेगा. किसानों को इस योजना के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा इसके लिए दो पम्प बतौर डेमो पहला पांच हॉर्स पॉवर का यमुनानगर के मारुपुर फीडर के अंतर्गत और दूसरा दस हॉर्स पावर का करनाल के बाइनाफीडर के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा. भविष्य में इस योजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी रिपोर्ट के लिए डिस्कोम ही जवाबदेह होगा.
बता दें वर्ष 2014 तक केवल 492 सोलर पम्प ही राज्य में लगवाए गए थे. वहीं उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोलर पम्प की परियोजना को गंभीरता से लेते हुए पहले चरण में पचास हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य रखा है. पिछले सात सालों में 25 हजार 897 सोलर पम्प सेट लगाए गए है. वर्ष 2021-22 में 22 हजार पम्प लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था इसमें से अभी तक 15 हजार पम्प सेट प्रदान किये जा चुके है. शेष बचे पम्प मार्च 2022 तक देने में सरकार प्रयासरत है. इसके साथ ही वर्ष 2022-23 में 50 हजार नए सोलर पम्प लगाए जाएंगे. भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां वर्ष के दौरान अधिकतम सूर्य की रौशनी मिलती है जो कि सौर ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत है.
सोलर वाटर पम्प सेट योजना में लाभ लेने के लिए हरियाणा निवासी किसान आवेदन कर सकते हैं. आपको बता दें कि पीएम कुसुम योजना में लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते है. इसके बाद अधिकृत फर्म से सोलर वाटर प,पम्प खरीदकर आने खेत में लगा सकता है. सभी सोलर वाटर पम्प की कीमत लगभग समान ही होती है. किसान को केवल 25 प्रतिशत राशि ही जमा करानी होगी. इसकी अधिक जानकारी के लिए हरियाणा सरकार की ऑफिसियल साईट पर भी सम्पर्क कर सकते है.
योजना के तहत 75 फीसदी सब्सिडी दे एजाती है. इसमें तीस फीसदी केंद्र सरकार के ओर से और 45 फीसदी सब्सिडी राज्य सरकार की ओर से दी जाती है. सोलर पम्प लगाने के लिए किसानों को सिर्फ 25 फीसदी राशि का भुगतान करना होता है. इन पम्पों को लगाने का पर बीमा कवर भी मिलता है. सोलर पम्प से सिंचाई करने का खर्च कुछ भी नहीं आता है क्योंकि यह सौर ऊर्जा से चलता है|
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