धान की बुबाई में किसान इस मशीन से बचाए लाखो रुपये:- कम लागत में अधिक आय का वादा!
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राइस ट्रांसप्लांटर मशीन धान की खेती करने वाले किसानों के लिए लेबर को बचने और और आय को बढ़ाने का एक सटीक और सरल तरीका है। इसके जरिये किसान कम समय में अधिक पैदावार करके अपनी आय क्षमता को बढ़ा सकते हैं और साथ में ही दुनिया की बढ़ती धान की माँग को भी पूरा कर सकतें हैं।
अगर आप अभी तक राइस ट्रांसप्लांटर मशीन (Rice Transplanter machine) की क्षमताओं से वाक़िफ़ नहीं हैं और इसके लाभों को जानना चाहतें हैं साथ ही अपने लाखो रुपये बचाना चाहते है तो आगे पढ़ना जारी रखे क्योंकि हम आपके लिए राइस ट्रांसप्लांटर मशीन से जुडी हर महत्वपूर्ण जानकारी लाएं है।
पहले जान लेते है राइस ट्रांसप्लांटर क्या है?
राइस ट्रांसप्लांटर(Rice Transplanter) एक कृषि मशीन है जिसकी मदद से किसान चावल के पौधे रोपने की प्रक्रिया को स्वचालित कर सकते है। इसमें एक सीडलिंग ट्रे होती है जो पहले से अंकुरित बीजों को स्टोर करके रखती है। इन बीजों को इस मशीन के कन्वेयर सिस्टम की मदद से बीज बोने की जगह तक पहुँचाया जाता है। यह कन्वेयर सिस्टम चैन या बेल्ट आधारित होता है।
इसके अलावा इस मशीन में एक रोपण तंत्र भी होता है जो पहले से ही निर्धारित सेटिंग्स के अनुसार अंकुरित बीजों को मिट्टी में डालने का काम करता है। इस मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर उपयोग में लाया जा सकता है। इसलिए इसको ट्रैक्टर से धान लगाने की मशीन (Dhaan lagane ki machine)के नाम से भी जाना जाता है।
राइस ट्रांसप्लांटर मशीन के फायदे:- जो बनाते है इसे हाथ की बुबाई से बेहतर
अगर किसान एक सही धान लगाने वाली मशीन (dhaan lagane wali machine) को खरीदते है और इसका सही तरीके से इस्तेमाल करतें हैं तो उनको कईं तरह के फ़ायदे हो सकते हैं।
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धान रोपाई यंत्र मैन्युअल तरीकों की तुलना में धान की रोपाई में लगने वाले समय और लेबर को काफी हद तक कम कर देता है। किसान कम श्रम का उपयोग करके भी अधिक धान की फसल लगा सकतें है।
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धान रोपाई मशीन (dhan ki ropai ki machine) से किसान धान के पौधों को सामान दुरी पर बो सकतें हैं। उचित दुरी होने से धान के पौधे सही मात्रा में पोषण पा कर अच्छी तरह से बढ़ते हैं और फसल अच्छी होती है।
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हाथ से धान की रोपाई करना बहुत सारे किसानो के शारीरिक रूप से बहुत कठिन हो सकता है। राइस ट्रांसप्लांटर मशीन (Rice ransplanter machine) के मदद से किसान शारीरिक श्रम को कम करके आसानी से धान बोने का काम कर सकतें हैं।
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राइस ट्रांसप्लांटर मशीन किसानों को सही समय पर रोपण करने में सक्षम बनाती है।
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कुछ आधुनिक ट्रांसप्लांटर्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वो पानी का कम से कम उपयोग कर सकें। इससे जल संरक्षण में योगदान मिलता है।
5 कारण क्यों है राइस ट्रांसप्लांटर किसानो के लिए जादुई मशीन:-
साथ ही दे बचत का सुनहरा अवसर
धान लगाने की मशीन (Dhaan lagane ki machine) का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि यह किसानों को धान की फसल में लगने वाली लागत को कईं तरीको से कम कर सकती है। चलिए अब हम आपको बताते है कि यह कैसे मुमकिन है।
कम लोगों की आवश्यकता
अगर आप एक बड़े पैमानें पर धान की खेती करतें है तो आपको अधिक लेबर की जरूरत पड़ती है। बल्कि एक सामान्य स्तर पर खेती करने के लिए भी एक समय पर 4 से 15 लोगो तक की ज़रूरत पड़ सकती है। इतने लोगो को खेती के लिए एक साथ लाने के लिए बड़ी लगात लगती है। लेबर की लागत अंदाजन रू.1500 – 3000 / एकड़ है। इस हिसाब से अगर सिर्फ 4 लोगो को भी खेती के काम पर लगाया जाता है तो कुल खर्चा रू.6000 -12,000 तक हो सकता है।
पर चावल रोपाई यंत्र की मदद से सिर्फ दो लोग, एक ऑपरेटर और एक हेल्पर, की मदद से ही बड़े स्तर पर धान की खेती की जा सकती है। अगर आप ट्रैक्टर से धान लगाने वाली मशीन (dhaan lagane wali machine) का उपयोग करतें हैं तो आपकी अंदाजन लागत रू. 800-1000/ एकड़ आती है।
कम समय में अधिक क्षेत्र पर काम
