किसानों को मिली नई सौगात, जीरो ब्याज दर पर ऋण चुकाने की अवधि बढ़ाई | ट्रैक्टरज्ञान
किसानों के लिए सरकार हर समय नई योजनाएं लेकर आती है. जिसमें सरकार किसान के लिए योजना लाकर उन्हें मुनाफा देने का प्रयास करती रहती है. ऐसे ही मध्यम वर्गीय किसानों और निम्न स्तर के किसानों के लिए सरकार ने जीरो ब्याज दर पर ऋण देने का काम किया है जिसमें सरकार ने किसानों को बिना किसी ब्याज के ऋण दिया और अब इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है.
बता दें की खेती के लिए किसानों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वार कईं लाभकारी योजनाएं चलाई जाती है जिनका उद्देश्य किसानों तक उसका लाभ पहुंचाना और खेती को और मुनाफेदार और सरल बनाने का प्रयत्न किया जाता है. जिससे की किसानों की आय में भी वृद्धि हो सके. केंद्र हो चाहे राज्य सरकार दोनों ही अपने स्टार पर किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाकर किसानों को लाभ पहुँचाने का कार्य कर रही है. ऐसे में बात करे राजस्थान की तो गहलोत सरकार ने हाल ही में हुए बजट स्तर में अलग से कृषि बजट पेश करने की घोषणा की है तो वहीं मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने किसानों को कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण देने की योजना शुरू की है. तो आइए शिवराज सरकार शुरू की गई इस योजना की विस्तृत से चर्चा करें.
मध्यप्रदेश सरकार की शून्य ब्याज दर पर ऋण योजना :-
मध्यप्रदेश सरकार ने शून्य ब्याज दर पर किसानों को ऋण देने की योजना को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. वर्ष 2022-2023 के लिए किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए बांटने का टारगेट तय किया गया है. हाल के वित्तीय वर्ष में इस योजना के तेहत 30 लाख किसान लाभ उठा चुके हैं. इन किसानों को 24 दिसंबर 2021 तक 13 हजार 707 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा गया है. सही समय पर पैसे को वापिस करने वाले किसानों को इससे काफी फायदा पहुंचने वाला है. बता दें पिछले महीने ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पांच सौ करोड़ रुपए के शेयर केपिटल देने का प्रावधान किया गया है.
मार्कपेड (मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित) को इस रकम से खरीद और खाद व्यवसाय के लिए बिना ब्याज का पैसा उपलब्ध हो जाने की सुविधा होगी. सहकारिता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से आयोजित एक वैठक में इस बात की जानकारी दी गई है.
आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहुहान ने कहा है कि कृषि और पशुपालन के साथ ही नए-नए क्षेत्रों में सहकारिता का उपयोग किया जाए. मत्स्य पालन, बकरी पालन, ग्रामीण परिवहन सेवा, हेल्थ सेक्टर, पर्यटन, विभिन्न खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण कार्य में सहकारिता से सकारात्मक परिवर्तन सम्भव है. सहकारिता को समझते हुए अधिकारी रोडमैप तैयार करें.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सहकारिता में कम्प्यूटर के उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया. वहीं बड़े नगरों में गृह निर्माण सहकारी समितियों की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने का काम करने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सक्षम बनाने के अभियान को भी गति देने की आवश्यकता है.
वहीं दूसरी ओर सीएम ने कहा कि जिन बैंकों की परफॉरमेंस खराब है उन सभी पर नजर रखने की आवश्यकता है जिससे की पता चल सके कि वे पूंजी का सही उपयोग कर रहे है या नहीं कर रहे हैं. और यदि किसी बैंक का परफॉरमेंस अच्छा नहीं है तो उन्हें शासकीय शेयर कैपिटल देने का औचित्य नहीं है.
बता दें कि प्रदेश के जिन किसानों के पास केसीसी है उन्हें शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो सकेगा. किसान क्रेडिट कार्ड की सहायता से कम ब्याज दर पर बैंकों से कृषि लोन ले सकते हैं. इसमें ब्याज की दर भी साधारण ऋण के मुकाबले कम होती है और कभी कभी तो शून्य ब्याज दर यानि बिना ब्याज के किसानों को पैसा उधार दिया जाता है. ये अल्पकालीन और दीर्घकालीन दो प्रकार के हो सकते है. इस समय मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शून्य ब्याज दर पर किसानों को ऋण दिया जा रहा है.
किन-किन बैंकों से बनवाएं केसीसी :-
जो किसान भाई केसीसी यानि क्रेडिट कार्ड बनाना चाहते हैं वे बैंक में जाकर केसीसी के लिए एप्लाई कर सकते हैं. किसान लोग को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ इंडिया और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया से सम्पर्क कर सकते है.
बता दें फिलहाल किसान क्रेडिट कार्ड पर किसानों को 3 लाख रुपए तक का लों दिया जा रहा है. विअसे खेती के लिए लों करीब 9 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से मिलता है. लेकिन केसीसी पर किसानों को सरकार दो फीसदी की सब्सिडी देती है और समय पर ऋण देने पर ब्याज तीन प्रतिशत अतिरिक्त छूट देती है. इस तरह केसीसी से किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ही लोन मिल पाना संभव होता है|
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