30 Jun, 2021
ट्रैक्टर कई प्रकार के होते हैं, विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरह के ट्रैक्टर इस्तेमाल किए जाते हैं। ट्रैक्टर के कुछ प्रकार तो ऐसे है जिनके बारे में आपने सुना ही नहीं होगा और इनके फीचर्स आपको चोका देंगे।
शायद आपको लगता हो, आपको ट्रैक्टर की पूरी जानकारी है। लेकिन आप ग़लत हो सकते हैं क्योंकी ट्रैक्टर केवल वही नहीं जो आमतौर पर किसानी में इस्तेमाल किए जाते हैं। ट्रैक्टर कई प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में शायद आपने अब तक सुना ही ना हो। हर तरह के कार्य के हिसाब से ट्रैक्टर हैं और उनमें इतने अलग तरह के फिचर होते हैं, जो कई बार लोगों को अचरज में डाल देते हैं। तो आईए जानते हैं अलग अलग प्रकार के ट्रैक्टरों के बारे में।
यूटिलिटी ट्रैक्टर (Utility Tractors) -
यहां सामान प्रकार के ट्रैक्टर होते हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर किसान ही करते हैं। खेतों में इनका इस्तेमाल बुवाई के लिए व ढूलाई के लिए किया जाता है। इनका इस्तेमाल मुख्य तौर से यंत्रों को बांध के उन्हें मिट्टी के ऊपर खींचने के लिए किया जाता है, कटाई के समय भी ये हार्वेस्टर, थरेशर आदि यंत्रों के साथ उपयोग में लिए जाते हैं और ढुलाई का कार्य तो इनसे आप कर ही सकते हैं। 40-45 एचपी से अधिक पॉवर यह यूटिलिटी ट्रैक्टर भी विभिन्न प्रकार के होते हैं और इनका उपयोग भी कई जगह होता है।
40 एचपी से कम पॉवर में भी इस तरह के ट्रैक्टर आते हैं जो छोटे क्षेत्रों में खेती व सीमित यंत्रों के उपयोग के लिए उपयुक्त होते हैं, इन्हें कॉम्पैक्ट यूटिलिटी ट्रैक्टर कहा जाता है।
ऑर्चर्ड टाइप ट्रैक्टर (Orchard Type Tractors) -
यह ट्रैक्टर मुख्य तौर से फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए डिजाइन किए गए हैं। यह मिनी ट्रैक्टर होते हैं, थोड़े कम पावर मिनी में होते हैं, थोड़े ऊंचे होते हैं जिससे पेड़ की ऊंची टहनियों तक पहुंच बने। इसके साथ ही यह कम जगह में तेजी से घूमने और पीछे की तरफ चलने के लिए तैयार किए जाते हैं। कई बड़ी ट्रैक्टर कंपनियां शानदार ऑर्चर्ड ट्रैक्टर बनाते हैं, इनमें सबसे लोकप्रिय फोर्स का ऑर्चर्ड डीएलएक्स ट्रैक्टर है।
अर्थ मूविंग ट्रैक्टर (Earth Moving Tractors) -
अर्थ मूविंग ट्रैक्टरों को काफी मजबूत और अत्यधिक भारी होते हैं, और वे टायर और ट्रैक दोनों प्रकार के होते हैं। यदि आप किसी निर्माण स्थल पर काम कर रहे हैं, जिसमें बांधों और खदानों पर काम भी शामिल है, तो अर्थ मूविंग ट्रैक्टर काम आ सकता है।
वे कई अन्य कार्यों के अलावा, बेसमेंट और नए निर्माण के लिए गड्डे खोदने के लिए मिट्टी को स्थानांतरित करते हैं। उनका उपयोग गंदगी, मलबे, चट्टानों, मिट्टी, या यहां तक कि लकड़ी जैसी चीजों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
बुलडोजर, बैक हो लोडर (जेसीबी) आदि कुछ जाने पहचाने अर्थ मूविंग ट्रैक्टर हैं।
रॉ क्रॉप ट्रैक्टर (Row Crop Tractor) -
रो क्रॉप ट्रैक्टर्स को खेतों में फसल की सीधी लाइन में सटीक बुआई और उसके रखरखाव के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक लाइन में फ़सल जहां होती है, ये ट्रैक्टर फसलों को इतनी चौड़ी पंक्तियों में बो सकता है। इनकी मदद से खेती करके आप अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करते हैं और अपने ज्यादा रिटर्न मिलता है। रो क्रॉप ट्रैक्टरों का उपयोग पावर-हैरोइंग, स्पीड डिस्किंग, सीडिंग और सबसे महत्वपूर्ण छिड़काव के लिए किया जा सकता है। इस तरह के ट्रैक्टरों में जॉन डियर, ऑटोट्रेक तकनीक लेकर आया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।
गार्डन ट्रैक्टर (Garden Tractors)-
यह मिनी ट्रैक्टर (mini tractor) होते हैं सबसे छोटे ट्रैक्टर होते हैं पहले केवल 10 एचपी तक ही आते थे अब 20hp तक भी यह ट्रैक्टर आते हैं। इनका उपयोग सीधे तौर पर बाग बगीचे वाले किसान ही करते हैं। किसी भी बगीचा के सभी छोटे बड़े कामों की है यह ट्रैक्टर उपयुक्त होते हैं। कई बडी ट्रैक्टर कंपनी इस तरह के ट्रैक्टर बनाते हैं जिनमें वह हर तरह फीचर्स भी रखती हैं, जैसे आपको यूटिलिटी ट्रैक्टर और कॉम्पैक्ट यूटिलिटी ट्रैक्टर में देखने को मिल ते हैं।