अगर हम धान लगाने वाली मशीन की तुलना मैनुअल ट्रांसप्लांटेशन से करते हैं तो हमे पता चलता हैं कि चावल रोपाई यंत्र एक दिन में 6-8 एकड़ की जमीन की रोपाई कर सकता है। जबकि मैनुअल ट्रांसप्लांटेशन से किसान दिन में सिर्फ 1 -2 एकड़ की जमीन की रोपाई कर सकता है। खेतों पर काम करने की क्षमता के बढ़ जाने से किसान समय और लेबर की बचत कर पातें है।
कम संसाधनों की खपत
धान रोपाई मशीन (dhan ki ropai ki machine) की वजह से किसान एक सही और सटीक पैटर्न में धान के पौधों को बो सकता है जिससे ट्रांसप्लांटेशन एक सामान तरीके में होता है। सही दूरी में लगे धान के पौधो की वजह से किसानों के लिए खेतों में आवाजाही करना आसान हो जाता हैं। वो आसानी से कीटनाशको और उर्वरको का छिड़काव कर सकतें हैं। वो बिना व्यर्थ किये कीटनाशको और उर्वरको को धान के पौधों तक पहुँचा सकतें है। इसके साथ-साथ, धान के खेतों से खरपतवार को हटाना भी किसानो भाइयों के लिए आसान हो जाता है।
खेतों में खरपतवार के ना होने से कीटनाशको और उर्वरको से मिलने वाला सारा फ़ायदा सिर्फ धान की पौधे ही ले पातें हैं, जिससे उनकी पैदावार अच्छी होती है।
कम ख़राब फसल होने की संभावना
किसान अपनी कुल फसल का एक बहुत बड़ा हिस्सा सिर्फ इसलिए खो देता है क्योंकि कुछ पौधे अच्छे से नहीं बढ़ पातें है। इसका एक बहुत बड़ा कारण है बीजों की सही रोपाई नहीं होना। जब किसान हाथों से बीज बोता है तो हर बीज के लिए एक सही गहराई और दूरी बनाना बहुत मुश्किल है। पर धान रोपाई मशीन (dhan ki ropai ki machine) यह काम अच्छे से कर पाती है। इसकी मदद से 10 -15 % अधिक पैदावार हासिल कर सकते है। 1,000 टन की हाथ से होने वाली पैदावार बढ़ कर 1,100-1,500 टन हो जाएगी जिससे किसानों के पास बिक्री के लिए अधिक फसल होगी।
कम पानी की खपत
धान लगाने की मशीन (Dhaan lagane ki machine) की मदद से किसान अपनी पानी की खपत को कम करके अपने सालाना पानी के बिल को कम कर सकते हैं। हाथोँ से बुआई के बदले, चावल रोपाई यंत्र 25-30% तक कम पानी की खपत होती है। इससे किसानों का पानी का बिल 25-30% तक कम हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर के किसान का एक साल का पानी का बिल 10,000 रू. आता है तो चावल रोपाई यंत्र के उपयोग के बाद यह बिल सिर्फ 7,000 -7,500 रू. ही रह जायेगा।
राइस ट्रांसप्लांटर बनाम मैनुअल ट्रांसप्लांटेशन
(Rice Transplanter vs Manual Transplantation)
मैनुअल ट्रांसप्लांटेशन | राइस ट्रांसप्लांटर | |
जनशक्ति | 4 - 15 व्यक्ति | 1 ऑपरेटर + 1 सहायक |
एरिया कवर | 1-2 एकड़/दिन | 6-8 एकड़/दिन |
उपज | - | मैन्युअल प्रत्यारोपण से 10-15% अधिक |
पानी की खपत | - | मैन्युअल रोपाई की तुलना में भूमि की तैयारी के लिए 25-30% कम पानी की आवश्यकता होती है |
श्रम लागत | रु. 1500 - 3000 / एकड़ | रु. 800-1000 प्रति एकड़ (नर्सरी के बिना केवल रोपाई) ईंधन (गैसोलीन): 4-4.5 लीटर/एकड़ + परिवहन + रखरखाव + 1 ऑपरेटर + 1 सहायक |
प्रत्यारोपण पैटर्न | असमान | समान |
खेत में निराई-गुड़ाई एवं उर्वरक | असमान रोपाई के कारण कठिन | समान रोपाई के कारण त्वरित और आसान |
चलिए अब राइस ट्रांसप्लांटर मशीन की कीमत भी जान लेते है!
भारत में राइस ट्रांसप्लांटर मशीन की कीमत कईं बातों पर निर्भर करती है जैसे कि चावल रोपाई यंत्र की विषेशताएं, मॉडल, और उसकी क्षमताएँ। राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत रू. 30,000* से शुरू होती है और यह रू. 4.50 लाख* तक पहुँच सकती है।
किसानो के लिए भारतीय बाज़ारों में बहुत सारे विकल्प है जैसे महिंद्रा राइस ट्रांसप्लांटर एमपी-46, वीएसटी 8 पंक्ति धान ट्रांसप्लांटर, और कुबोटा केएनपी-4डब्ल्यू। किसान अपनी ज़रूरतों के हिसाब से एक धान लगाने वाली मशीन (dhaan lagane wali machine) खरीद सकतें हैं।
तो क्या आप बचत करने के लिए तैयार है ?
ट्रैक्टर से धान लगाने वाली मशीन की मदद से किसान धान की खेती में होने वाले खर्चे को बहुत सारे तरीको से कम कर सकतें और अधिक पैदावार हासिल कर सकतें है। कम खर्चा और और बिक्री के लिए अधिक फसल के चलते किसानों के लिए अपनी वार्षिक आय को बढ़ाना आसान हो जाता है। इसलिए धान रोपाई मशीन को खरीदना एक समझदारी भरा कदम है। तो आप यह कदम कब उठाने जा रहे है ?
इसके लिए आपको राइस ट्रांसप्लांटर मशीन की कीमत और धान रोपाई मशीन के मॉडल्स के बारे में सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है और ट्रैक्टरज्ञान पर आपको यह सब जानकारी एक ही जग़ह मिलेगी।
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