दो और तीन पहिया ट्रैक्टर (Two and three wheeled tractor)-
ट्रैक्टर में एक अलग प्रकार उभर कर आता है पहियों की संख्या के कारण। चार पहिए वाले ट्रैक्टर तो आमतौर पर इस्तेमाल किए ही जाते हैं। इनके अलावा तीन पहिए वाले और दो पहिए वाले ट्रैक्टर भी होते हैं। दोपहिया में ऐसा ट्रैक्टर होता है जिसमें ड्राइवर नहीं होता, एक विशेष प्रकार के दो पहिए ट्रैक्टर को हम रोटरी टिलर कहते हैं, यहां भी छोटे किसानों के लिए एक बड़े काम का कृषि यंत्र है।
तीन पहिया ट्रैक्टर की बात की जाए तो पूर्व में इनका चलन काफी था, आज भी कई कंपनियां और कई जुगाड़ू किसान इस तरह के तीन पहिए ट्रैक्टर बनाते हैं, इनमें मोटरसाइकिल से जुगाड़ से बनाया गया ट्रैक्टर भी शामिल है।
अगर आप इस तरह के ट्रैक्टरों की ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें-
https://tractorgyan.com/tractor-industry-news-blogs/582/have-you-seen-a-three-wheel-tractor
आपको यह भी बता दें कुछ ट्रैक्टर बिना पहियों के होते हैं, इन्हें ट्रैक ट्रेक्टर कहा जाता है, यह किसी भी सतह पर चल सकते हैं।
ड्राइवर लैस ट्रैक्टर (Driverless tractor)-
तकनीकी उन्नता के कारण आज हमें ट्रैक्टरों में कई नए प्रकार भी देखने को मिल रहें हैं। ड्राइवरलेस ट्रैक्टर वह ट्रैक्टर होते हैं जिन्हें चलाने के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती यह ट्रैक्टर अपने आप ही चलते हैं। इन्हें ऑटोमैटिक ट्रैक्टर भी कहा जाता है क्योंकी इनमें वो सभी तकनीकि विशेषताएं होती हैं जिनके जरिए ट्रैक्टर में हर काम अपने आप होता है। जीपीएस सिस्टम, सैटेलाइट रिसीवर, टच स्क्रीन, कई प्रकार के सेंसर और स्मार्ट फोन जैसी तकनीकों के जरिए यह सब संभव हो पाया है।
आज कई नामी कंपनियां इस तरह की तकनीक को प्रोढ़ कर ऑटोमेटिक ट्रैक्टर बनाने की जुगत में लगी है। महिंद्रा अपने ड्राइवरलेस ट्रैक्टर के साथ सबसे आगे नजर आती है।
इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर (Industrial tractor)-
यह वह ट्रैक्टर हैं जिन्हें कृषि के लिए नहीं बल्कि पूरी तरह से इंडस्ट्री के कामों के लिए ही तैयार किया गया है। यह ट्रैक्टर मुख्य रूप से गड्ढा खोदने व ढुलाई आदि के कार्यों लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कृषि के अलावा अन्य उद्योगों में भी ट्रैक्टर की हमेशा से जरूरत रही है, लकड़ी आदी सामान ढोना हो, कहीं गड्डे खोदना हो, लोडर के जरिए कोई सामान स्थांतरित करना हो या या किसी भारी वाहन को खींचना हो।
आपको जानकर अचरज होगा कि ट्रैक्टर का इस्तेमाल तो एयर फोर्स के विमानों को खीचने के लिए और मिलिट्री में बंदूक व आर्टलरी ढोने के लिए भी किया जाता रहा है। ऐसे में इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर ज्यादा ताकत के साथ और उन्नत फीचर्स के साथ इस तरह के कार्यों को आसानी से कर जाते हैं।
जॉन डियर, फोर्ड और एस्कॉर्ट्स जैसी कंपनियां इंडस्ट्रियल ट्रैक्टर बनाती हैं, जिनमें कृषि के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टरों से अलग फीचर्स होते हैं और टायर व सीटिंग व्यवस्था के कारण कई दफा या ट्रैक्टर दिखने में भी बहुत अलग होते हैं।
तो यहां हमने बताया की मुख्य रूप से कितने प्रकार के ट्रैक्टर होते हैं, इनके अलावा भी ट्रैक्टरों को कई फीचर्स के आधार पर बांटा जा सकता है। ईंधन के आधार पर भी हम अगर देखें तो अलग-अलग प्रकार के ट्रैक्टर आजकल बाजार में देखने को मिलेंगे। अब तक जहां डीजल इंजन वाले ट्रैक्टर इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, आज बाजार में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) का भी चलन बढ़ा है और अब तो सीएनजी ट्रैक्टर (CNG tractor) भी आ गया है। इनकी जानकारी भी आपको ट्रैक्टर ज्ञान पर मिल जाएगी, दी गई लिंक पर क्लिक करें-
https://tractorgyan.com/tractor-industry-news-blogs/635/gadkari-ji-launches-indias-first-cng-tractor
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